EXCLUSIVE: UP में गूगल खोलेगा कोडिंग लैब, कैंपस में ही होगा वर्कप्लेस

Update: 2016-09-24 14:35 GMT

SUDHANSHU SAXENA

लखनऊ: सर्च इंजन गूगल यूपी में अपनी कोडिंग लैब स्थापित करने जा रही है। इसके लिए उसने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एकेटीयू) से करार किया है। इस करार के मुताबिक गूगल, यूनिवर्सिटी के नोएडा कैंपस में अपनी दो कोडिंग लैब तैयार करेगी। इसके लिए गूगल की एक टीम 30 सितंबर को यूनिवर्सिटी की विजिट के लिए नोएडा पहुंच रही है।

इस लैब के जरिए यूपी के कंप्यूटर साइंस बैकग्राउंड के छात्रों को सीधे तौर पर गूगल में काम करने के लिए तैयार किया जाएगा। गूगल की चयन प्रक्रिया में सिलेक्टेड स्टूडेंट्स को एकेटीयू में बनी इसी लैब में वर्कप्लेस प्रोवाइड किया जाएगा।

700 कॉलेज के स्टूडेंट्स को मिलेगा फायदा

-एकेटीयू के वाईस चांसलर प्रोफेसर विनय पाठक ने बताया कि गूगल ने यूनिवर्सिटी के नोएडा कैंपस को अपनी कोडिंग लैब बनाने के लिए चुना है।

-यूनिवर्सिटी और गूगल के इस जॉइंट इनिशिएटिव का मकसद एकेटीयू से एफिलिएटेड 700 इंजीनियरिंग कॉलेज के स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग देकर विश्वस्तर का तकनीकी विशेषज्ञ बनाना है।

-इसके लिए गूगल को दो लैब्स स्थापित करने के लिए 2000 स्क्वायर फीट की आवश्यकता है।

--जिसे हम उपलब्ध करा रहे हैं।

-ये टीम हमारे द्वारा प्रोवाइड की जाने वाली जगह का दौरा करेगी और अन्य मुद्दों पर भी बात होगी।

आगे की स्लाइड्स में पढ़िए स्टूडेंट्स के लिए गूगल की योजनाएं ...

स्टूडेंट्स करेंगे कोड जनरेशन एक्टिविटी

-एकेटीयू की ओर से इस प्रोजेक्ट को प्रोफेसर मनीष गौर और प्रोफेसर गिरीश चन्द्र रिप्रेजेंट कर रहे हैं।

-प्रोफेसर मनीष गौर ने बताया कि गूगल पहले फेज में 2000 स्क्वायर फीट में दो लैब्स बनाएगा।

-इसमें एक लैब के लिए 1000 स्क्वायर फीट की जगह इस्तेमाल करेगा।

-यूनिवर्सिटी गूगल को बिजली, जगह सहित कई बुनियादी सुविधाए उपलब्ध कराएगी.

कोडिंग का काम स्टूडेंट्स करेंगे

-गूगल इसमें खुद से अपना सर्वर रूम और कोड जनरेशन लैब बनाएगा।

-इन लैब्स में गूगल अपने ग्लोबल क्लाइंट्स के लिए कोड जनरेशन एक्टिविटी को अंजाम देगा।

-इसके तहत गूगल अपने क्लाइंट्स के लिए डिजिटल सिक्यूरिटी सिस्टम, पेमेंट गेटवे और वेब रिलेटेड अन्य कोडिंग का काम कराएगा।

-कोडिंग का काम स्टूडेंट्स से करवाया जाएगा।

गूगल ने पहले फेज के लिए चुने 3 स्टूडेंट्स

-प्रोफेसर मनीष गौर ने बताया कि गूगल ने लैब्स स्थापित करने के साथ-साथ यूपी के कंप्यूटर साइंस बैकग्राउंड के तीन स्टूडेंट्स का चयन अपने ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए किया है।

-इन्हें गूगल अपने 'गूगल यूनिक फ़ेलोशिप प्रोग्राम' के तहत 6 महीने की ट्रेनिंग देगा।

-इन्हें बंगलौर में ट्रेनिंग के अलावा विदेश में भी ट्रेनिंग दी जाएगी।

-इसका पूरा खर्च गूगल खुद उठाएगा।

-इस प्रोग्राम में चयन होने वाले तीनो स्टूडेंट्स कंप्यूटर साइंस बैकग्राउंड के हैं।

-इनमें से एक अजय कुमार गर्ग इंजीनियरिंग कॉलेज, दूसरा केएनआईटी सुल्तानपुर और तीसरा जेएसएस कॉलेज नोएडा के स्टूडेंट हैं।

-इसी तरह गूगल हर साल कुछ इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स को चुनकर ट्रेनिंग देगा और अपने साथ काम करने के काबिल बनाएगा।

Google Talk पर होगा इंटरव्यू

-प्रोफेसर मनीष गौर ने बताया कि गूगल यूपी के इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स को अपनी मैन पॉवर बनाएगा।

-इसके लिए इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स से उनके इनोवेशन के डिस्क्रिप्शन का 4 मिनट का विडियो मांगेगा।

-इस विडियो को गूगल द्वारा प्रोवाइड लिंक पर अपलोड करना होगा।

-सिलेक्टेड विडियो वाले स्टूडेंट का 'गूगल टॉक' पर इंटरव्यू लिया जाएगा।

-इसके बाद सिलेक्टेड स्टूडेंट को ट्रेनिंग और गूगल के साथ काम करने का मौका मिलेगा।

29 सितंबर को होगा गूगल यूनिवर्सिटी समिट

-एकेटीयू के वाईस चांसलर प्रोफेसर विनय पाठक ने बताया कि 29 सितंबर को गूगल एक 'यूनिवर्सिटी समिट' भी करवा रहा है।

-इसमें गूगल स्विटज़रलैंड के यूनिवर्सिटी प्रोग्राम डेवलपर ट्रेनिंग यूनिट के हेड विलियम फ्लोरंस शिरकत करेंगे।

-ये प्रोग्राम गुडगांव के एक होटल में आयोजित होगा।

-इसमें फ्लोरंस के अलावा गूगल कोड लैब्स लीड के क्लेयर बेले सहित कई यूनिवर्सिटीज के वाईस चांसलर शिरकत करेंगे।

-इसमें एकेटीयू भी अपना रिप्रजेंटेशन देगा।

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