UPPSC अब किसी भी भर्ती में नहीं करेगा आरक्षण का निर्धारण

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) अब किसी भी भर्ती में रिजर्वेशन का निर्धारण नहीं करेगा। खाली पदों के आरक्षण की व्यवस्था किए बगैर आने वाले अधियाचन उस विभाग को आरक्षण निर्धारित करने का आग्रह करते हुए वापस कर दिए जाएंगे। यह महत्वपूर्ण फैसला आयोग ने भविष्य में आरक्षण को लेकर होने वाले विवाद से बचने के लिए लिया है।

Update: 2017-09-04 06:34 GMT

इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) अब किसी भी भर्ती में रिजर्वेशन का निर्धारण नहीं करेगा। खाली पदों के आरक्षण की व्यवस्था किए बगैर आने वाले अधियाचन उस विभाग को आरक्षण निर्धारित करने का आग्रह करते हुए वापस कर दिए जाएंगे। यह महत्वपूर्ण फैसला आयोग ने भविष्य में आरक्षण को लेकर होने वाले विवाद से बचने के लिए लिया है।

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कई बार विभाग यूपीएससी को नियुक्ति का अधियाचन भेजते समय केवल खाली पदों की संख्या का ही उल्लेख कर देते हैं। यह साफ नहीं होता है कि इन पदों में कितने पद किस वर्ग/जाति के लिए आरक्षित किए जाएंगे। अधियाचन में लिख दिया जाता है कि आरक्षण नियम के अनुसार होगा। अभी तक आयोग ऐसे अधियाचन पर आरक्षण निर्धारित कर संबंधित विभाग को भेजकर अनुमोदन लेता था। फिर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाती थी।

क्यों लिया निर्णय?

कृषि तकनीकी सहायक सहित कुछ अन्य भर्तियों में आरक्षण निर्धारित करने और बाद में बदलने को लेकर विवाद हुए जिससे आयोग की खूब किरकिरी हुई। मामला हाईकोर्ट तक गया। पूर्व अध्यक्ष अनिल यादव के कार्यकाल के दौरान हुई कुछ सीधी भर्तियों में आरक्षण की प्रकृति बदलकर ओबीसी की एक जाति विशेष कैंडिडेट्स को चयनित करने के भी आरोप लगे थे। भविष्य में इस तरह का कोई विवाद न हो इसलिए आयोग ने अब आरक्षण निर्धारित न करने का फैसला लिया है।

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इस फैसले से आयोग आरक्षण निर्धारण को लेकर होने वाले विवाद से तो बचेगा ही आयोग पर काम का एक अतिरिक्त दबाव भी कम होगा। आयोग सचिव जगदीश ने कहरा कि खाली पदों का आरक्षण निर्धारित करना अधियाचन भेजने वाले विभाग का दायित्व है।

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