लखनऊ: उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (UPTET) के लिए पंजीकरण कराने वाले 22.77 लाख अभ्यर्थियों में से 18.25 लाख ने आवेदन का मूल प्रिंट निकाल लिया। बता दें कि मंगलवार को शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि तक 18.50 लाख अभ्यर्थियों ने शुल्क जमा किए।
4.25 लाख लोगों का शुल्क अब भी नहीं हो सका जमा
शुल्क जमा करने के बाद परीक्षा नियामक की वेबसाइट से बुधवार शाम छह बजे तक 18.25 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन का प्रिंट निकाल लिया था। परीक्षा नियामक की ओर से टीईटी-2018 की परीक्षा तिथि चार नवंबर की तिथि तय की गई है। ऐसे में कहा जा सकता है कि 22.77 लाख अभ्यर्थियों में से 18.50 लाख ने ही फीस जमा किया और करीब 4.25 लाख लोगों का शुल्क अब भी जमा नहीं हो सका है। इतने लोगों का फीस न जमा होने के नाते अभी वे अभ्यर्थी परीक्षा से बाहर हैं।
बता दें कि टीईटी में बड़ी संख्या में आवेदन के चलते लगातार वेबसाइट में खराबी आ रही थी। अंतिम दिनों में बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने आवेदन किए। वेबसाइट की खराबी के चलते शासन को आवेदन की तिथि बढ़ाने के साथ शुल्क जमा करने की तिथि भी आगे बढ़ानी पड़ी थी।
बीटीसी अभ्यर्थियों ने की परीक्षा कराने और टीईटी में शामिल कराने की मांग
आगामी 95000 शिक्षक भर्ती में यह छात्र भी शामिल होने के लिए बीटीसी 2015 बैच के अभ्यर्थी भी इस परीक्षा के लिए आवेदन किए हैं। लेकिन उनके चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा बीते 10 अक्टूबर को लीक होने के चलते निरस्त कर दी गई थी। जिसके चलते वह जगह जगह धरना प्रदर्शन कर रहे हैं कि उनकी परीक्षा कराकर उन्हें भी इस भर्ती में शामिल होने का मौका दिया जाय। वहीं कुछ अभ्यर्थियों का कहना है कि यदि योगी सरकार हमारी बात नहीं सुनती है तो हम कोर्ट जायेंगे।
कम मिल रहा तैयारी का समय
वहीं इस परीक्षा को जल्दी कराने के चलते अभ्यर्थियों को तैयारी करने के लिए कम समय मिल पाया है जिससे सभी उम्मीदवार इस शिक्षक पात्रता परीक्षा के एग्जाम की डेट को आगे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। यह भी जानने योग्य बातें है कि टीईटी परीक्षा के नतीजे महज 16 दिन में जारी किए जाएंगे।
चुनाव से पहले भर्ती के दबाव में मिला कम समय
2019 के आम चुनाव से पहले प्रदेश सरकार प्राथमिक स्कूलों में 95 हजार सहायक अध्यापकों की नियुक्ति करना चाह रही है। सरकार ने दिसंबर 2018 तक टीईटी व सहायक अध्यापकों की लिखित परीक्षा कराने की डेडलाइन तय की है।