अब PAYTM या EBUDDY के जरिए छात्र भर सकेंगे JEE मेंस की फीस

सीबीएसई की ओर से 2 अप्रैल 2017 को ऑफलाइन और 8 और 9 अप्रैल 2017 को ऑनलाइन जेईई मेंस का आयोजन होगा। ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 2 जनवरी 2017 तक होगी। परीक्षा में शुल्क जमा कराने को अभी तक बोर्ड ई-चालान के अलावा डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड का ऑप्शन ही देता था। पहली बार सीबीएसई ने कैंडिडेट्स को परीक्षा शुल्क जमा कराने को ई-बडी और पेटीएम की सुविधा दी है। कैंडिडेेेेट्स जो शुल्क एसबीआई बडी से जमा करेंगे। उसमें 20 रुपए प्रति ट्रांजेक्शन और सर्विस टैक्स देना होगा। अगर कैंडिडेट्स पेटीएम से शुल्क जमा कराएंगे तो उन्हें परीक्षा शुल्क का 1.50 प्रतिशत और सर्विस टैक्स देना होगा।

Update:2016-12-05 16:11 IST

नई दिल्ली : इंजीनियरिंग की सबसे बड़ी प्रवेश परीक्षा ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (JEE) मेंस में कैंडिडेट्स के लिए आवेदन शुल्क जमा कराने के दो नए विकल्प पहली बार दिए हैं। सीबीएसई ने कैंडिडेट्स को एसबीआई के ई-बडी और पेटीएम से फीस पेमेंट की फैसलिटी दी है।

आवेदन शुल्क

-सीबीएसई की ओर से 2 अप्रैल 2017 को ऑफलाइन और 8 और 9 अप्रैल 2017 को ऑनलाइन जेईई मेंस का आयोजन होगा।

-ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 2 जनवरी 2017 तक होगी।

-परीक्षा में शुल्क जमा कराने को अभी तक बोर्ड ई-चालान के अलावा डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड का ऑप्शन ही देता था।

-पहली बार सीबीएसई ने कैंडिडेट्स को परीक्षा शुल्क जमा कराने को ई-बडी और पेटीएम की सुविधा दी है।

-कैंडिडेेेेट्स जो शुल्क एसबीआई बडी से जमा करेंगे। उसमें 20 रुपए प्रति ट्रांजेक्शन और सर्विस टैक्स देना होगा।

-अगर कैंडिडेट्स पेटीएम से शुल्क जमा कराएंगे तो उन्हें परीक्षा शुल्क का 1.50 प्रतिशत और सर्विस टैक्स देना होगा।

ऑनलाइन के मुकाबले महंगा है ऑफलाइन मोड

-जेईई मेंस ऑफलाइन एग्जामके मुकाबले ऑनलाइन देना अभ्यर्थियों के लिए महंगा है।

-जेईई मेंस ऑफलाइन का पेपर 1 या पेपर 2 देने पर स्टूडेंट को 1000 रुपए और छात्रा को 500 रुपए शुल्क देना होगा।

-जेईई मेंस ऑनलाइन का पेपर 1 या पेपर 2 देने पर छात्र को 500 रुपए और छात्रा को 250 रुपए शुल्क देना होगा।

-ऑफलाइन मोड में दोनों पेपर देने वाले छात्रों को 1800 रुपए और छात्रा को 900 रुपए देने होंगे।

-ऑनलाइन मोड में दोनों पेपर में छात्र को 1300 और छात्राओं को 650 रुपए आवेदन शुल्क देना होगा।

-बीते दो साल से लगातार जेईई मेंस की कॉमन मेरिट लिस्ट बनने में दूसरे राज्यों के बोर्ड से समय से डाटा उपलब्ध न होना रुकावट बनता रहा है।

-लेकिन इस बार बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर समय रहते बोर्ड टॉप 20 का कटऑफ नहीं देता है तो छात्र की जिम्मेदारी होगी।

-स्टूडेंट्स खुद अपने बोर्ड से एक पत्र लिखवाकर लाएगा, जिसमें यह प्रमाणित हो कि वह छात्र टॉप 20 परसेंटाइल क्राइटेरिया में आता है।

-दरअसल, जेईई मेंस से आईआईटी की प्रवेश परीक्षा जेईई एडवांस के लिए चयन होता है।

-इनका सेलेक्शन के लिए छात्र के 75 प्रतिशत या बोर्ड के टॉप 20 परसेंटाइल में होना अनिवार्य है।

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