अगर रोमांच के साथ बनाना चाहते हैं शानदार करियर तो बनें पायलट

वैसे तो पायलट का वेतन करीब एक लाख या उसके ऊपर ही होती है। कॉमर्शियल पायलट को 1.5 लाख रुपए की एवरेज सैलरी मिलती है।

Update:2019-03-02 17:51 IST

लखनऊ: अगर 12वीं के बाद लाइफ में पैसे के साथ साथ रोमांच के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं तो पायलट आपके लिए एक बेहतर राह है। इस क्षेत्र में शुरूआत मेंं संघर्ष तो है लेकिन बाद में खूब पैसा और शोहरत के साथ अपना नाम रोशन कर सकते हैं। आज हम आपको इस क्षेत्र के बारे में हर वह बातें बताने जा रहे हैं जो कि पायलट बनने के लिए जानना बहुत जरूरी है-

वायु सेना की मुख्य तीन ब्रांच जिसमें आप आवेदन कर सकते हैं-

इंडियन एयर फोर्स में 3 क्षेत्रों में काम होता है। कोई भी छात्र-नौजवान अपनी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर इन क्षेत्रों का चयन कर आवेदन कर सकता है।

1. फ्लाइंग ब्रांच

इस ब्रांच में आप पायलट के रूप में जॉब कर सकते हैं। अगर आप स्नातक उत्तीर्ण कर चुके हैं तब इसमें जाने के लिए आपको कंबाइंड डिफेन्स सर्विसेस (सीडीएस) एग्जाम या एयर फोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट (एएफसीएटी) में अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होना होगा।

अगर आपने 10+2 उत्तीर्ण किया है तब आपको नेशनल डिफेन्स अकादमी (एनडीए) या नेवल अकादमी (एनए) की परीक्षा को उत्तीर्ण करना होगा। फ्लाइंग ब्रांच में शामिल होने से पहले आपकी 74 सप्ताह की ट्रेनिंग होगी।

2. टेक्निकल ब्रांच

यह बेहद महत्वपूर्ण ब्रांच मानी जाती है। नई तकनीक से तैयार उपकरणों के रख-रखाव से लेकर उसकी मरम्मत तक में अच्छे टेकनीशियन और मकैनिक की आवश्यकता रहती है। मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और तकनीकी ज्ञान हासिल किये छात्र-नौजवान इसमें एयर फोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट (एएफसीएटी) की परीक्षा उत्तीर्ण करके जा सकते हैं। यूनिवर्सिटी एंट्री स्कीम के तहत भी लोग इस विभाग में शामिल हो सकते हैं।

3. ग्राउंड ड्यूटी ब्रांच

इस ब्रांच के अंतर्गत एकाउंटिंग, मैनेजमेंट, एडमिनिस्ट्रेशन, ऑडिटिंग, लोजिस्टिक आदि कामों में आप सेवा दे सकते हैं। इसमें जाने के लिए भी आपको सम्बंधित विषय के साथ ए.एफ.सी.ए.टी. की परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। इसमें पहले 52 सप्ताह की ट्रेनिंग होगी, उसके बाद आप स्थायी रूप में नियुक्त हो जाएंगे।

ये भी पढ़ें—सीएम के प्रोग्राम में पुलिस भर्ती के अभ्यर्थियों ने की नारेबाजी, योगी ने दिया ये आदेश

एयर फ़ोर्स में पायलट बननें हेतु परीक्षा

भारतीय वायु सेना में पायलट बननें के लिए अभ्यर्थी को मानसिक और शारीरिक, दोनों तरह से स्वस्थ होना आवश्यक है, पायलट बननें के लिए योग्यता के आधार पर दो तरह की परीक्षाए आयोजित की जाती है, एक ग्रेजुएट स्तर की और दूसरी अंडर ग्रेजुएट स्तर की होती है, ग्रेजुएट स्तर की परीक्षा में छात्रों को ग्रेजुएशन या इंजीनियरिंग स्तर पर पढ़ाए जानें वाले विषयों का गंभीरता से अध्ययन करना चाहियें और अंडर ग्रेजुएट छात्रों को दसवीं और बारहवीं के गणित और विज्ञान विषयों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। भारतीय वायुसेना में पायलट बननें के कई विकल्प है, जिनमें पहला नेशनल डिफेन्स एकेडमी, दूसरा कंबाइंड डिफेंस सर्विस यानी (सीडीएसई), तीसरा एनसीसी स्पेशल एंट्री और चौथा एसएससी परीक्षा के माध्यम से पायलट बन सकते है।

किन माध्यम से बन सकते हैं एयर फोर्स के पायलट

1.नेशनल डिफेन्स एकेडमी(NDA)

शैक्षिक योग्यता: इसके अंतर्गत पायलट बननें वाले अभ्यर्थियों की आयु 16 से 19 वर्ष के मध्य होनी चाहिये। तथा भौतिक विज्ञान, गणित और अंग्रेजी विषयों से बारहवीं उत्तीर्ण छात्र एनडीए परीक्षा में सम्मिलित हो सकते है, परन्तु इस परीक्षा में सिर्फ पुरुष अभ्यर्थियों को सम्मिलित किया जाता है।

आवेदन से सम्बंधित जानकारी

एनडीए की परीक्षाओं का आयोजन यूपीएससी द्वारा वर्ष में दो बार मई और दिसंबर महीने में किया जाता है, आवेदन से सम्बंधित जानकारी कमीशन की वेबसाइट (www.upsc.gov.in) से प्राप्त कर सकते हैं।

एनडीए की ट्रेनिंग

एनडीए की परीक्षा में सफलता प्राप्त करनें के पश्चात, अभ्यर्थी को भारतीय वायुसेना के लिए चयनित किया जाता है, उसके बाद तीन वर्ष की ट्रेनिंग के लिए राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के खडकवासला स्थित प्रशिक्षण केंद्र में भेजा जाता है, प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षु पायलटों को हर तरह के हथियार और विमान चलानें का प्रशिक्षण दिया जाता है, इस प्रशिक्षण को पूरा करनें के पश्चात प्रशिक्षु पायलटों को वायुसेना में परमानेंट कमीशंड अधिकारी का पद प्राप्त होता है, और देश में स्थित किसी भी एयरफोर्स स्टेशन में नियुक्त कर दिया जाता है।

ये भी पढ़ें—यूपी पुलिस को मिला डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम अवार्ड

2.कंबाइंड डिफेंस सर्विस (CDSE) के माध्यम से

इस परीक्षा का आयोजन यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा किया जाता है, इसमें चयनित पुरुष अभ्यर्थी वायुसेना में परमानेंट कमीशन अधिकारी का पद प्राप्त करते है।

शैक्षिक योग्यता: इसमें सम्मिलित होनें वाले अभ्यर्थियों की आयु 19 से 23 वर्ष के मध्य होनी चाहिये। प्रथम श्रेणी में स्नातक (न्यूनतम 60% कुल अंक) (तीन वर्ष पाठ्यक्रम)+ भौतिकी और गणित के साथ 10+2 पास होना चाहिए।

प्रथम श्रेणी (न्यूनतम 60% कुल अंक) बीई /बीटेक(चार साल)। अंतिम वर्ष के छात्र भी शामिल हो सकते हैं। बशर्ते कि पिछले वर्ष के सेमेस्टर में कुल 60% अंक हो।

आवेदन से सम्बंधित जानकारी

इस परीक्षा का आयोजन यूपीएससी द्वारा वर्ष में दो बार जून और अक्तूबर महीने में विज्ञापन जारी किया जाता है, जिसे आप कमीशन की (वेबसाइट (www.upsc.gov.in) पर देख सकते हैं।

3.एनसीसी स्पेशल एंट्री

नेशनल कैडेट कॉर्प्स (एनसीसी) के एयर विंग सीनियर डिविजन से सी-सर्टिफिकेट धारक एनसीसी कैडेट के अभ्यर्थी भारतीय सेना की फ्लाइंग शाखा के लिए आवेदन कर सकते हैं, उन्हें भी भारतीय वायुसेना में परमानेंट कमीशन का पद दिया जाता है।

शैक्षिक योग्यता: इसके अंतर्गत ऐसे अभ्यर्थी जिनकी आयु 19 से 23 वर्ष के मध्य है, और मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालय से 60 प्रतिशत अंकों के साथ भौतिक विज्ञान, गणित और अंग्रेजी विषयों से ग्रेजुएट, बीटेक, बीई या उसके समकक्ष योग्यता के साथ-साथ उनके पास एनसीसी के एयर विंग सीनियर डिविजन से सी-सर्टिफिकेट है, इस परीक्षा में सम्मिलित हो सकते है, ग्रेजुएशन के अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा देनें वाले छात्र इस परीक्षा में बैठ सकते हैं, इसके लिए बारहवीं और ग्रेजुएशन, दोनों स्तरों पर आपके पास विज्ञान विषय होना अनिवार्य है।

आवेदन से सम्बंधित जानकारी

एनसीसी कैडेट्स को इसके लिए एनसीसी के डीजी या एयर स्क्वाड्रन से संपर्क कर जानकारी प्राप्त करना होगा।

4.एसएससी परीक्षा

भारतीय वायुसेना सेना की फ्लाइंग ब्रांच के लिए एसएससी परीक्षा द्वारा आवेदन कर सकते है, इसमें पुरुष और महिला दोनों सम्मिलित हो सकते है, इन्हें भी इंडियन एयरफोर्स में 14 वर्षो के लिए शॉर्ट सर्विस कमीशन दिया जाता है।

शैक्षिक योग्यता: एसएससी परीक्षा के माध्यम से पायलट बननें वाले अभ्यर्थियों की आयु 19 से 23 वर्ष के मध्य होना आवश्यक है, शैक्षिक योग्यता के अंतर्गत, आवेदक किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से 60 प्रतिशत अंकों के साथ भौतिक विज्ञान, गणित और अंग्रेजी विषयों से ग्रेजुएट, बीटेक, बीई या उसके समकक्ष होना चाहियें, साथ ही जिसके पास एनसीसी के एयर विंग सीनियर डिविजन से सी-सर्टिफिकेट होना अनिवार्य है, इसके लिए बारहवीं और स्नातक, दोनों स्तरों पर आपके पास विज्ञान विषय होना अनिवार्य हैं ।

ये भी पढ़ें—लकीरें खींच कर ‘चेहरे’ को जिंदा कर देते हैं माथुर साहब

कॉमर्शियल पायलट बनने के लिए जरूरी बातें

एविएशन इंडस्ट्री में पायलट की नौकरी युवाओं को सबसे ज्या्दा पसंद है। इसकी वजह यह भी है कि इस फील्डस में न केवल खूब पैसा है, बल्कि रोमांच भी भरपूर है।

अगर आप कॉमर्शियल पायलट बनना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको किसी फ्लाइंग क्लब में एडमिशन लेना होता है, जो (डाक्टरेट जनरल आफ सिविल एविएशन), गवर्नमेंट ऑफ इंडिया द्वारा मान्यता प्राप्त होना चाहिये। इसमें रजिस्ट्रेशन के लिये मेडिकल सर्टिफिकेट, सिक्योरिटी क्लीयरेंस और बैंक गारंटी होनी चाहिए। सबसे पहले यह जरूरी है कि आपने 12वीं में साइंस (फिजिक्स, केमिस्ट्री मैथ्स) पढ़ा हो और साथ ही फिट भी हों। इस फील्ड के लिए कम से कम उम्र सीमा 16 साल है।

क्या चाहिए योग्यता

इस फील्ड में आने के लिए यह जरूरी है कि आंख की रोशनी बेहतरीन हो। हाथ और पैरों का तालमेल यानी मोटर स्किल्स कॉर्डिनेशन काफी अच्छा हो। एक सफल पायलट बनने के लिए जरूरी है कि आप न केवल मानसिक बल्कि शारीरिक रूप से भी पूरी तरह स्वस्थ होंं।

सैलरी:

वैसे तो पायलट का वेतन करीब एक लाख या उसके ऊपर ही होती है। कॉमर्शियल पायलट को 1.5 लाख रुपए की एवरेज सैलरी मिलती है।

प्रशिक्षण संस्थान:

- मध्‍य प्रदेश फ्लाइंग क्‍लब

- इंदिरा गांधी राष्‍ट्रीय उड़ान एकेडमी, रायबरेली, यूपी

- फ्लाइंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट , कोलकाता

- गर्वेमेंट एविएशन ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, भुवनेश्‍वर

- करनाल एविएशन क्‍लब, हरियाणा

- गर्वेमेंट फ्लाइंग क्‍लब, यूपी

- स्‍कूल ऑफ एविएशन साइंस एंड टेक्‍नोलॉजी, नई दिल्‍ली

- स्‍टेट सिविल एविएशन, कानपुर और वाराणसी

- राजस्‍थान स्‍टेट फ्लाइंग स्‍कूल, जयपुर

- गर्वेमेंट फ्लाइंग ट्रेनिंग स्‍कूल, बेंगलुरु, कर्नाटक

- आंध्र प्रदेश फ्लाइंग क्‍लब, हैदराबाद

- असम फ्लाइंग क्‍लब, गुवाहाटी, असम

- बिहार फ्लाइंग इंस्टीट्यूट, पटना, बिहार

- एशियाटिक इंटरनेशनल एविएशन एकेडमी, इंदौर

- ब्लू डायमंड एविएशन, पुणे

- एक्यूमेन स्कूल ऑफ पायलट ट्रेनिंग, दिल्ली

- इंटरनेशनल स्कूल ऑफ एविएशन, आईएसए, नई दिल्ली

- इंडियन एविएशन एकेडमी, मुंबई

- बॉम्बे फ्लाइंग क्लब

- अहमदाबाद एविएशन एंड एयरोनॉटिक्स लिमिटेड

Tags:    

Similar News