Kerala : इस स्कूल ने समानता की दिशा में की नई पहल, अब छात्र शिक्षक को 'सर' या 'मैडम' नहीं बुलाएंगे

एक स्कूल ने समानता को बढ़ावा देने की दिशा में नई पहल की है। यहां अब शिक्षकों चाहे वो महिला हों या पुरुष किसी को भी 'सर' या 'मैडम' के बजाय केवल 'शिक्षक' या 'टीचर' (Teacher) से संबोधित किया जाएगा।

Newstrack :  Network
Published By :  aman
Update:2022-01-08 11:52 IST

Kerala : हाल के सालों में देश में समानता को लेकर बहुत काम हुआ है। इसी क्रम में ताजा मामला केरल के पलक्कड़ जिले (Palakkad District) का है। जहां एक स्कूल ने समानता को बढ़ावा देने की दिशा में नई पहल की है। यहां अब शिक्षकों चाहे वो महिला हों या पुरुष किसी को भी 'सर' या 'मैडम' के बजाय केवल 'शिक्षक' या 'टीचर' (Teacher) से संबोधित किया जाएगा।

बता दें, कि ओलास्सेरी गांव के सरकार द्वारा वित्त पोषित स्कूल ने अपने छात्रों के लिए यह आदेश जारी किया है। ऐसा करने वाला यह पहला स्कूल है। स्कूल में छात्रों की कुल संख्या तक़रीबन 300 है। यहां 9 महिला तथा 8 पुरुष शिक्षक कार्यरत हैं। इससे पहले राज्य में कई स्कूलों ने समान यूनिफॉर्म (common uniform) को भी लागू किया था।

यहां से मिली प्रेरणा

स्थानीय स्कूल के कर्मचारियों ने बताया, कि उन्होंने इस पहल की प्रेरणा पलक्कड़ जिले के सामाजिक कार्यकर्ता (Social Worker) बोबन मट्टुमंथा (Boban Mattumantha) से ली है। बता दें, कि बोबन मट्टुमंथा (Boban Mattumantha) वही शख्स हैं जिन्होंने सरकारी अधिकारियों को 'सर' कहने के विरोध में अभियान चलाया था। उन्होंने स्कूलों में भी इस बदलाव की बात कही थी। दरअसल, उनका मानना है कि शिक्षक को उनके पद से जाना चाहिए, न कि उनके जेंडर (लिंग) से। माना जा रहा है, कि स्टूडेंट्स इस कदम से समानता को लेकर जागरूक होंगे।

अभिभावकों ने भी किया स्वागत 

स्कूल कर्मचारियों ने बताया, कि इससे पहले पास के एक गांव की पंचायत में ऐसा ही नियम लागू किया गया था। वहां भी 'सर' या 'मैडम' के बजाय अधिकारियों को उनके पद के नाम से संबोधित करने के आदेश जारी किए गए थे। इस पहल ने स्कूल को भी समानता बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया। छात्रों के अभिभावकों ने भी स्कूल के इस फैसले का स्वागत किया।

1 दिसंबर 2021 से फैसला लागू

बताया जा रहा है, कि स्कूल ने 01 दिसंबर 2021 से ही अपने छात्रों को यह निर्देश जारी कर दिए थे। जिसमें कहा गया था, कि सभी महिला और पुरुष शिक्षकों को केवल शिक्षक (Teacher) से संबोधित किया जाए। कुछ कोशिशों के बाद छात्रों में बदलाव आया। अब सभी छात्र केवल टीचर शब्द का ही प्रयोग करते हैं। 

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