बिहार के ऑटो रिक्शा वाले RK Srivastava, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्डस में नाम दर्ज
बिहार के आरके श्रीवास्तव सैकडों गरीबों को आईआईटी, एनआईटी, बीसीईसीई सहित देश के प्रतिष्ठित संस्थानो मे दाखिला दिलाकर उनके सपने को पंख लगा चुके है। 540 स्टूडेंट्स को इंजीनियर बना चुके है।
बिहार: राज्य के रोहतास जिले में रहने वाले शिक्षक आरके श्रीवास्तव न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया के इंजीनियरिंग स्टुडेंट्स के बीच एक चर्चित नाम हैं। इनका ‘1 रूपया गुरु दक्षिणा’ प्रोग्राम विश्व प्रसिद्ध है। इसके तहत वे आर्थिक रूप से गरीब स्टूडेंट्स को 1 रूपया गुरु दक्षिणा लेकर इंजीनियर बना रहे। आरके श्रीवास्तव की लोकप्रियता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद उनके शैक्षणिक कार्यशैली के तहत आर्थिक रूप से गरीब स्टूडेंट्स को 1 रूपया में इंजीनियर बनाकर राष्ट्र निर्माण मे योगदान के लिये प्रशंसा कर चुके है।
1 रूपया में शिक्षा देकर इंजीनियर बनाया
बिहार के आरके श्रीवास्तव गरीब स्टूडेंट्स को सिर्फ 1 रूपया में शिक्षा देकर इंजीनियर बना रहे हैं। आपको बताते चले की बिहार के आरके श्रीवास्तव सैकडों गरीबों को आईआईटी, एनआईटी, बीसीईसीई सहित देश के प्रतिष्ठित संस्थानो मे दाखिला दिलाकर उनके सपने को पंख लगा चुके है। 540 स्टूडेंट्स को इंजीनियर बना चुके है।
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गणित में बहुत अधिक रुचि
रोहतास के जमोढी गांव निवासी आरके श्रीवास्तव बताते हैं कि उन्हें बचपन से ही गणित में बहुत अधिक रुचि थी जो नौंवी और दसवी तक आते-आते परवान चढ़ी। आरके श्रीवास्तव की बचपन भी काफी गरीबी से गुजरा है। परन्तु अपने कड़ी मेहनत, उच्ची सोच, पक्का इरादा के बल पर आज देश में मैथमेटिक्स गुरु के नाम से मशहूर है। वे कहते हैं कि मेरे जैसे देश के कई बच्चे होंगे जो पैसों के अभाव में पढ़ नहीं पाते। आरके श्रीवास्तव अपने छात्रों में एक सवाल को अलग-अलग मेथड से हल करना भी सिखाते हैं।
बिहार का बढ़ा मान सम्मान
आरके श्रीवास्तव के शैक्षणिक कार्यशैली के तहत बढ़ती लोकप्रियता ने बिहार का मान सम्मान बढ़ाया है। अपने कड़ी मेहनत, उच्ची सोच, पक्का इरादा के बल पर लाखों युवाओं के रॉल मॉडल बन चुके हैं। देश के महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी आरके श्रीवास्तव के शैक्षणिक कार्यशैली की प्रशंसा कर चुके हैं। शैक्षणिक मीटिंग के दौरान मैथेमैटिक्स गुरू के नाम से महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इन्हें सम्बोधित भी कर चुके है।
'जीतने वाले छोड़ते नहीं, छोड़ने वाले जीतते नही'
आरके श्रीवास्तव ने युवाओं को हमेशा बताया कि "जीतने वाले छोड़ते नहीं, छोड़ने वाले जीतते नही " के मार्ग पर हमेशा आगे बढ़ें। आपको सफलता पाना है तो कई असफलता के बाद भी अपने लक्ष्य को छोड़े नहीं उसे पाने के लिये निरंतर परिश्रम करते रहे, आपको एक दिन सफलता जरुर मिलेगी। यह बिहारी गुरू देश के अलग-अलग राज्यों के शैक्षणिक एवं समाजिक कार्यक्रमों मे अपने सम्बोधन से बिहार के मान सम्मान को हमेशा आगे बढ़ाते रहा है।
बिहार है महापुरुषों की भूमि
शिक्षा के तहत राष्ट्र निर्माण मे नि:स्वार्थ योगदान वाले ऐसे सारे गुरुओ को सलाम है। आपको बताते चलें कि बिहार आदिकाल से ही महापुरुषों की भूमि रही है। जिन्होने हिंदुस्तान सहित पूरे विश्व को मार्ग दिखाया। तब आसमां भी आयेगी जमी पे, बस इरादों में जीत का जुनून चाहिए। आज इन्ही पंक्ति को जीवंत कर रहे मैथमेटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तवा। निर्धन छात्रों के इरादों को सम्बल प्रदान कर उनके सपनो को साकार किया है। बिक्रमगंज जैसे छोटे शहर में आरके श्रीवास्तवा ने कई निर्धन छात्रों को निःशुल्क पढ़ाकर आईआईटी ,एनडीए और अन्य इंजिनयरिंग कॉलेजों में दाखिला के लिये कामयाब किया।
540 गरीब स्टूडेंट्स को बनाया इंजीनियर
एक रुपया में पढ़ाने वाले आरके श्रीवास्तव 540 गरीब स्टूडेंट्स को इंजीनियर बना चुके हैं। बिहार के रोहतास जिले के रहने वाले आरके श्रीवास्तव देश में मैथेमैटिक्स गुरु के नाम से मशहूर हैं। खेल-खेल में जादुई तरीके से गणित पढ़ाने का उनका तरीका लाजवाब है। कबाड़ की जुगाड़ से प्रैक्टिकल कर गणित सिखाते हैं। सिर्फ 1 रुपया गुरु दक्षिणा लेकर स्टूडेंट्स को पढ़ाते हैं। आर्थिक रूप से सैकड़ों गरीब स्टूडेंट्स को आईआईटी, एनआईटी, बीसीईसीई सहित देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में पहुँचाकर उनके सपने को पंख लगा चुके हैं।
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वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्डस ने नाम दर्ज
बता दें कि वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्डस और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी आरके श्रीवास्तव का नाम दर्ज है। इनके द्वारा चलाया जा रहा नाइट क्लासेज अभियान अद्भुत, अकल्पनीय है। स्टूडेंट्स को सेल्फ स्टडी के प्रति जागरूक करने लिये 450 क्लास से अधिक बार पूरी रात लगातार 12 घंटे गणित पढ़ा चुके हैं। इनकी शैक्षणिक कार्यशैली की खबरें देश के प्रतिष्ठित अखबारों में छप चुकी हैं, विश्व प्रसिद्ध गूगल ब्वाय कौटिल्य के गुरु के रूप में भी देश इन्हें जानता है।
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