UP के हायर एजूकेशन विभाग का आदेश, तत्काल तंबाकू मुक्त हों शिक्षण संस्थान
उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सारे हायर एजूकेशनल संस्थानों को तंबाकू मुक्त करने की दिशा में शासनादेश जारी कर दिया है। इसके चलते प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों को तंबाकू मुक्त बनाया जाएगा जिसमें खासकर उच्च शिक्षा विभाग के क\लेज शामिल हैं।इस शासनादेश का उल्लंघन करने वालों पर सिगरेट एंड अदर टोबैको प्रोडक्ट एक्ट (कोटपा) के तहत कार्यवाही की जाएगी।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सारे हायर एजूकेशनल संस्थानों को तंबाकू मुक्त करने की दिशा में शासनादेश जारी कर दिया है। इसके चलते प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों को तंबाकू मुक्त बनाया जाएगा जिसमें खासकर उच्च शिक्षा विभाग के क\लेज शामिल हैं।इस शासनादेश का उल्लंघन करने वालों पर सिगरेट एंड अदर टोबैको प्रोडक्ट एक्ट (कोटपा) के तहत कार्यवाही की जाएगी।
कॉलेजों से 100 यार्ड की दूरी पर रहेंगी पान की दुकानें
यूपी के उच्च शिक्षा विभाग की विशेष सचिव मधु जोशी ने एक पत्र जारी करके प्रदेश के सभी महाविद्यालयों को अनिवार्य रूप से तंबाकू रहित बनाने को कहा है। पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में बच्चों एवं युवाओं के बीच तंबाकू के उपयोग का प्रचलन बहुत अधिक है। भारत सरकार द्वारा कराए गए ग्लोबल एडल्ट टुबैको सर्वे इंडिया रिपोर्ट 2010 के अनुसार भारत में एक तिहाई यानि 35 प्रतिशत वयस्क(15 वर्ष और उससे अधिक उम्र) तंबाकू का प्रयोग करते हैं। उसमें से 21 प्रतिशत वयस्क धुंआ मुक्त तंबाकू का प्रयोग करते हैं। इसलिए अब यूपी के सारे उच्च शिक्षण संस्थानों से 100 गज की दूरी पर ही पान की दुकानें होंगी। इस सीमा के अंदर पान की दुकान चलाना कानूनन अपराध होगा।
स्कूलों के प्रिंसपल फैलाएं जागरुकता
विशेष सचिव मधु जोशी के पत्र में यूपी के सभी महाविद्यालयों के प्रिसपलों को स्पष्ट रूप से अपने-अपने विदयालयों में स्वच्छता और तंबाकू के दुष्प्रभावों संबंधी जागरूकता फैलाए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं। यदि इस शासनादेश के बाद भी उच्च शिक्षण संस्थानों से 100 यार्ड की परिधि में कोई पान की दुकान पाई जाएगी तो कोटपा एक्ट के तहत उस पर कार्यवाही की जाएगी।
मुहिम को सराहा
वॉलेंटरी हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया के डायरेक्टर जे पी शर्मा ने कहा कि सूबे के उच्च शिक्षण संस्थान द्वारा यूपी के कॉलेजों को तंबाकू मुक्त करने की यह मुहिम सराहनीय है। इससे हजारों बच्चे तंबाकू के दुष्प्रभावों और उससे होने वाले जानलेवा बीमारियों की चपेट में आने से बचेंगे।