कोर्ट ने डॉ. सुनीता चंद्रा को BBAU में बतौर रजिस्ट्रार कार्य करने पर लगाया बैन हटाया

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने डॉ. भीमराव अंबेडकर सेंट्रल यूनिवर्सिटी की रजिस्ट्रार डॉ. सुनीता चंद्रा को बतौर रजिस्ट्रार काम करने पर लगाया बैन हटा लिया।

Update: 2017-05-05 04:07 GMT
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लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने डॉ. भीमराव अंबेडकर सेंट्रल यूनिवर्सिटी की रजिस्ट्रार डॉ. सुनीता चंद्रा को बतौर रजिस्ट्रार कार्य करने पर लगाया बैन हटा लिया है।

कोर्ट ने गत 20 फरवरी को उनके कार्य करने पर अंतरिम रोक लगा दी थी। कोर्ट ने 1 मई को याचिका का निस्तारण करते हुए कहा था कि उनके डेपुटेशन के बावत यूनिवर्सिटी का बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट निर्णय लेगा और तब तक वे अपने पद पर कार्यरत करती रहेंगी।

यह आदेश जस्टिस एपी साही और जस्टिस संजय हरकौली की बेंच ने यूनिवर्सिटी के ही एक प्रेाफेसर डॉ. कमल जायसवाल की ओर से दायर एक रिट याचिका पर पारित किया।

याची ने याचिका दायर कर कहा था कि डॉ. सुनीता चंद्रा से पूछा जाए कि वे किस अधिकार से रजिस्ट्रार के पद पर बनी हैं। याची का तर्क था कि वह तीन साल के डेपुटेशन पर यूनिवर्सिटी आई थीं और वह समय पूरा हो चुका है। लिहाजा उनका डेपुटेशन पीरियड नही बढ़ाया जा सकता है। कहा गया कि डॉ. चंद्रा को पद से तत्काल हटाया जाना चाहिए।

वहीं याचिका का विरोध करते हुए डॉ. चंद्रा की ओर से कहा गया कि यूनिवर्सिटी ने ही उन्हें डेपुटेशन पर ज्वाइन कराया था। अतः डेपुटेशन की समयावधि बढ़ने में कोई अड़चन नहीं है। उनकी ओर से तर्क दिया गया कि रिट पोषणीय नहीं है और यह दुर्भावना से दायर की गई है।

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