सीएसए यूनिव‌‌र्स‌िटी के नए वीसी बने डॉ. सुशील सोलोमन, आरोपों के बाद हटे थे मुन्ना सिंह

वाइस चांसलर प्रोफेसर सिंह की धर्मपत्‍नी ने असिस्‍टेंट प्रोफेसर के पद पर आवेदन करने वाले कैंडीडेट से टेलीफोन पर 10 लाख की घूस की मांग की। कैंडीडेट ने रिकॉर्ड करके कुलाधि‍पति को जांच के‍ लिए भेजा। दोषी पाए जाने के बाद गवर्नर ने अक्‍टूबर में उन्हें पद से हटा दिया था।

Update: 2016-12-10 12:24 GMT

लखनऊ: गवर्नर राम नाईक ने शनिवार को कानपुर स्थित चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्‍वविद्यालय के वाइस चांसलर के पद पर नई नियुक्ति कर दी। उन्‍होंने भारतीय गन्‍ना अनुसंधान संस्‍थान लखनऊ के पूर्व निदेशक डॉ सुशील सोलोमन को तीन वर्षों के लिए कुलपति नियुक्‍त कर दिया है।

घूसखोरी में गिरी थी पूर्व वीसी पर गाज

-सीएसए यूनिवर्सिटी में 23 अक्‍टूबर 2013 को प्रोफेसर मुन्‍ना सिंह को कुलपति नियुक्‍त किया गया था।

-इससे पहले वह लखनऊ यूनिवर्सिटी के वनस्‍पति विज्ञान डिपार्टमेंट में बतौर सीनियर प्रोफेसर नियुक्‍त थे।

-कुलपति के रूप में प्रोफेसर मुन्‍ना सिंह ने वर्ष 2014 में सीएसए यूनिवर्सिटी में अलग अलग कैटेगरी में शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्तियां की, जिन पर सवाल उठे।

घूस की मांग

-आरोप लगा कि प्रोफेसर मुन्ना सिंह ने नियुक्तियों के‍ लिए निर्धारित मानकों को जानबूझकर कम कर दिया और नियुक्तियां करने लगे।

-इतना ही नहीं वाइस चांसलर प्रोफेसर सिंह की धर्मपत्‍नी ने असिस्‍टेंट प्रोफेसर के पद पर आवेदन करने वाले कैंडीडेट से टेलीफोन पर 10 लाख की घूस की मांग की।

-घूस की इस मांग को कैंडीडेट ने रिकॉर्ड करके कुलाधि‍पति को जांच के‍ लिए भेजा।

दोषी पाए जाने पर हटे

-इस पर कुलाधिपति ने जांच के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीसी गुप्ता को जांच अधिकारी नामित करते हुए जांच करवाई और कमेटी ने रिपोर्ट में दोषी ठहराया।

-इसके अलावा पूर्व जस्टिस वीडी चतुर्वेदी से भी इनकी जांच करवाई गई और इसमें भी उन्‍हें दोषी पाया गया।

-जांच रिपोर्टों के आधार पर गवर्नर ने अक्‍टूबर में उन्हें पद से हटा दिया था।

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