इस शख्स ने असफलता से चखा सफलता का स्वाद, 9 प्रयास में बने IAS

आज हम आपको ऐसे शख्स के  बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने 9वें प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास की। ये शख्स उन उम्मीदवारों के लिए उदाहरण हैं

Update:2020-10-01 09:57 IST
जिसके बाद उन्होंने तीन बार और यूपीएससी की परीक्षा दी, लेकिन उसमें भी असफल रहे

नई दिल्ली : एक बार परीक्षा में सफल ना हो तो लोगो हचाश हो जाते हैं, और हार मान लेते है, लेकिन कुछ शख्स ऐसे भी है जिन्होंने कई बार असफलता का स्वाद चखा और आज सफल हुए। कुछ ऐसा ही यूपीएससी की परीक्षा मुश्किल परीक्षा में से एक होती है। इसे पास करने के लिए दिन रात एक करने पड़ते हैं। आज हम आपको ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने 9वें प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास की। ये शख्स उन उम्मीदवारों के लिए उदाहरण हैं जो यूपीएससी परीक्षा में फेल होने के बाद उम्मीद छोड़ देते हैं।

जानते हैं इनके बारे में। इन शख्स का नाम डी बाला नागेन्द्रन है, जो जन्म से नेत्रहीन हैं। उन्होंने 2019 में UPSC परीक्षा को पास कर दिखाया था। इस परीक्षा को पास करना उनके लिए आसान काम नहीं था डी बाला नागेन्द्रन अब एक यूपीएससी आईएएस अधिकारी हैं। वह बचपन से ही IAS बनने का सपना देखा करते थे। उन्होंने UPSC सिविल सेवा 2019 की परीक्षा में 659वीं रैंक हासिल कर अपना ये सपना पूरा कर लिया है।

अंग्रेजी भाषा सीखने की कोशिश

वह कक्षा 10वीं तक तमिल भाषा में पढ़ाई कर चुके हैं । ऐसे में उन्होंने अंग्रेजी भाषा सीखने की कोशिश की। डी बाला नागेन्द्रन चार पर लगातार यूपीएससी की परीक्षा में फेल होते रहे। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।

साल 2011 में यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की थी। लेकिन उस समय उन्हें सभी किताबों को ब्रेल भाषा में परिवर्तित करने में कुछ मुश्किल आई। वह पहले प्रयास में असफल रहे। जिसके बाद उन्होंने तीन बार और यूपीएससी की परीक्षा दी, लेकिन उसमें भी असफल रहे। इतनी बार असफलता का सामना कर जहां एक आम आदमी हार मान जाता है, वहीं डी बाला नागेन्द्रन ने अपनी इस हार को ताकत बनाया और पांचवें प्रयास के लिए तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने अपना आत्मविश्वास कमजोर नहीं होने दिया।

 

फाइल फोटो

लक्ष्य के प्रति इतने महत्वाकांक्षी

डी बाला नागेन्द्रन अपने लक्ष्य के प्रति इतने महत्वाकांक्षी रहे कि उन्होंने हार शब्द को अपनी डिक्शनरी से हटा दिया। ये सच है कि वह नेत्रहीन हैं, लेकिन 31 साल के डी बाला नागेद्रन का कहना है, '' मैंने कभी भी इसे बाधा नहीं माना, क्योंकि मैं इसी तरह पैदा हुआ था।''9 साल की कड़ी मेहनत के बाद (UPSC) सिविल सेवा 2019 की परीक्षा में उन्होंने 659वीं रैंक हासिल की है। रिजल्ट 6 अगस्त 2020 को जारी किया गया था।

 

असफलता के बाद सफल

लगातार चार बार फेल होने के बाद डी बाला नागेन्द्रन ने पहली बार यूपीएससी की परीक्षा पास की। उन्होंने 927 वीं रैंक हासिल की थी और उनका चयन Group-A services के लिए हुआ था। लेकिन उन्होंने इसे ज्वाइन नहीं किया। बाला नागेन्द्रन ने ये फैसला इसलिए लिया था, क्योंकि उनका फोकस भारतीय प्रशासनिक सेवाओं (IAS) था। जिसके बाद उन्होंने साल 2017 में फिर यूपीएससी की परीक्षा दी और 1 अंक के संकीर्ण अंतर से अपने लक्ष्य से चूक गए। जिसके बाद वह सातवें- आठवें प्रयास में भी असफल रहे थे।

 

फाइल फोटो

सफलता मेरे कदम चूमेगी

डी बाला नागेन्द्रन ने यूपीएससी की परीक्षा को 9वें प्रयास में पास किया। उन्होंने साल 2019 में यूपीएससी परीक्षा पास की। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था, "मुझमें आत्मविश्वास था, मैं जानता था कि एक सफलता मेरे कदम चूमेगी। इसीलिए मैंने 9वें प्रयास में एक दिन भी हार नहीं मानी। इतने सारे प्रयास में मैंने गलतियां कीं, लेकिन हर प्रयास के साथ मैं अपनी गलतियां सुधारता रहा।

 

साल 2017 में सिर्फ एक अंक से इस परीक्षा में असफल हो जाना, एक कड़वा सच एहसास था। अपने परिवार में पहली ग्रेजुएशन की डिग्री लेने वाले डीबाला नागेंद्रन ने कहा, उन्होंने हमेशा से ही शिक्षा को प्राथमिकता दी है। शायद इसीलिए मुझे नौ साल लग गए। उन्होंने कहा, अगर मेरे परिवार के अन्य लोग, यूपीएससी परीक्षा देना चाहते हैं, मैं उनकी मदद करने के लिए तैयार रहूंगा।उन्होंने कहा, "रिटायर होने से पहले मैं बच्चों के खिलाफ अपराधों को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहता हूं।

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