UP एजुकेशन बोर्ड का फैसला: अगले सेशन से NCERT पर आधारित होगा सिलेबस

उत्‍तर प्रदेश एजुकेशन बोर्ड ने बड़ा बदलाव करने का फैसला किया है। अब यूपी के छात्रों के लिए अगले सेशन से सिलेबस राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) पर आधारित होगा। शासन स्तर पर इस बारे में सहमति बन जाने के बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग इस दिशा में कदम बढ़ाने जा रहा है।

Update: 2017-04-03 09:45 GMT

लखनऊ : उत्‍तर प्रदेश एजुकेशन बोर्ड ने बड़ा बदलाव करने का फैसला किया है। अब यूपी के छात्रों के लिए अगले सेशन से सिलेबस राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) पर आधारित होगा। शासन स्तर पर इस बारे में सहमति बन जाने के बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग इस दिशा में कदम बढ़ाने जा रहा है।

कोर्सेज में बदलाव के साथ अब यह स्पष्ट हो गया है कि उत्‍तर प्रदेश एजुकेशन बोर्ड से मान्‍यता प्राप्‍त स्‍कूलों में एनसीईआरटी की किताबें पढ़ाई जाएंगी। उन स्कूलों का सिलेबस भी एनसीईआरटी आधारित होगा।

सिलेबस बदलने का ये है मकसद

-प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार ने कहा कि एनसीईआरटी के कोर्स को लागू करने से 12वीं स्तर पर किसी एक विषय में दो प्रश्नपत्र की बजाए एक ही होगा।

-इससे परीक्षाएं भी जल्दी खत्‍म हो जाएंगी और रिजल्ट जारी करने में भी अधिक समय नहीं लगेगा।

-यूपी बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि एनसीईआरटी पर आधारित सिलेबस अपनाने के पीछे एक बड़ा मकसद है।

-उन्होंने कहा कि राज्‍य के स्‍टूडेंट्स को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए समर्थ बनाया जा सके।

-इसके उलावा अगर छात्र पढ़ाई के दौरान यूपी छोड़कर किसी अन्‍य राज्‍य में जाता है तो उसको पढ़ाई का नुकसान ना हो।

-क्‍योंकि एनसीईआरटी पैटर्न पर चलने वाले स्कूल देशभर में हैं।

आगे की स्लाइड्स में जानें क्या होंगे बदलाव...

अगले सेशन से होंगे ये भी बदलाव

-यूपी बोर्ड से मान्‍यता प्राप्‍त स्‍कूलों में सिलेबस के अलावा कई अन्‍य बदलाव भी किए गए हैं।

-इसके अलावा हर हफ्ते में एक पीरियड डिबेट और निबंधन लेखन का होगा।

-उत्‍तर प्रदेश एजुकेशन बोर्ड ने छात्रों को फिट रखने के लिए नए सेशन से स्‍कूलों में नियमित योगाभ्यास कराया जाएगा।

छात्रों के पर्सनालिटी डेवलपमेंट पर जोर

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माध्यमिक शिक्षा विभाग के कामकाज की समीक्षा करते हुए स्टूडेंट्स के पर्सनालिटी डेवलपमेंट पर ध्यान देते हुए स्कूलों में वाद-विवाद प्रतियोगिताओं और सांस्कृतिक आयोजनों पर खासा जोर दिया था। इसके बाद माध्‍यमिक शिक्षा विभाग अगले सत्र के खाका तैयार कर रहा है। इसमें हर हफ्ते में एक पीरियड वाद-विवाद और निबंधन लेखन का होगा।

फिटनेस के लिए कराया जाएगा योग

-राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के शारीरिक शिक्षा अनुदेशकों को दो महीने का योग प्रशिक्षण दिलाने का प्रस्ताव मंजूर हो गया है।

-उसका उद्द्देश्य यह है कि स्कूलों में सुबह प्रार्थनासभा के बाद योगाभ्यास कराया जाएं और इसके बाद कक्षाएं शुरू होंगी।

-इसके लिए राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के शारीरिक शिक्षा अनुदेशकों को योग का प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।

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