जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी ने कुछ सेंटर्स और स्कूलों में PHD की सीटें बढ़ाई

जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी में एमफिल और पीएचडी प्रोग्राम में भारी सीट कटौती के खिलाफ छात्र संघ के लगातार प्रदर्शन किए। इसके बीच जेएनयू प्रशासन ने अपने कुछ सेंटर्स और स्कूलों में पीएचडी की कुछ सीटें बढ़ाई हैं।

Update: 2017-04-02 10:52 GMT

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी (JNU) में एमफिल और पीएचडी प्रोग्राम में भारी सीट कटौती के खिलाफ छात्र संघ के लगातार प्रदर्शन किए। इसके बीच जेएनयू प्रशासन ने अपने कुछ सेंटर्स और स्कूलों में पीएचडी की कुछ सीटें बढ़ाई हैं।

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सूत्रों ने मुताबिक, बढ़ी हुई ये सभी सीटें विज्ञान विषयों के केंद्रों और स्कूलों के तहत आती हैं। जबकि समाज विज्ञान, कला और सौंदर्यशास्त्र एवं भाषा साहित्य तथा संस्कृति अध्ययन में कोई सीट नहीं बढ़ाई गई है। विभिन्न केंद्रों और स्कूलों में सीटों की संख्या में बदलाव का जेएनयू के आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित ‘शुद्धिपत्र’ में उल्लेख किया गया है।

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क्या कहना है छात्र संगठनों का?

-जेएनयूएसयू और एबीवीपी सहित छात्र संगठनों का कहना है कि कि गणना में सुधार के बाद ये सीटें बढ़ाई गयी हैं। जबकि वास्तव में सीटों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है।

-जेएनयू में एबीवीपी नेता ने कहा, ‘ऐसा अधिकतर विज्ञान विषयों के पाठ्यक्रमों में हुआ है और संभवत: यह रिक्तियों की फिर से गणना के चलते हुआ है। जिसमें सुधार के बाद 48 सीटों की बढ़ोत्तरी हुई।’

-जेएनयूएसयू अध्यक्ष मोहित पांडे का कहना है कि हालिया बदलाव के बाद सीटों की संख्या के बारे में आधिकारिक घोषणा की प्रतीक्षा की जा रही है।

 

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