बॉलीवुड के बैडमैन: कभी बेचते थे बर्तन, भूखे पेट रहकर बने सिनेमा के विलेन

गुलशन ग्रोवर आज एक जाना माना नाम हैं लेकिन कभी ऐसा भी दिन था जब वो काफी गरीब थे खाने और स्कूल की फीस भरने को जेब में पैसे नहीं हुआ करते थे।

Update:2020-09-21 12:00 IST
बॉलीवुड के बैडमैन: कभी बेचते थे बर्तन, भूखे पेट रहकर बने सिनेमा के विलेन

बॉलीवुड के बैडमैन गुलशन ग्रोवर आज पूरे 65 साल के हो गए। जहां फैन्स हीरो को देखना पसंद करते हैं वही बैडमैन गुलशन ग्रोवर ने विलेन का रोल निभा अपनी अलग पहचान बनाई।

कई भाषाओं में की फिल्म

आज भले गुलशन ग्रोवर एक जाना माना नाम हों लेकिन कभी ऐसा भी दिन था जब वो काफी गरीब थे खाने और स्कूल की फीस भरने को जेब में पैसे नहीं हुआ करते थे। बचपन में गरीबी में दिन गुजारने वाले गुलशन ने ना सिर्फ बॉलीवुड बल्कि हॉलीवुड, जर्मन, ऑस्ट्रेलियन, पोलिश, कनेडियन, ईरानी, मलेशियन, ब्रिटेन और नेपाली फिल्मों सहित भारत की भी विभिन्न भाषाओं में भी काम किया है।

Full View

ये भी देखें: बंगाल की खाड़ी में हलचल तेज: इन राज्यों में होगी जमकर बारिश, IMD ने बताया

बचपन में की मजदूरी

गुलशन ने अपनी अब तक की लाइफ में करीब 400 से अधिक फिल्मों में काम किया और फिल्मों में विलेन की भूमिकाओं को एक अलग स्तर पर पहुंचाया। हालांकि गुलशन के लिए ये सब इतना आसान नहीं था। गुलशन बचपन से ही काफी मेहनती थे। उनका स्कूल दोपहर का होता था। जिस वजह से वह सुबह सुबह ही अपने घर स्कूल की यूनिफॉर्म रखकर निकल जाया करते थे। वे हर सुबह अपने घर से दूर बड़ी-बड़ी कोठियों में बर्तन और कपड़े धोने वाले डिटर्जेंट पाउडर बेचा करते थे।

Full View

ये भी देखें: सीताराम बाजार में हुआ जोर का धमाका, मच गई अफरा-तफरी, कई लोग दबे

एक्टिंग का सपना किया पूरा

गुलशन इन सब के सहारे अपनी स्कूल की फीस भरा करते थे। उनके पिता ने उन्हें मेहनत करना और इमानदारी से काम करना सिखाया इसलिए वे कभी गरीबी से घबराए नहीं। कॉलेज तक भी गुलशन का यही हाल रहा। वह एक्टिंग में अपना हुनर आजमाना चाहते थे जिस वजह से वह मुंबई एक्टिंग के लिए आए, तब भी गुलशन को काफी कड़ा संघर्ष करना पड़ा लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। धैर्य और मेहनत के चलते ही वे आज इस मकाम पर हैं।

Full View

खलनायकों का दौर हुआ कम

आपको बता दें, कि दिल्ली के एक पंजाबी परिवार से ताल्कुख रखने वाले गुलशन की पहली फिल्म 1980 में आई 'हम पांच'। हालांकि संजय दत्त की पहली फिल्म रॉकी की शूटिंग उन्होंने पहले शुरू की थी। गुलशन को एक्टिंग का शौक था इसलिए वे थिएटर में काम करते रहे। उन्होंने प्रेमनाथ, प्राण, अमरीश पुरी जैसे लेजेंडरी विलेन्स की एक्टिंग से काफी कुछ सीखा और अपना खुद का विलेन का एक स्टाइल क्रिएट किया। हालांकि गुलशन मानते हैं कि आज के दौर में विलेन की प्रासंगकिता काफी कम हुई है और विलेन कॉमिक रोल्स भी कर रहे हैं वहीं हीरो भी कई तरह के ग्रे शेड्स रोल में नजर आने लगे हैं। ऐसे में खलनायकों का दौर बॉलीवुड में अब कम ही देखने को मिलता है।

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News