मृतक आश्रितों को ऐसे मिलेगी शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा से छूट, पढ़ें डिटेल

Update: 2018-10-23 06:08 GMT

लखनऊ: विभागीय निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह की अध्यक्षता में हुई बेसिक शिक्षा परिषद की बैठक में सोमवार को कई फैसले लिए गए हैं।

बैठक में लिए गए फैसले के मुताबिक जूनियर और प्राइमरी के स्कूलों का रंग अब बदला जा सकेगा लेकिन इसमें प्राइमरी में नीली पट्टी और जूनियर स्कूलों में लाल रंग की पट्टी करवाना अनिवार्य होगा। बता दें कि अभी तक बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों का रंग सफेद होता था। वहीं मृतक आश्रित को शिक्षक पद पर नियुक्त करने के लिए भर्ती की लिखित परीक्षा में छूट दी जाएगी।

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बैठक के मुख्य फैसले

1. स्कूल में होने वाला रंग अब अध्यापक और बच्चे मिल कर तय कर सकेंगे। इन्हें किसी भी आकर्षक रंग में रंगा जा 2. सकेगा लेकिन इन पर बनने वाली नीली व लाल पट्टी जरूरी होगी।

3. एक ही परिसर में चल रहे प्राइमरी व जूनियर स्कूलों के प्रधानाध्यापक भी एक होंगे।

4. यदि स्कूल में छात्र संख्या कम है तो दोनों स्कूलों का प्रधानाध्यापक भी एक होगा।

5. दोनों स्कूलों के सृजित पद कम नहीं होंगे।

6. यदि मृतक आश्रित बीटीसी कर चुका है और टीईटी पास है तो उसे शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा से छूट भी मिलेगी।

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बैठक की अहम जानकारी

सेवा नियमावली के मुताबिक शिक्षक बनने की न्यूनतम आर्हता में लिखित परीक्षा शामिल नहीं है, ये केवल भर्ती प्रक्रिया का हिस्सा है। बैठक में दूसरे प्रदेशों से बीटीसी या डीएलएड करके आए लोगों पर भी विचार किया गया। हाल ही में नियुक्त हुए 41555 लोगों में लगभग 50 लोग ऐसे हैं जो दूसरे प्रदेशों से बीटीसी है। उन प्रदेशों में बीटीसी की ट्रेनिंग इंटरमीडिएट के बाद होती है। लिहाजा उनको नियुक्ति पत्र नहीं दिये गये हैं। सेवा नियमावली में स्नातक के साथ बीटीसी की अनिवार्य आर्हता शामिल है। इस मुद्दे पर विभाग विधिक राय लेगा क्योंकि ये अभ्यर्थी बाद में स्नातक आदि की डिग्री ले चुके हैं।

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