उद्देश्यपूर्ण शिक्षण सामग्री के लिए जी-5 एवं एडुआरा की साझेदारी

Update: 2020-01-29 11:11 GMT

310 मिलियन विद्यार्थियों को होगा लाभ, किफायती कीमतों पर विश्व स्तरीय ऑनलाइन शिक्षा उपलब्ध कराने का मकसद

मुंबई, 28 जनवरी 2020. आज मुंबई में देश के सबसे बड़े कंटेंट ब्रांड जी-5 एवं प्रीमियर डिजिटल एजुकेशन प्लेटफॉर्म एडुआरा के बीच एक विशेष साझेदारी की घोषणा की गई। भारतीय उपभोक्ताओं के लिए कंटेंट परिदृश्य को नए सिरे से परिभाषित करने और 100 से अधिक मूल कार्यक्रम, सिनेमा, समाचार और अपनी नई जेमिफिकेशन सामग्री की एक सीरीज के साथ लाखों लोगों का मनोरंजन करने के बाद जी-5 ने देशभर में अपने दर्शकों तक उद्देश्यपूर्ण सामग्री पहुंचाने में इस साझेदारी द्वारा समर्थ हो जाएगा।

जी-5 एवं एडुआरा के बीच साझेदारी

जी-5 एवं एडुआरा के बीच इस विशेष साझेदारी की घोषणा मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम के माध्यम से की गई। इस अवसर पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक‘, जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड के एमडी एवं सीईओ पुनीत गोयनका, जी-5 इंडिया के सीईओ तरुण कटियाल तथा एडुआरा की फाउंडर एवं सीईओ आकांक्षा चतुर्वेदी उपस्थित रहीं।

इस साझेदारी से पारंपरिक शिक्षण प्रणाली का परिदृश्य पूरी तरह बदल सकता है। इस साझेदारी के तहत कक्षा 6 से 12 वीं के छात्रों को उनके एजुकेशन बोर्ड के पाठ्यक्रम के अनुसार हिंदी और अंग्रेजी में कॉन्सेप्ट आधारित शिक्षण सामग्री प्रस्तुत की जाएगी। शिक्षण सामग्री प्रत्येक विषय पर आधारित होगी और इसमें कॉन्सेप्ट को समझाने वाले अभिनव और इंटरैक्टिव तरीकों का उपयोग किया जाएगा। अध्ययन सामग्री विभिन्न एजुकेशन बोर्ड के अनुरूप होगी, जिनमें आईसीएसई, सीबीएसई एवं सात राज्यों (महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु) के शिक्षा बोर्ड भी शामिल हैं।

जी-5 इंडिया के सीईओ का कथन

तरुण कटियाल, सीईओ, जी-5 इंडिया ने साझेदारी कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘‘जी-5 पर हमारा विजन सभी वर्ग के लोगों के लिए ऐसा समृद्ध और उपयोगी कंटेंट पेश करना है, जिसे लोग किसी भी समय, कहीं भी देख सकें और आनंद ले सकें, क्योंकि आखिर इसी मकसद के साथ कोई भी जी-5 के सब्सक्रिप्शन में निवेश करता है। एडुआरा के सहयोग से हम ऐसी उद्देश्यपूर्ण सामग्री तैयार करना चाहते हैं, जो देशभर के युवा छात्रों की शैक्षिक जरूरतों को पूरा कर सके। ज्यादातर शहरों में आज घरेलू आमदनी का एक बड़ा हिस्सा बच्चों की कोचिंग पर खर्च होता है, चाहे वे किसी भी ग्रेड में पढ़ते हों। अब जी-5 के साथ साझेदारी करने के बाद एडुआरा देश भर में वर्चुअल क्लासरूम स्थापित करने में हमारी मदद करेगा। महानगरों, टीयर 2 और टीयर 3 शहरों और गांवों सहित देश भर में हमारी व्यापक पहुंच के साथ, हम बिना किसी अतिरिक्त लागत के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की उम्मीद करते हैं।‘‘

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री, रमेश पोखरियाल ‘निशंक‘ का कथन

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री, रमेश पोखरियाल ‘निशंक‘ ने कहा, ‘‘मैं पुनीत गोयनका और जी की टीम को बधाई देना चाहता हूं, जिन्होंने स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर शिक्षा को लाने में बहुत दूरदर्शिता दिखाई है। मुझे यकीन है कि शिक्षा का डिजिटल परिवर्तन हमारे देश में व्यापक बदलाव की राह प्रशस्त करेगा और देश के प्रत्येक बच्चे तक शिक्षा को पहुंचाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस तरह के प्रयासों से शिक्षा सबके लिए आसानी से उपलब्ध होगी और इस तरह सही अर्थों में शिक्षा का लोकतंत्रीकरण हो सकेगा। ताकि प्रत्येक बच्चा अपनी ताकत और क्षमताओं को खोज सके और डिजिटल दुनिया में अपने सपनों को पूरा कर सके!‘‘

एडुआरा की फाउंडर एवं सीईओ, आकांक्षा चतुर्वेदी का कथन

एडुआरा की फाउंडर एवं सीईओ, आकांक्षा चतुर्वेदी ने अवसर पर कहा, ‘‘महत्वपूर्ण संस्थानों में अध्ययन करने के बाद, हमने महसूस किया कि भारत को तब बदला जा सकता है जब बेहतर गुणवत्ता की शिक्षा हर बच्चे तक पहुँच सके। चुनौती यह थी कि विश्व स्तर की शिक्षा महंगी थी और केवल अमीर तबके के लोग ही इसे वहन कर सकते थे। हमारा मानना था कि इस दिशा में आने वाली सभी रुकावटों को दूर करने और शिक्षा के उपयोग के तरीके को बदलने के लिए एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में टैक्नोलॉजी का उपयोग किया जा सकता है। एडुआरा को टैक्नोलॉजी का उपयोग करके शिक्षा का लोकतंत्रीकरण करने की दृष्टि से बनाया गया था, ताकि प्रीमियर गुणवत्ता की शिक्षा भारत के हर कोने में पहुंच सके और वो भी किफायती दरों पर।‘‘

यह अभियान क्यूँ

वर्ल्ड बैंक द्वारा जारी 2016 के आंकड़ों के अनुसार भारत प्रति व्यक्ति आय के लिहाज से काफी पिछड़ा हुआ है और विश्व भर के 164 देशों में यह 112वीं पायदान पर आता है। ऐसी स्थिति में लोग शिक्षा पर होने वाला भारी-भरकम खर्च भला कैसे वहन कर सकते हैं? इसी बात को ध्यान में रखते हुए जी-5 और एडुआरा ने 310 मिलियन से अधिक छात्रों को सशक्त बनाने के लिए किफायती दरों पर विश्व स्तर की गुणवत्ता वाली शिक्षा सामग्री देकर शिक्षा का लोकतंत्रीकरण करने के लिए हाथ मिलाया है।

6-17 आयु वर्ग में छात्रों के आंकड़े

देश में 6-17 आयु वर्ग के स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों की संख्या 310 मिलियन से अधिक है और यह दुनिया में सर्वाधिक है। 55 फीसदी से अधिक भारतीय छात्र ट्यूशन लेते हैं, और माता-पिता की आय का औसतन 11-12 फीसदी हिस्सा एक बच्चे की शिक्षा पर खर्च होता है। पिछले एक दशक में शिक्षा पर होने वाला खर्च 55,000 रुपए से बढ़कर 1,25,000 तक हो गया है, यानी 150 प्रतिशत से से अधिक की वृद्धि। अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा खर्च करने के बावजूद, माता-पिता का अपने बच्चों को मिलने वाली शिक्षा की गुणवत्ता पर कोई नियंत्रण नहीं है। दूसरी तरफ, भारत में ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से शिक्षा हासिल करने का खर्च भी 15,000 रुपए से लेकर 2 लाख रुपए प्रति वर्ष तक आता है।

जी-5 एवं एडुआरा की साझेदारी के बारे में

जी-5 ने अपनी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ टैक्नोलॉजी पार्टनर के साथ भागीदारी करते हुए निवेश किया है, जो उपभोक्ताओं के लिए किसी भी समय, किसी भी उपकरण पर सामग्री देखने के लिए एक बेहतर अनुभव प्रदान करने में उनकी मदद कर सकता है। एडुआरा के साथ इस साझेदारी के बा दजी-5 ऐप को उपयोगकर्ता के अनुकूल और सहज बनाकर प्लेटफॉर्म पर समग्र उपभोक्ता यात्रा को बेहतर बनाने के लिए टैक्नोलॉजी में और निवेश करना जारी रखेगा।

जी-5 के ग्राहक ‘इन-ऐप इंटीग्रेशन‘ के माध्यम से एडुआरा को आसानी से एक्सेस कर पाएंगे। शुरुआती ऑफर के तौर पर जी-5 अपने ऐसे सभी नए ग्राहकों के लिए 6 महीने तक मुफ्त एडुआरा की पेशकश करेगा, जो 31 मार्च, 2020 को या उससे पहले पंजीकरण करते हैं और सालाना पैक सब्सक्राइब करते हैं। जी-5 पर एडुआरा हिंदी और अंग्रेजी में उपलब्ध होगा- इस कीमत पर एकमात्र शैक्षणिक ऐप जो दर्शक के लिए भाषा विकल्प भी उपलब्ध कराता है।

लर्निंग के इस प्लेटफॉर्म की कुछ प्रमुख अग्रणी विशेषताओं में सीखने के लिए कई विकल्प शामिल हैं, जैसे कि इंटरैक्टिव एनीमेशन वीडियो, ई-बुक्स, और अभ्यास परीक्षण पत्र, अंग्रेजी सीखने का सेगमेंट जो सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए उपयोगी और महत्वपूर्ण है। साथ ही, सिविल सेवा, बैंकिंग और रेलवे जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए भी सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। ऐप के कंटेंट पर नजर रखने और गुणवत्ता की जांच के लिए आईआईटी, आईआईएम और अन्य प्रोफेसरों की टीम कार्य करेगी। यह टीम सामग्री के साथ-साथ एडुआरा प्रोफिशिएंसी कोशेंट, एडुआरा असिस्टेंट, वर्चुअल क्लासरूम ओर मेंटर सर्विस पर भी नजर रखेगी।

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