School Education : इस साल नया राष्ट्रीय पाठ्यक्रम, सामाजिक समस्या, कौशल विकास पर रहेगा फोकस

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) इस साल के अंत तक स्कूली शिक्षा (School Education) के लिए नया और व्यापक राष्ट्रीय पाठ्यक्रम (National Curriculum) तैयार करेगा।

Newstrack :  Network
Published By :  aman
Update:2022-01-12 10:09 IST

सरकारी स्कूल के छात्रों की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) इस साल के अंत तक स्कूली शिक्षा (School Education) के लिए नया और व्यापक राष्ट्रीय पाठ्यक्रम (National Curriculum) तैयार करेगा। बता दें, कि इस पाठ्यक्रम में भारत से जुड़ी जानकारी, बच्चों में वैज्ञानिक सोच तथा 21वीं सदी के कौशल विकास जैसे विषयों पर जोर दिया जाएगा।

बताया जा रहा है, कि इसमें खास तौर पर सामाजिक समस्याओं (Social Problems) का उल्लेख किया जाएगा। इस संबंध में केंद्र सरकार की स्कूली शिक्षा व साक्षरता सचिव अनीता करवाल ने स्टार्टअप भारत नवाचार सप्ताह (Startup India Innovation Week) पर आयोजित कार्यक्रम में यह जानकारी दी।

शुरुआत से ही वैज्ञानिक सोच के विकास पर ध्यान

अनीता करवाल ने बताया, कि 'हम नया राष्ट्रीय पाठ्यक्रम ढांचा विकसित करने की प्रक्रिया में हैं। इस विषय पर प्रतिष्ठित वैज्ञानिक डॉ. के कस्तूरीरंगन (Scientist Dr. K. Kasturirangan) के नेतृत्व में एक समिति विचार-विमर्श कर रही है। उम्मीद जताई जा रही है, कि इस साल के अंत तक हम स्कूली शिक्षा के लिए नया और व्यापक राष्ट्रीय पाठ्यक्रम से संबंधित ढांचा तैयार कर लेंगे।' करवाल ने बताया, कि नए पाठ्यक्रम के तहत बच्चों में शुरुआत से ही वैज्ञानिक सोच के विकास पर ध्यान दिया जाएगा। साथ ही, बच्चों में गणना संबंधी सोच विकसित करने पर फोकस रहेगा।

इन गुणों के विकास पर भी रहेगा जोर

उन्होंने कहा, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है, कि केवल गणितीय ज्ञान पर जोर रहेगा। बल्कि, तर्क करने की क्षमता (reasoning ability) के विकास पर भी ध्यान दिया जाएगा। इसमें बच्चों में नागरिक गुणों के बोध संबंधी तत्वों को महत्व देने के साथ-साथ मौलिक कर्तव्य व अधिकार (Fundamental Duties and Rights) से जुड़े आयाम शामिल होंगे। इसी के तहत केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने साल 2019 में सबसे पहले कृत्रिम बुद्धिमता (artificial intelligence) को कौशल शिक्षा से जोड़ा और इसे पढ़ाई में शामिल किया था ।

अनीता करवाल का कहना था, कि कृत्रिम बुद्धिमता का उपयोग सामाजिक क्षेत्रों और समस्याओं के समाधान के लिए होना चाहिए। शिक्षा मंत्रालय ने पिछले साल वरिष्ठ वैज्ञानिक के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में 12 सदस्यीय राष्ट्रीय संचालन समिति का गठन किया था। समिति को स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा तक के पाठ्यक्रम की नई रूपरेखा तैयार करने का दायित्व सौंपा गया था।

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