Cannibal Holocaust: इस फिल्म में हुए असली रेप, हत्या से नहीं चूके मेकर्स, पुलिस केस तक पहुंचा था मामला
Cannibal Holocaust Movie: 1980 में रिलीज हुई फिल्म कैनिबल हैलोकॉस्ट ने कहानी के दम पर सुर्खियां बटोरा बल्कि पर्दे के पीछे जो कुछ भी हुआ उससे फिल्म जगत को हैरत में डाल दिया।
Cannibal Holocaust Movie: 1980 में रिलीज हुई फिल्म कैनिबल हैलोकॉस्ट ने ना सिर्फ अपने कहानी के दम पर सुर्खियां बटोरा बल्कि पर्दे के पीछे जो कुछ भी हुआ उससे फिल्म जगत को हैरत में डाल दिया। यूं तो फिल्म जगत में कई ऐसी फिल्में बनती हैं जो लोगों के दिल और दिमाग पर गहरा छाप छोड़ जाती हैं। लेकिन इस फिल्म में और इससे जुड़ी जो बातें सामने आई उसे भुला पाना मुश्किल है।
दरअसल 7 फरवरी 1970 में वर्ल्डवाइड रिलीज हुई फिल्म कैनिबल हैलोकॉस्ट जिसका मतलब है (नरभक्षियों का प्रलय) यह एक हॉरर फिल्म थी। जिसका निर्देशन रगेरो डिओडाटो (Ruggero Deodato) ने किया था और इस फिल्म में गेब्रियल योर्के, रॉबर्ट केरमैन, ल्यूका जॉर्जियो बर्बरेस्ची, फ्रांसेस्का सियार्डी जैसे स्टार्स ने अहम भूमिका थी। फिल्म कि कहानी अमेजन के जंगलों में बसे आदिवासियों पर निर्भर थी, जहां डॉक्यूमेंट्री शूट करने गए एक ग्रुप को हत्या, रेप और हिंसा का सामना करना पड़ता है।
इस फिल्म के डायरेक्टर का मानना था कि इस फिल्म में दिखाए जाने वाले सीन रीयल लगे इसलिए रगेरो डिओडाटो ने सभी सीन को रीयल में दिखाने के लिए क्रूरता की सारी हदें पार कर दी। दरअसल 80 के दशक में VFX नहीं होने के कारण निर्देशन ने सारे सीन को रीयल में फिल्माने का फैसला लिया। रगेरो डिओडाटो की सोच थी कि फिल्म इतनी रीयल लगी कि फैंस को इससे नफरत हो जाए।
फिल्म कि कहानी आदिवासियों पर बेस्ड थी इसलिए ज्यादातर एक्टर्स ने इस फिल्म में न्यूड होकर सीन दिए। इतना ही नहीं जब इस फिल्म की शूटिंग चल रही थी कि, तब डायरेक्टर ने फिल्म का सीन रीयल लगे इसके लिए एक्टर्स की मर्जी के खिलाफ जाकर उनसे जानवरों की हत्या कराई। फिल्म के लिए रियल में कभी सुअर को तो कभी कछुए को मारा गया तो कभी बंदर की जान ली गई। ये सभी सीन इतने क्रूर और हिंसक रहें थे कि सेट पर मौजूद सभी लोग उल्टी कर देते थे।
रगेरो डिओडाटो को इससे भी शुकून नहीं मिला तो इस फिल्म में रेप और सेक्स सीन को रियल दिखाने के लिए रेप सीन की शूटिंग असल में की गई। जब एक्ट्रेस फ्रांसिस्का सियार्डी ने एक सेक्स सीन के दौरान जब कपड़े उतारने से मना कर दिया तो डायरेक्टर ने उन्हें काफी खरी खोटी सुनाई और खूब भला-बुरा भी कहा। साथ ही एक्ट्रेस को सेट से बाहर निकाल दिया और उसके बाद भी वे उन्हें खूब डांटते रहे। हार कर एक्ट्रेस फ्रांसिस्का ने डायरेक्टर के दबाव में आकर बिना कपड़ों के वह सीन दिया।
फिल्म की शूटिंग के दौरान जो भी हिंसक चीज़ें हुई और क्रूरता पार की गई इसका असर एक्टर्स की मानसिक हालत पर पड़ रहा था। बता दें एक्टर गेब्रियल योर्के ने जब एक लोकल लड़की के रेप सीन को फिल्माया तो सीन के लिए उस लड़की के साथ जो हिंसक चीज़ें की गई उसकी वजह से एक्टर काफी परेशान हो गए थे। ऐसा कहा जाता है कि एक्टर के दिमाग पर इस तरह से इसका असर हुआ कि वह अपने आपसे नफरत करने लगे थे और इस सीन के बाद उन्होंने अपनी गर्लफ्रेंड से भी ब्रेकअप तक कर लिया था।
डायरेक्टर की सनकीपन और क्रूरता का एक किस्सा यह भी है कि डायरेक्टर्स में सीन को असली दिखाने के लिए अपनी फिल्म के क्रू मेंबर्स को भी एक जलती हुई झोपड़ी में बंद कर दिया था क्योंकि फिल्म में झोपड़ी में आग का एक सीन था, जिसके अंदर लोग भी मौजूद थे। ऐसे में सीन को रीयल दिखाने के लिए डायरेक्टर ने अपने क्रू मेंबर्स को प्रेशराइज कर उस झोपड़ी में बंद किया और बाद में क्रू मेंबर्स को इस खतरनाक सीन के लिए भुगतान भी नहीं किया गया था।
हालांकि जब यह फिल्म रिलीज हुई तो इस फिल्म की खूब सराहना हुई थी। कुछ हिंसक सीन और रेप सीन को देखकर कई लोगों का खून खौला और उन्होंने डायरेक्टर के खिलाफ शिकायत करा दी थी। जिसके बाद फिल्म को बैन करने की मांग की गई मांग और नतीजा यह हुआ कि इस फिल्म को करीब 50 देशों में बैन कर दिया गया। इसके बावजूद भी यह फिल्म जहां भी रिलीज हुई, वहीं से कमाई के रिकॉर्ड बनाई। ऐसा बताया जाता है कि फिल्म को बनाने में टोटल खर्चे लगभग 1 लाख डॉलर में हुआ था लेकिन फिल्म रिलीज होने के बाद इसका कलेक्शन 200 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया था।
फिल्म की रिलीज के कुछ दिनों बाद फ़्रांस की एक मैगजीन ने एक तस्वीर छापी, जिसमें यह दावा किया गया कि फिल्म में एक्टर्स के असल मर्डर सीन शामिल हैं। जिसके बाद डायरेक्टर पर एक्टर्स के मर्डर का आरोप लगा और उनके खिलाफ हत्या का केस भी चला गया था। डायरेक्टर पर जिन एक्टर्स के मर्डर का आरोप लगा था बाद में डायरेक्टर ने उस एक्टर को खुद कोर्ट में सबूत के तौर पर पेश किया और फिर मामले में निजात पाई। लेकिन जानवरों के साथ हिंसा और उनकी निर्मम हत्या के आरोप में डायरेक्टर को फिल्म इंडस्ट्री से 4 महीने के लिए बर्खास्त कर दिया गया था। यह फिल्म उन फिल्मों में शुमार है जो अपनी कहानी और बिहाइंड द सीन के कारण लोगों को हैरत में डाल दिया था।