फियरलेस नाडिया: भारतीय सिनेमा में पुरुषों के वर्चस्वर को दी चुनौती, जानिए कहानी
भारतीय सिनेमा में एक ऐसी फियरलेस अभिनेत्री नजर आयी जिसने न सिर्फ बेखौफ अंदाज में अपनी जिंदगी को जिया बल्कि हंटर लेकर असामाजिक तत्वों को तत्काल सजा भी देना शुरू किया। ये हंटरवाली महिला थीं मेरी एन एवांस जिन्हें दुनिया फियरलेस नाडिया के नाम से जानती है।
मुंबई: हिंदी सिनेमा में मदर इंडिया, अंदाज़ और हमराज जैसी कई फिल्में हैं जिन्हें भारतीय नारी की महानता दिखाने के लिए जाना जाता है। इन फिल्मों ने भारतीय नारियों की महानता तो बखूबी दिखाई लेकिन उनके लिए मुश्किलें भी पैदा कीं। ऐसी फिल्में कहीं न कहीं ये भी संदेश देती हैं कि भारतीय नारियों को समाज में इज्जत पाने के लिए देवी बने रहना जरुरी है।
फियरलेस नाडिया
देवी बनने के लिए सहती रहें और त्याग करती रहें और उनके लिए ‘एंग्री’ होने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता था। एंग्री होना सिर्फ यंग मैन के हिस्से आता था। ऐसे में उस दौरान भारतीय सिनेमा में एक ऐसी फियरलेस अभिनेत्री नजर आयी जिसने न सिर्फ बेखौफ अंदाज में अपनी जिंदगी को जिया बल्कि हंटर लेकर असामाजिक तत्वों को तत्काल सजा भी देना शुरू किया। ये हंटरवाली महिला थीं मेरी एन एवांस जिन्हें दुनिया फियरलेस नाडिया के नाम से जानती है।
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ऑस्ट्रेलिया में जन्मी नाडिया का ऐसे पहुंची भारत
फियरलेस नाडिया यानी मेरी एवांस का जन्म 1908 में ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में हुआ। ब्रिटिश सैनिक पिता हर्बर्ट और ग्रीक मां मार्गरेट की बेटी मेरी अपने पिता के भारत तबादले की वजह से 1913 में मुंबई पहुंचीं। पेशावर में रहते हुए उन्होंने घुड़सवारी सीखी। बाद में उन्होंने बैले नृत्य सीखा। इतना ही नहीं निडर नाडिया लंबे समय तक सर्कस में काम भी किया। मेरी ने सारे देश की यात्रा की और इस वजह से उन्हें यहां की भाषा और संस्कृति को समझने में सहूलियत हुयी।
मेरी एन एवांस का बॉलीवुड से गहरा संबंध रहा। 1930-1950 के बीच में आईं बॉलीवुड फिल्में जैसे डायमंड क्वीन, हंटरवाली, शेर दिल और तूफान क्वीन में फियरलेस यानी निडर नाडिया को दिखाया गया। इन फिल्मों में नाडिया बेखौफ अंदाज में स्टंट करती हुईं नजर आईं थीं।
फिल्मों में खतरनाक स्टंट खुद किया करती थीं
मेरी एन एवांस को भारतीय सिनेमा में पुरुषों के वर्चस्वर को चुनौती देने वाली महिला के रूप में जाना जाता था। इतना ही नहीं इन्हें इंडिया की पहली महिला स्टंट आर्टिस्ट्स भी माना जाता है। फिल्मों में घुड़सवारी करना, चलती ट्रेन से कूदना, झरने के ऊपर से छलांग लगाना या शेरों के साथ खेलना, 'हंटरवाली' के नाम से जाने जानी वाली मेरी एन एवांस ये सारे स्टंट खुद किया करती थीं। इसलिए मेरी को 'फियरलेस नाडिया' का नाम दिया गया और इसी नाम से भारतीय सिनेमा में उनकी पहचान बन गई।
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करीब 50 फिल्मों में किया काम
सन 1935 में फिल्म हंटरवाली आई जिसमें नायिका मास्क लगाकर और अपने घोड़े -जिसका नाम पंजाब का बेटा था- पर बैठकर हंटर के साथ इंसाफ करने के लिए निकल पड़ी थी। ये वो दौर था जब फ़िल्मी परदे पर नायिका सिर्फ गाने के लिए होती थी। इसी दौर में नाडिया ने करीब 50 फिल्मों में काम किया। नाडिया की फिल्म 'डायमंड क्वीन' का एक डायलॉग ‘अगर हमें देश की आज़ादी चाहिए तो पहले देश की महिलाओं को आज़ाद करना होगा' आज भी लोगों याद है।
नाडिया की फिल्में सिर्फ भारत ही नहीं मध्य एशिया के देशों में भी गईं और इस तरह वे विदेशों में पहचानी जाने वाली भारत की पहली फिल्म कलाकार बनीं। नौ जनवरी 1996 में 88 साल की आयु में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कहा।