स्मृति ईरानी- एक साधारण सी लड़की जो बन गई महिला सशक्तीकरण की मिसाल
भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और मंत्री स्मृति ईरानी का आज जन्मदिन है। ऐसे में आइए जानतें हैं स्मृति ईरानी के बारे में बहुत सी अनसुनी बातें।
रामकृष्ण वाजपेयी
लखनऊ- भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और महिला राजनीतिज्ञ केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी बहुमुखी प्रतिभा की धनी हैं। आज उनका जन्म दिन है। उनके जन्मदिन पर आइये जानते हैं स्मृति जुबिन ईरानी के बारे में बहुत सी अनसुनी बातें।
स्मृति जुबिन ईरानी का जन्मदिन आज
स्मृति जुबिन ईरानी का जन्म 23 मार्च 1976 को दिल्ली में हुआ था। दिल्ली में ही उनकी पढ़ाई हुई। बहुत कम लोगों को यह बात पता होगी कि स्मृति ईरानी ने अपने पिता की मदद के लिए बहुत कम उम्र में ही काम करना शुरू कर दिया था। उन्होंने सौंदर्य प्रसाधन बेचने का काम भी किया इसके अलावा उन्होंने मैकडॉनल्ड्स में वेट्रेस और क्लीनर के पद पर भी कार्य किया। इसके बाद स्मृति ईरानी ने माडलिंग की दुनिया में प्रवेश किया। स्मृति ईरानी कालेज लाइफ में बहुत होनहार छात्र गिनी जाती थीं।
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ग्लैमर की दुनिया में ऐसे आईं स्मृति ईरानी
सामान्य मिडिल क्लास में जन्म लेने वाली स्मृति भारतीय परिवारों की रूढ़िवादी मानसिकता से अलग हटकर 1998 में ग्लैमर की दुनिया में किस्मत आजमानी चाही, उन्होंने 1998 में मिस इंडिया प्रतियोगिता में हिस्सा लिया, लेकिन आकर्षक भारतीय चेहरा होने के बावजूद फाइनल राउंड तक नहीं पहुंच पाईं।
स्मृति को मिला मीका के एलबम में काम करने का मौका
लेकिन इसके बाद स्मृति की हिम्मत खुली उनके अंदर आत्मविश्वास आया और उन्होंने मुंबई जाकर एक्टिंग में करियर आजमाने की कोशिश की। इसी दौरान स्मृति को मीका के एलबम में काम करने का मौका मिला, इस एलबम के बाद स्मृति को सीरियल में छोटे रोल मिलने लगे।
'क्योंकि सास भी बहू' से मिली टीवी इंडस्ट्री में घऱ-घर में पहचान
लेकिन उनकी किस्मत पलटी। क्योंकि सास भी बहू थी सीरियल से। वह घर घर में छा गईं। उनके किरदार के लोग दीवाने हो गए। इस सीरियल की बदौलत वह आठ साल तक छोटे पर्दे पर छाई रहीं। इसी दौरान उन्होंने शादी की और स्मृति मल्होत्रा से स्मृति जुबिन ईरानी बन गईं। इस दौरान उनके दो बच्चे भी हुए लेकिन उनकी लोकप्रियता लगातार परवान चढ़ती रही।
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स्मृति ने 2003 में ज्वाइन की भाजपा
छोटे पर्दे से सफलता की सीढियां चढ़ने के बाद उन्होंने राजनीति में किस्मत आजमानी चाही और इसके लिए उन्होंने 2003 में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। दिल्ली की चांदनी चौक सीट से पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार बनाया लेकिन वह कांग्रेस के कपिल सिब्बल से चुनाव हार गईं।
लगातार पांच बार भाजपा केंद्रीय समिति की सदस्य रहीं स्मृति
लेकिन पार्टी में अपनी शैली से वह चर्चा में आ गईं और भाजपा ने उन्हें महाराष्ट्र यूथ विंग का उपाध्यक्ष बना दिया। वह लगातार पांच बार भाजपा केंद्रीय समिति की सदस्य रहीं।राष्ट्रीय सचिव व पार्टी प्रवक्ता के रूप में कार्य किया। 2010 में उनकी कद्र करते हुए पार्टी ने उन्हें महिला मोर्चा की जिम्मेदारी सौंपी और 2011 में गुजरात से राज्यसभा में भेजा गया।
2011 में गुजरात से राज्यसभा में भेजी गईं स्मृति
2014 में कांग्रेस की परंपरागत सीट से उन्होंने कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को चुनौती दी लेकिन वह चुनाव हार गईं। लेकिन पार्टी में उनका कद और बढ़ गया और उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में मानव संसाधन विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई। लेकिन उनकी शैक्षिक योग्यता पर बवाल के बाद उन्हें कपड़ा मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने एक बार फिर राहुल गांधी को चुनौती दी और इस बार वह कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाने में कामयाब रहीं और राहुल गांधी को पराजित कर दिया।