नई दिल्ली : मास्टर जी यानी अशोक सलवान किसी परिचय के मोहताज नहीं है। पंजाबी फिल्मों के हास्य व चरित्र अभिनेताओं में अपनी अलग पहचान रखने वाले अशोक सलवान असल जिंदगी में शिक्षक हैं और बच्चे भी उन्हें उतना ही प्यार देते हैं जितना कि रुपहले पर्दे पर पंजाबी सिनेमा के दर्शक।
1982 में नवीन निश्चल, योगिता बाली व दारा सिंह अभिनित फिल्म 'सवा लाख से एक लड़ाऊं' से अपने फिल्मी कॅरियर की शुरुआत करने वाले अशोक सलवान अपने 25 साल के सिनेमायी सफर में 28 से अधिक फिल्मों में काम कर चुके हैं। सलवान कहते हैं कि उन्हें थिएटर व सिनेमा का शौक बलराज साहनी की फिल्मों को देख-देख कर लगा, जिसे पूरा करने के लिए वे गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर से ग्रेजुएशन करने के साथ थिएटर से जुड़ गए। धीरे धीरे उनका फिल्मी सफर आगे बढ़ता रहा और उन्होंने 20 से अधिक पंजाबी फिल्मों अलग अलग तरह के किरदार निभाएं हैं। सलवान कहते हैं कि उनकी अब तक कि सबसे बेहतरीन पंजाबी फिल्म 'ब्याह करांके रहेंगे' रही है। इसके अलावा उन्होंने कई टीवी सीरियल्स में भी काम किया है।
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अशोक सलवान एक स्टार के अलावा एक कुशल शिक्षक भी हैं। वर्तमान में वह डीएवी सीनियर सेकेंडरी स्कूल अमृतसर में बच्चों को पंजाबी पढ़ाते हैं। वे कहते हैं अभिनेता व शिक्षक में बहुत बड़ा अंतर है और नहीं भी है। क्योंकि यदि हम बच्चों को अच्छी सीख व संस्कार देंगे तभी वह आगे चल कर देश, समाज व खुद का भविष्य उज्ज्वल कर सकते हैं।
सलवान कहते हैं कि उनकी सेवानिवृत्ति में कुछ साल ही रह गए हैं। वे अभी से एक ऐसे विषय पर काम कर रहे है, जिसे लेकर वह रुपहले पर्दे पर आएंगे। उनकी आने वाली फिल्में 'कैंपस दा चैलेंज व 'बुल्लेशाह' दी बल्ले-बल्ले है' जो शीघ्र रिलीज होने वाली हैं।