नई दिल्ली : आईआईटी, एनआईटी, आईआईआईटी और सरकार से फंड प्राप्त करने वाले विभिन्न तकनीकी संस्थानों के लिए इस साल आयोजित ज्वाइंट काउंसिलिंग में आईआईटी में 73 सीटें बची हैं। जिसमें से 38 सीटें आईआईटी बीएचयू में है।
एनआईटी में 10 फीसदी सीटें नहीं भरी
-एनआईटी में 1,518 सीटें खाली रह गई हैं।
-एचआरडी के एक सोर्स के मुताबिक ज्यादातर वैकेंसी स्टेट कोटा का हिस्सा है।
-एनआईटी सूरत में अब तक 115 और जालंधर में 110 सीटें खाली हैं।
-इन दोनों एनआईटी में 10 फीसदी सीटें अब भी खाली हैं।
सीटें खाली रहने की क्या है वजह ?
-पूर्वोत्तर के कई एनआईटी में सीटों के खाली रहने की वजह देश के अन्य हिस्सों के छात्रों का वहां एडमिशन लेने के प्रति कोई रुचि नहीं होना बतााया जा रहा है।
-ज्वाइंट सीट ऐलोकेशन अथॉरिटी (जेओएसएए) ने पाया कि आईआईटी बीएचयू में जो 38 सीटें खाली रह गई हैं, वे उन ब्रांच से संबंधित हैं जो अब आकर्षक नहीं रह गई हैं।
-आईआईटी बॉम्बे, मद्रास, खड़गपुर, दिल्ली और कानपुर में कोई सीट नहीं बची है।
-इंडियन स्कूल ऑफ माइंस (आईएसएम), धनबाद में कुल 912 सीटों में से सिर्फ 23 सीटें खाली रह गई हैं।