University of Southampton: भारत में खुलेगी पहली विदेशी यूनिवर्सिटी, भारत में रहकर UK विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर सकेंगे स्टूडेंट्स
University of Southampton: University of Southampton: ब्रिटेन में स्थित साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी भारत में कैंपस खोलने वाली पहली विदेशी यूनिवर्सिटी बन गयी है। NEP के नए निर्देश जारी करके भारत में विदेशी उच्च शिक्षण संस्थानों के परिसरों की स्थापना की घोषणा की गयी है
Written By : Garima Shukla
Update:2024-08-30 16:35 IST
University of Southampton India: NEP यानि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के अंतर्गत नए नियम के तहत अब भारतीय स्टूडेंट भारत में रहकर ही विदेशी यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर सकते हैं. NEP के तहत विदेशी यूनिवर्सिटी को भारत में कैंपस खोलने की अनुमति दी गई है. इस निर्देश के अंतर्गत यूनाइटेड किंगडम में स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ साउथेम्पटन भारत में कैंपस खोलने वाली पहली विदेशी यूनिवर्सिटी बन गयी हैI केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इसे अंतराष्ट्रीयकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया है I
यूनिवर्सिटी ऑफ़ साउथेम्पटन का कैंपस गुरुग्राम में होगा स्थापित
हाल ही में QS रैंकिंग में यूनिवर्सिटी ऑफ साउथेम्पटन को दुनिया की टॉप 100 यूनिवर्सिटीज की लिस्ट में सम्मिलित किया गया है. यूनिवर्सिटी ऑफ साउथैम्पटन का भारतीय कैंपस हरियाणा के गुरुग्राम में स्थापित किया जाएगा, जो स्टूडेंट्स विदेशी यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेकर करियर संवारना चाहते हैं उनके लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर है.ब्रिटेन की डिग्री के समान होगी साउथेम्पटन की डिग्री
यूनिवर्सिटी ऑफ साउथेम्पटन के भारतीय कैंपस में दी जाने वाली डिग्रियां ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ साउथैम्पटन के समान ही होंगी. इस यूनिवर्सिटी के भारतीय कैंपस में सुविधाएं भी वही होंगी, जो यूनिवर्सिटी ऑफ साउथैम्पटन में दी जाती हैं. जानकारी के अनुसार, भारतीय यूनिवर्सिटी की पढ़ाई की गुणवत्ता भी यूनिवर्सिटी ऑफ साउथैम्पटन के समान होगी. विदेशी और भारतीय कैंपस के स्टूडेंट्स के बीच में किसी तरह का अंतर नहीं किया जाएगा.भारतीय शैक्षिक मानकों को उच्च स्तर प्रदान करने के लिए सराहनीय प्रयास
ये प्रयास भारत में शिक्षा के मानकों को वैश्विक स्तर को ऊँचा उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है सिर्फ यहीं नहीं ये कदम भारत और ब्रिटेन के मध्य परस्पर सहयोग को दर्शाता है I इस विषय में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का कहना है मुझे विश्वास है इस तरह के प्रयास हमारे युवाओं को काम के लिए तैयार करेंगे I इसके साथ ही वैश्विक समझ और सहयोग की भावना को बढ़ावा देंगे I विदेश मंत्री का कहना है इससे शैक्षिक क्षेत्र में ब्रांड इंडिया को मजबूत छाप स्थापित करने में मदद मिलेगीI