Sikar News: सीकर नई कोचिंग फैक्ट्री जिसने कोटा को पीछे छोड़ दिया
Sikar News: 2024 के परिणामों के विश्लेषण से पता चलता है कि 650 से अधिक नम्बर पाने वाले उम्मीदवारों से भरपूर कुल 50 केंद्रों में से 37 सीकर जिले में स्थित हैं।
Sikar News: कोटा से करीब 400 किलोमीटर दूर राजस्थान के शेखावाटी शहर सीकर में एक और कोचिंग फैक्ट्री पनप रही है। हाल ही में आयोजित नीट यूजी परीक्षा में सीकर सुर्खियों में आया क्योंकि इसने ज्यादा टॉपर्स दे कर 12,000 करोड़ रुपये की कोटा कोचिंग फैक्ट्री को पीछे छोड़ दिया है।नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के अनुसार, सीकर के 149 छात्रों ने 720 में से 700 से अधिक अंक प्राप्त किए, जो कोटा (74 छात्र) से लगभग दोगुना है। 2024 के परिणामों के विश्लेषण से पता चलता है कि 650 से अधिक नम्बर पाने वाले उम्मीदवारों से भरपूर कुल 50 केंद्रों में से 37 सीकर जिले में स्थित हैं। स्थानीय कोचिंगों का कहना है कि पिछले कुछ सालों से नीट में सीकर का प्रदर्शन कोटा से बेहतर रहा है। 2023 की परीक्षा में सीकर के 23 छात्र टॉप 1,000 रैंक धारकों में शामिल थे जबकि कोटा के 13 छात्र थे। इस साल कोटा का हिस्सा 35 हो गया, लेकिन सीकर के 55 छात्रों ने इसे पीछे छोड़ दिया।
दो गालियां और 15 कोचिंग
सीकर का कोचिंग उद्योग फिलवक्त सिर्फ दो भीड़भाड़ वाली गलियों - पिपराली और नवलगढ़ रोड पर स्थित 15 केंद्रों तक सीमित है। जहां कोटा में देश भर से छात्र आते हैं वहीं सीकर में ज्यादातर छात्र राजस्थान और हरियाणा से हैं। वैसे, हाल ही में पश्चिमी उत्तर प्रदेश, बिहार और यहाँ तक कि पूर्वोत्तर से भी कुछ छात्र आए हैं।
छात्रों की बढ़ती संख्या के चलते आज सीकर में, नए नए मकान, फ्लाईओवर, कैफ़े, शॉपिंग सेंटर, कार और बाइक शोरूम मौजूद हैं।कोचिंग बूम के चलते लोकल बिजनेस फलफूल रहा है। सीकर की नई लोकप्रियता को देखते हुए, पेइंग गेस्ट और हॉस्टल का बिजनेस बढ़ रहा है, जो साझा कमरे के लिए 3,000 रुपये और एयर कंडीशनर वाले सिंगल रूम के लिए 10,000 रुपये तक लेते हैं। कई माता-पिता, खासकर माताएँ, अपने बच्चों की पढ़ाई के दौरान सीकर में ही रहती हैं। सीकर में पहले से ही लगभग 500 छात्रावास हैं, और हर दिन नए निर्माण कार्य हो रहे हैं, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि यह अभी भी कोटा जैसा नहीं है।
सीकर की एक बड़ी कोचिंग है गुरुकृपा जिसके 11 सेंटर हैं। इस साल गुरुकृपा में 30,000 से ज़्यादा उम्मीदवारों को कोचिंग मिल रही है। इस संस्थान के अलावाल मैट्रिक्स, सीएलसी और प्रिंस, सीकर में स्थानीय लोगों द्वारा चलाए जाने वाले दूसरे बड़े नाम हैं। यहाँ पर फ़िज़िक्स वाला, अनएकेडमी, आकाश इंस्टीट्यूट और एलन करियर इंस्टीट्यूट जैसे राष्ट्रीय ब्रांड भी मौजूद हैं। लेकिन एलन को छोड़कर, जो तीन साल पहले यहाँ आया था, बाकी सभी में छात्रों की संख्या हर केंद्र पर लगभग 1,000 है।
25 साल में हुआ बदलाव
भले ही इस साल सीकर ने सुर्खियाँ बटोरीं हैं लेकिन यहां पर बदलाव बीते 25 साल से आया है। 2000 में कोचिंग बूम से पहले सीकर की आबादी ढाई लाख से भी कम थी। सीकर में पहला कोचिंग सेंटर 1996 में खुला जिसका नाम था करियर लाइन कोचिंग। यह कोचिंग अभी भी चल रही है, लेकिन इसके कई पूर्व शिक्षकों ने अपने खुद के संस्थान खोल लिए हैं, गुरुकृपा भी उनमें से एक है।
फीस कोटा जैसी
कोटा की तुलना में भले ही सीकर में कम छात्र हैं लेकिन यहां की फीस कोटा जैसी ही है - करीब 1 लाख रुपये सालाना। कोटा की तरह सीकर के संस्थान भी आम तौर पर आईआईटी छात्रों या शिक्षकों को शिक्षक के रूप में नियुक्त करते हैं। लेकिन कोटा के विपरीत, सीकर के सभी प्रमुख कोचिंग केंद्रों में अपने ही छात्रावास हैं।
चिंता भी कम नहीं
लेकिन सफलता के साथ एक डर भी जुड़ा हुआ है। सीकर पुलिस के अनुसार, 2021 से जून 2024 के बीच यहाँ 14 छात्रों ने "शैक्षणिक दबाव" के कारण आत्महत्या कर ली। चिंता ये है कि कहीं यह दूसरा कोटा न बन जाए।