केन्द्र सरकार के आदेश के बावजूद बच्चों के कंधों से बस्ते का बोझ नहीं हो रहा कम
बाराबंकी: केन्द्र सरकार के आधीन मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक आदेश जारी किया है कि हर विद्यालय अपने यहां पढ़ने वालों बच्चों के बैग के वजन को करने का कम करे। जिससे बच्चों का बोझ कम हो सके। केन्द्र सरकार के इसी आदेश की पड़ताल करने हम जिले के एक बड़े स्कूल पहुंचे। इसके बाद हमने जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी से भी बात की। इस आदेश से सम्बंधित पेश है न्यूजट्रैक की यह रिपोर्ट।
तस्वीरों में दिखाई दे रहे बच्चे जिले के एक बड़े स्कूल सेंट एन्थोनी के हैं। बच्चों की पीठ पर बड़े-बड़े बैग दिखाई दे रहे हैं, जिससे उनका चलना ही मुश्किल हो रहा है। इस आदेश के संबंध में जब हमने बच्चों को स्कूल से घर ले जाने आये उनके अभिभावकों से बात की तो वह इस आदेश से काफी खुश दिखे।
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अभिभावकों ने बताया कि अभी तो ऐसा कुछ देखने को नहीं मिल रहा है, लेकिन यह आदेश काफी अच्छा है इससे बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा प्रतिकूल प्रभाव भी कम हो जाएगा और बच्चों का स्वास्थ्य भी बेहतर हो जाएगा। एक अभिभावक ने यहां तक कहा कि जब चार किताबें पढ़ानी है, तो हर रोज चालीस किताबें मंगाने का क्या मतलब है। इसकी भी समय सारिणी बननी चाहिए और केन्द्र सरकार के आदेश को कड़ाई से पालन कराना चाहिए। इससे बच्चों का स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा और हमारा बजट भी ठीक रहेगा, क्योंकि भारी वजन से बैग जल्दी फट जाता है और कम वजन से बैग ज्यादा दिन चलेगा।
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क्या कहते हैं अधिकारी
केन्द्र सरकार के इसी आदेश पर जब हमने बाराबंकी के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी वी.पी. सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि इस आदेश की जानकारी हुई है, मगर भारत सरकार के आदेश के आधार पर उत्तर प्रदेश सरकार भी अपना आदेश करती है, जो उन्हें अभी प्राप्त नहीं हुआ है। जैसे ही उन्हें आदेश प्राप्त हो जाएगा उसका अक्षरशः पालन सुनिश्चित कराया जाएगा। बीएसए से जब यह पूछा गया कि जिले में कुछ मिशनरी स्कूल भी हैं, क्या उन पर भी यह आदेश लागू होगा। तो उन्होंने कहा कि नए नियमों के आधार पर हर विद्यालय को उनके यहां से मान्यता लेना आवश्यक है और सभी विद्यालयों को इस आदेश का पालन करना होगा।
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