Part Time PhD: अब वर्किंग प्रोफेशनल्स भी कर सकेंगे पार्ट टाइम पीएचडी, जानें क्या है UGC की तैयारी

Part Time PhD : UGC के चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने कहा, 'जब दुनिया भर के प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी इस तरह के कोर्स ऑफर कर रहे हैं, तो भारत में भी ऐसा जल्द ही संभव हो सकेगा।'

Written By :  aman
Update: 2022-07-06 10:49 GMT
Click the Play button to listen to article

Part Time PhD : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी University Grants Commission या UGC पेशेवर कामगारों (working professionals) के पार्ट टाइम PhD (Part Time PhD) कोर्स शुरू करने पर विचार कर रहा है। अगर, ऐसा होता है तो पेशेवरों के लिए ये सुनहरा मौका होगा। क्योंकि, वर्तमान समय में कई ऐसे प्रोफेशनल्स काम कर रहे हैं जिन्हें समय के साथ ज्ञान वृद्धि और प्रमोशन के लिए आवश्यक डिग्रियां नहीं हैं। UGC यदि इस दिशा में कदम बढ़ाता है तो ऐसे वर्किंग लोगों की समस्याओं का समाधान हो पाएगा। 

दरअसल, UGC आईआईटी (IIT) द्वारा अपनाई जाने वाली प्रणाली के तहत वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए पार्ट टाइम PhD कोर्सेज़ (Part Time PhD For Working Professionals) का की संभावनाएं तलाश रहा है। इस बारे में UGC के चेयरमैन एम जगदीश कुमार (UGC Chairman M Jagadesh Kumar) ने कहा कि, 'जब दुनिया भर के प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी (Reputed Universities) इस तरह के कोर्स (पार्ट टाइम पीएचडी कोर्सेज़) ऑफर कर रहे हैं, तो भारत में भी ऐसा जल्द ही संभव हो सकेगा।'

..और क्या कहा UGC चेयरमैन ने? 

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के चेयरमेन प्रो जगदीश कुमार आगे कहते हैं, 'पार्ट टाइम पीएचडी (Part Time PhD) कोर्स में विश्वविद्यालय के फैकल्टी मेंबर किसी पीएचडी स्टूडेंट को सुपरवाइज करते हैं। मगर, बड़े पैमाने पर वह स्वतंत्र रूप से ही काम करता है। उन्होंने कहा, इस तरह के पार्ट टाइम पीएचडी (Part Time PhD) कोर्स दुनिया के कई बेहतरीन विश्वविद्यालयों में उपलब्ध हैं। तो हमारे भारतीय यूनिवर्सिटीज में क्यों नहीं हो सकता।' 

जानें क्या कहा जगदीश कुमार ने? 

यूजीसी (UGC) ने इसी साल मार्च महीने में एक ड्राफ्ट यूजीसी रेगुलेशन, 2022 (UGC Regulations, 2022) के मसौदे को अधिसूचित (Notified) किया था। पार्ट टाइम पीएचडी कोर्सेज़ के प्रावधान (Provision of part time PhD courses) को उन नियमों में जगह मिलने की संभावना है जिन्हें अब अंतिम रूप दिया जा रहा है। बता दें कि, प्रो जगदीश कुमार आईआईटी मद्रास (IIT Madras) के पूर्व छात्र हैं। बाद में वो आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi) से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में फैकल्टी भी थे। यूजीसी चेयरमेन ने बताया कि आईआईटी प्रणाली (IIT System) में पार्ट टाइम पीएचडी बहुत आम है।

उनके लिए उपयोगी, जो नहीं ले सकते लंबी छुट्टियां  

प्रोफेसर जगदीश कुमार ने आगे कहा, कि 'अगर स्टूडेंट उसी शहर में रह रहा है जहां यूनिवर्सिटी है, तो वे लेक्चर (lecture) में शामिल हो सकते हैं। इतना ही नहीं लेक्चर के बाद स्टूडेंट अपने काम पर वापस भी जा सकता है। जगदीश कुमार कहते हैं ऐसे पार्ट टाइम पीएचडी कोर्स उन पेशेवरों के लिए बेहद उपयोगी है, जो पीएचडी करने के लिए लंबी छुट्टी नहीं ले सकते हैं।'

पात्रता की शर्तें समान होने की संभावना 

प्रो जगदीश कुमार ने कहा कि, 'पात्रता की शर्तें (ELIGIBILITY CONDITIONS) पार्ट टाइम और फुल टाइम दोनों अभ्यर्थियों के लिए समान होने की संभावना है। बता दें कि, डॉक्टरेट कार्यक्रम के लिए नामांकित होने के लिए पार्ट टाइम पीएचडी कैंडिडेट्स को अपने संगठनों (जहां काम करते हों) से एक NOC लेनी जरूरी होगी। जिसके नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) में यह कहा जाएगा कि कर्मचारी के रिसर्च के दौरान पाठ्यक्रम (course during research) के कार्य पूरा करने के लिए कर्मचारी को ड्यूटी से मुक्त कर दिया जाएगा।'

Tags:    

Similar News