उर्दू पढ़ने से मना किया तो छात्रा को जड़ा थप्पड़, मासूम ने खाना-पीना छोड़ा

Update:2018-12-11 20:07 IST

सहारनपुर: जवाहर नवोदय विद्यालय की एक छात्रा द्वारा उर्दू पढऩे से मना किए जाने पर उसकी शिक्षिका ने मासूम छात्रा को एक थप्पड़ लगा दिया। परिजनों के मुताबिक छात्रा इस कदर सहमी कि उसने खाना पीना तक छोड़ दिया है।

बताया जा रहा है कि टीचर ने छात्रा को यह भी धमकी दी है कि यदि उसने अपने परिजनों को इस घटना के बारे में बताया तो उसका नाम काट दिया जाएगा। छात्रा के बाबा ने एसडीएम को इसकी शिकायत की है। उधर विद्यालय के प्राचार्य ने कार्यवाही करते हुए आरोपी शिक्षिका से लिखित में जवाब तलब किया है।

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रामपुर मनिहारान तहसील के गांव मिर्जापुर अंबेहटाचांद स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में थाना नकुड़ के गांव ढ़कदेई निवासी अनुप कुमार की पुत्री करूण पंवार कक्षा छह की छात्रा है। अनुप कुमार ने एसड़ीएम को दिए गए प्रार्थना पत्र में जवाहर नवोदय विद्यालय की उर्दू महिला शिक्षिका प्रवीन पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीते कल उनकी पुत्री करूणा पंवार पर विद्यालय में शिक्षिका ने उर्दू पढऩे के लिए अनावश्यक दबाव बनाया। जब उनकी पुत्री ने उर्दू पढऩे में अपने में असर्मथता जताई तो इस शिक्षिका ने उसे थप्पड़ मार दिया। परिजनों के मुताबिक इस घटना से डरी सहमी उनकी पुत्री करूणा दो दिनों से खाना भी नहीं खा रही है। पत्र में यह भी कहा गया है कि शिक्षिका प्रवीन ने छात्रा को धमकी दी है कि यह उसने इस बारे में अपने परिजनों को बताया तो वह उसका विद्यालय से नाम कटवा देगी।

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छात्रा के पिता अनुप पंवार ने कहा कि इस सबंध में जब उन्होंने विद्यालय के प्रधानाचार्य को शिकायती की तो उन्होंने भी उर्दू शिक्षिका का पक्ष लिया और घटना में लीपापोती का प्रयास किया जा रहा है। इस सबंध में जब विद्यालय के प्राचार्य से बात की गई तो उन्होंने छात्रा की पिटाई किए जाना स्वीकार किया है। छात्रा के पीडित पिता अनुप सिंह ने कहा कि जिस प्रकार ने शिक्षिका ने मासूम बच्ची को थप्पड़ मारा है वे शिक्षिका के खिलाफ विभागीय कार्यवाही कराकर ही दम लेगें।

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उधर विद्यालय के प्राचार्य महेन्द्र सिंह का कहना है कि उन्होंने अरोपी शिक्षिका से लिखित में जवाब तलब किया है। और भविष्य में किसी भी बच्चें को हाथ लगाने पर विभागीय कार्रवाही करने की चेतावनी दी है। वहीं आरोपी शिक्षिका प्रवीन का कहना है कि मैने छात्रा को उर्दू पढ़ाने के लिए दबाव नहीं बनाया बल्कि शरारत करने पर डऱाया धमकाया गया था।

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