अगर आपकी कम्युनिकेशन स्किल अच्छी है और आप मेहनती भी हैं तो आपको न केवल सफलता मिलेगी बल्कि आप सीनियर्स और साथियों का सम्मान भी हासिल कर सकते हैं। किसी भी अभियान या प्रोजेक्ट के लिए आपको हमेशा ही बेहतर कम्युनिकेशन स्किल की जरूरत पड़ेगी। अगर आपको लगता है कि आपकी कम्युनिकेशन अच्छी नहीं है या इसमें सुधार करने की आवश्यकता है तो कुछ खास बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।
अपनी कमजोरी को जानें : अपनी कमजोरी जानने से पहले आपको यह जानना होगा कि कम्युनिकेशन कितने तरह के होते हैं जैसे वर्बल, नॉन-वर्बल और लिखित। सुधार के लिए जरूरी है कि आप सबसे पहले यह पता करें कि आप किस तरह के कम्युनिकेशन में सुधार करना चाहते हैं। हो सकता है कि आपकी बॉडी लैंग्वेज अच्छी हो पर ईमेल लिखने में गड़बड़ी हो या शब्दों के उच्चारण में परेशानी होती हो। इसलिए आप कमजोरी पहचानकर समय का सदुपयोग कर सकते हैं। कमजोरी पता होने के बाद आप उस पर अच्छा काम कर सकते हैं।
एक्सपर्ट की मदद लें : कम्युनिकेशन स्किल्स सुधारने के लिए 70:20:10 अप्रोच काम में लेना चाहिए। आपको जॉब के दौरान 70 फीसदी चीजें लिखकर, पढक़र या बोलकर सीखने का प्रयास करना चाहिए। इसका नियमित प्रयास खुद ही अकेले करना चाहिए। 20 फीसदी चीजें एक्सपर्ट और मेंटर से सीखें जबकि 10 फीसदी चीजें फोरम्स से सीखनी चाहिए। एक्सपर्ट से सीखने पर भी पूरा ध्यान दें और उनकी बातों पर अमल भी करें। कोशिश करें कि पहली गलती दुबारा न हो।
आई कांटेक्ट से बात करें : कई बार आप अच्छी तरह से बात तो करते हैं, लेकिन कम्युनिकेशन के दौरान अपने ऑडियंस से आई कॉन्टैक्ट नहीं बना पाते हैं जो आपके कम आत्मविश्वास को दर्शाता है। इसलिए कोशिश करें कि आई कांटेक्ट बने और बीच-बीच में आपको उनसे सवाल पूछने चाहिए। ऑडियंस को अपनी बातों से जोड़े रखना बहुत जरूरी है। नियमित अभ्यास से ऑडियंस को बातों से आकॢषत कर सकते हैं। ऐसा करने से लोग आप से लोग जुड़ते हैं।
सही शब्दों का चयन जरूरी : अपनी कम्युनिकेशन स्किल्स को मजबूत बनाने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप बातचीत के दौरान सही शब्दों का प्रयोग करें। अगर आप सही शब्दों का प्रयोग नहीं करेंगे तो लोग आपकी बात को ज्यादा महत्व नहीं देंगे। शब्द ऐसे हों जो लोगो को आसानी से समझ में आएं। आपको अपनी बॉडी लैंग्वेज के अनुरूप ही बात करनी चाहिए। अगर आपकी बॉडी लैंग्वेज और शब्दों में तालमेल होगा तो आपका कम्युनिकेशन सफल हो सकता है। कभी लगता है कि आपको बोलने में समस्या हो रही है तो आप कुछ समय का ब्रेक ले सकते हैं। पानी पीने के लिए रुक सकते हैं।
होमवर्क से बढ़ाएं कॉन्फिडेंस : कम्युनिकेशन स्किल्स को मजबूत बनाने के लिए जरूरी है कि आप खुद पर विश्वास करें। अगर आपका कॉन्फिडेंस बना रहेगा तो आप हर समस्या का आसानी से हल निकाल सकते हैं। अगर आप खुद पर विश्वास नहीं रखेंगे तो बातचीत के दौरान आपकी आवाज में उतार-चढ़ाव नजर आएगा। अगर ऐसा होगा तो आपका कॉन्फिडेंस और मनोबल दोनों ही अपने से गिरने लगेगा। आप जो भी बात कहें, उस पर आपका भरोसा होना चाहिए। तभी आप किसी भी सवाल का सही जवाब दे सकेंगे। कम्युनिकेशन में जोर इसी बात पर रहता है कि आप अपनी बात को कितनी दृढ़ता और विश्वास के साथ कह रहे हैं। इसके लिए जरूरी होता है कि आप किसी समारोह में हिस्सा लेने से पहले अच्छी तैयारी करें। अगर आपकी तैयारी पूरी है तो कॉन्फिडेंस खुद ही बढऩे लगता है।