रिया चक्रवर्तीः जानिये एक्ट्रेस को हो सकती है कितनी लंबी सजा
सुशांत सिंह राजपूत केस से जुड़े ड्रग्स मामले की जांच के दौरान रिया चक्रवर्ती को गिरफ्तार कर लिया गया है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की टीम द्वारा ड्रग्स मामले में तीन दिन की पूछताछ के बाद रिया चक्रवर्ती की गिरफ्तारी हुई।
लखनऊ: सुशांत सिंह राजपूत केस से जुड़े ड्रग्स मामले की जांच के दौरान रिया चक्रवर्ती को गिरफ्तार कर लिया गया है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की टीम द्वारा ड्रग्स मामले में तीन दिन की पूछताछ के बाद रिया चक्रवर्ती की गिरफ्तारी हुई। एनसीबी का कहना है कि रिया ने माना कि कुछ मौकों पर उसने भी ड्रग्स ली थी। उन्होंने अपने भाई शौविक और सुशांत के साथ ड्रग्स ली।
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मिली जानकारी के मुताबिक, एनसीबी ने बताया कि रिया चक्रवर्ती ने गांजे की बड्स सिगरेट के साथ पी थी। वो किसी ड्रग पैडलर के सीधे टच में नहीं थी, लेकिन लॉकडाउन के बाद जब ड्रग्स मिलना बंद हो गया था, तब रिया ने शौविक से कहकर ड्रग्स मंगाया था।
रिया चक्रवर्ती पर एनडीपीएस एक्ट 1985 की धारा 8 (सी), 20 (बी), 27 (ए) और 29 लगाई गयीं हैं। क्या हैं ये धाराएँ और क्या है सजा जानते हैं इसके बारे में :
धारा 8 (सी)
किसी भी नारकोटिक्स ड्रग (मादक पदार्थ) या साइकोट्रोपिक पदार्थ (मनोत्तेजक मादक पदार्थ) का उत्पादन, निर्माण, खरीदना-बेचना, पास में रखना, इधर से उधर ले जाना, आयात-निर्यात प्रतिबंधित है। सिर्फ चिकित्सा या वैज्ञानिक कारणों के इस्तेमाल आदि की छूट दी गयी है।
सजा
इस धारा के अंतर्गत सजा इस बात पर निर्भर करती है कि नारकोटिक्स या साइकोट्रोपिक पदार्थ की मात्रा कितनी थी। कम मात्रा होने पर एक साल की सजा और 10 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।
20 (बी)
कैनाबिस (भांग) का उत्पादन, निर्माण, खरीदना-बेचना, पास में रखना, इस्तेमाल करना इधर से उधर ले जाना, आयात-निर्यात प्रतिबंधित है।
सजा
इस धारा के तहत सजा इस बात पर निर्भर करती है कि कितनी मात्रा किसी अभियुक्त के पास पायी गयी। मिसाल के तौर पर 100 ग्राम चरस/ हशीश या एक किलो भंग के मामले में 10 हजार रूपये जुर्माना या 6 महीने से 1 साल तक की जेल की सजा। या जुर्माना और सजा दोनों।
एक किलो चरस / हशीश या 20 किलो भांग के मामले में 2 लाख रुपये जुरमाना और 20 साल तक की सजा का प्रावधान है।
धारा 29
ये धारा आपराधिक षड़यंत्र और उकसाने, बहकाने से सम्बंधित है। यानी नारकोटिक्स ड्रग्स की खरीद फरोख्त, उत्पादन, इस्तेमाल आदि के लिए जो व्यक्ति षड़यंत्र रचता है या उसका हिस्सा है या किसी को इस काम के लिए उकसाता है तो उसके खिलाफ इस धारा का प्रयोग किया जाता है। इस धारा के अनुसार भले ही अपराध न किया गया हो लेकिन षड़यंत्र और उकसाना ही अपने आप में अपराध माना जाएगा।
सजा
इस धारा में सजा आईपीसीकी धारा ११६ के अनुरूप दिए जाने का प्रावधान है। यानी अपराध किये जाने में जितनी सजा होगी उसकी एक चौथाई सजा इस धारा के तहत होगी।
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कितनी मात्रा कम मानी जाती है
एनडीपीएस एक्ट के तहत चरस या हशीश की कम मात्र का कोई उल्लेख ही नहीं है जबकि कमर्शियल मात्रा एक किलो और उससे अधिक मानी गयी है। जहाँ तक गांजा की बात है तो एक किलो को स्माल क्वांटिटी और 20 किलो को कमर्शियल क्वांटिटी मानी गयी है।
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