खुशखबरी: इंजीनियरिंग में एडमिशन लेने वालों को 2018 से देना होगा एक ही एंट्रेंस टेस्ट

Update: 2017-02-11 06:24 GMT

नई दिल्ली: सेन्ट्रल गवर्नमेंट ने साल 2018 से पूरे देश में एक ही इंजीनियरिंग एंट्रेंस टेस्ट कराने के प्रपोजल को मंजूरी दे दी है। मेडिकल में एडमिशन के लिए सिंगल नीट टेस्ट की तरह ही अब इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स को भी एक ही टेस्ट देना होगा। इस टेस्ट से करीब साढ़े तीन हजार इंजीनियरिंग कॉलेजेस में एडमिशन होंगे। इस टेस्ट की सबसे ख़ास बात यह रहेगी कि सैट की तरह यह साल में दो बार करवाई जाएगी और स्टूडेंट्स के बेस्ट स्कोर को शामिल किया जाएगा।

यह जानकारी ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट मिनिस्ट्री की ओर से जारी की गई है। इसमें सिंगल टेस्ट प्रपोजल को 2018 से लागू करने की मंजूरी देते हुए एआईसीटीई को जरूरी नियम बनाने के लिए कहा है।

इस नए नियम के बारे में गवर्नमेंट का उद्देश्य इंजीनियरिंग एजुकेशन में सुधार लाना है। इससे एडमिशन में की जाने वाली गड़बड़ियों को रोका जा सकेगा, जैसे कैपिटेशन फीस आदि। साथ ही स्टूडेंट्स को एक से ज्यादा टेस्ट देने से बचाया जा सकेगा।

बता दें कुछ टाइम पहले पूर्व एआईसीटीई की एक्सपर्ट कमिटी ने एक इंजीनियरिंग एंट्रेंस टेस्ट का सुझाव दिया था, जिसे बाद में एआईसीटीई की बोर्ड बैठक में भी मंजूरी मिल गई थी।

ख़बरों के अनुसार, देशभर के इंजीनियरिंग और आर्किटेक्चर कॉलेजों में बीटेक और बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर में अगले सेशन से अलग-अलग एंट्रेंस एग्जाम नहीं होंगे। बल्कि नीट की तरह ही एक सिंगल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट होगा। इसके माध्यम से आगे विभिन्न कॉलेजेस में दोनों ग्रेजुएशन प्रोग्राम में एडमीशन होंगे।

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