गोरखपुर: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयू) के एक दलित शोध छात्र दीपक कुमार ने विश्वविद्यालय के डीन और प्रोफेसर पर कई गंभीर आरोप लगा कर जहर खा कर आत्महत्या करने का प्रयास किया| गंभीर हालत में उसे जिला अस्पताल से मेडिकल कालेज रेफर किया गया जहा उसका इलाज चल रहा है|
जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के शोधार्थी दीपक कुमार ने कीटनाशक खाकर आत्महत्या की कोशिश की है, शोधार्थी ने आत्महत्या के लिए अपने संकाय के अधिष्ठाता प्रो. सीपी श्रीवास्तव और विभागाध्यक्ष प्रो. द्वारिकानाथ द्वारा लगातार किए जा रहे जातिगत उत्पीड़न को कारण बताया है, फौरी तौर पर कार्रवाई करते हुए कुलपति ने विभागाध्यक्ष को पद से हटा दिया है, साथ ही जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी है| पीड़ित शोधार्थी की हालत फिलहाल खतरे से बाहर है, बीआरडी मेडिकल कॉलेज में उसका इलाज चल रहा है|
जातिसूचक शब्दों के साथ अपमानित करने का आरोप
विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग में प्रो. डीएन यादव के निर्देशन में दीपक कुमार बीते 30 अगस्त को ही शोधार्थी के रूप में पंजीकृत हुआ है| छह सितंबर को उसने कुलपति को पत्र लिखकर बताया था, कि संकाय अधिष्ठाता और विभागाध्यक्ष लगातार उसे जातिसूचक शब्दों के साथ अपमानित कर रहे हैं|
शोध सिनाप्सिस को लेकर भी दोनों ने उसके साथ अमर्यादित व्यवहार किया, शिकायत के बाद भी दीपक को कुलपति स्तर से कोई मदद नहीं मिली तो विवि शोध छात्र दीपक कुमार, ने डीन व एचओडी पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए एक वीडियो खुद बनाया और उसमे अपने साथ होने वाले उत्पीडन को बताया और फिर वीडियो बनाने के बाद कीटनाशक खा कर सुसाइड कर लिया और फिर अस्पताल में भी गंभीर हालात में उसने वही आपबीती बताई |
अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही शुरू
इस मामले की जानकारी मिलते ही हरकत में आई पुलिस ने तत्काल कार्यवाही शुरू कर दी और सीओ कैंट प्रभात राय के मुताबिक़ देर रात तहरीर मिलने के बाद मुकदमा दर्ज कर लिया गया| फिलाहल अभी अज्ञात के खिलाफ तहरीर मिली है| जिसके आधार पर अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही शुरू कर दी गई है और आगे जिस प्रकार की विवेचना और उच्च अधिकारियो का निर्देश मिलेगा उस हिसाब से कार्यवाही की जायेगी |
वही गोरखपुर विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी प्रोफेसर हर्ष कुमार सिन्हा ने कहा कि यह घटना दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है छात्र के शिकायत पत्र पर कुलपति द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए संबंधित व्यक्तियों से लिखित आख्या मांगी गई थी इस बीच गोरखपुर विश्वविद्यालय में अपरिहार्य कारणों से अवकाश रहा ओरिया पत्र विश्व विद्यालय खुलने पर ही प्राप्त हुए नियंता की ओर से भी उसके प्रार्थना पत्र को पुलिस को आकर्षित करा दिया गया था संबंधित विभाग अध्यक्षों को पद से हटा दिया गया है कुलपति ने मामले पर तत्काल एक जांच समिति गठित कर दी है।