ICSC बोर्ड 12th result: नंदिता प्रकाश ने हासिल किया दूसरा स्थान, जानिए क्यों बनना चाहती हैं न्यूरोलॉजिस्ट
जूही स्थित नवशील अपार्टमेंट में रहने वाले अजय प्रकाश श्रीवास्तव पुलिस विभाग में डिप्टी एसपी के पद पर तैनात है । परिवार में पत्नी मीरा प्रकाश श्रीवास्तव और नंदिता श्रीवास्तव और दो बेटियों के साथ रहते है । नंदिता वीरेंदर स्वरुप एजुकेशन सेंटर किदवई नगर में 12 की छात्रा है ।
कानपुर: आईसीएसई बोर्ड के 12 th क्लास में कानपुर की नंदिता प्रकाश श्रीवास्तव ने देश में दूसरा स्थान हासिल किया है । नंदिता पढाई करके न्यूरोलॉजिस्ट बनकर देश की सेवा करना चाहती है । नंदिता का कहना है कि मेरे पिता पुलिस डिपार्टमेंट में रह कर देश की सेवा कर रहे है । उसी प्रकार मै भी देश के लिए कुछ करना चाहती हूं । मेरी सफलता के पीछे मेरे पैरेंट्स और टीचर का सहयोग है । जिनके मार्ग दर्शन और सहयोग से इस मुकाम की हासिल कर पाई हूं । मुझे ख़ुशी है कि मैंने अपने परिवार और शहर का नाम रोशन किया है ।
जूही स्थित नवशील अपार्टमेंट में रहने वाले अजय प्रकाश श्रीवास्तव पुलिस विभाग में डिप्टी एसपी के पद पर तैनात है । परिवार में पत्नी मीरा प्रकाश श्रीवास्तव और नंदिता श्रीवास्तव और दो बेटियों के साथ रहते है । नंदिता वीरेंदर स्वरुप एजुकेशन सेंटर किदवई नगर में 12 की छात्रा है । बेटी की इस सफलता से पूरे परिवार में जश्न का माहौल है । वहीँ स्कूल स्टाफ में स्टूडेंट की इस सफलता से खुश है ।
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नंदिता का कहना है कि मेरे पिता पुलिस विभाग में होने के कारन मुझे ज्यादा समय नही दे पाते थे । लेकिन मेरी माँ मेरा बहुत ख्याल रहती थी । वो हमेशा मुझे पढाई के लिए मोटिवेट करती थी और पापा की तरह कुछ नया करने के लिए कहती थी । नंदिता ने बताया कि मै रोजाना लगभग 10 घंटे पढाई करती थी । रात में 9 बजे के बाद पढाई नही करती जितनी भी पढाई करती थी वो सुबह से लेकर शाम तक ही करती थी । कभी भी प्रेसर लेकर पढाई नहीं की है ।
नंदिता ने बताया कि जब मेरा मन पढाई करने का होता था तो मै पढाई करती थी । मेरे 99.75 प्रतिशत नंबर आए है ,बोर्ड एग्जाम के वक्त मैंने 18 घंटे पढाई की है । जब आप को रेस्ट करना है तो आप रेस्ट करिए और उस वक्त आगे का प्लान तैयार करें कि आप को क्या करना है । मैं न्यूरोलॉजिस्ट बनाना चाहती हूँ मेरा रुझान इसी फील्ड में है । उसने बताया कि मेरी माँ बीमार रहती है इसके बाद भी उनका मोरल सपोर्ट बहुत था । पापा अधिकतर समय बहार रहते है लेकिन इसके बाद भी वो मुझे बहुत मोटिवेट करते थे । मै अपने पैरेंट्स और टीचर की वजह से यहां पहुंची है और बहुत खुश हूं ।
अजय प्रकाश श्रीवास्तव के मुताबिक मै खुश हूं बच्चो की सफलता ही हम लोगों की सफलता है । मै इस समय डीजीपी कार्यालय लखनऊ में अटैच हूं । इससे पहले कानपुर देहात में पोस्ट था आज का दिन हमारे परिवार के लिए और इस स्कूल के लिए बहुत ही शुभ है । हमारे पुलिस विभाग के परिवार के बच्चो पर जिम्मेदारी बहुत ज्यादा होती है । क्यों कि उनके पैरेंट्स पुलिस में होने के कारण बच्चों को देख नही पाते है । बच्चों को सेल्फ स्टडी की जरूरत होती है जब तक बच्चा सेल्फ मोटिवेटेड नहीं होगा तो वो आगे बढ़ नही सकता है ।
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उन्होंने कहा कि मै सभी बच्चो से कहना चाहूंगा कि वो टार्गेटेड पढाई करें। मेरी बेटी भी टारगेट लेकर पढाई करती है वो सुबह से पढना स्टार्ट करती और रात 9 बजे के बाद पढाई नही करती है । मैं बहुत खुश हूं आज हमारी जो कार्यप्रणाली है ये उसका नतीजा है । मेरे 3 बच्चे मैंने उन पर छोड़ रखा है कि उन्हें क्या बनाना है । नंदिता डाक्टर बनना चाहती है और उसने अभी नीट का भी एग्जाम दिया है l