बहन मालविका ने खोला एक्टर सोनू सूद की लाइफ का ये सबसे बड़ा राज
कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए लगाए लाकडाउन में सोनू सूद ने दिल खोलकर लोगों की सेवा की। हजारों लोगों को उनके घर सुरक्षित पहुंचाया। आज भी बच्चों की पढ़ाई के लिए काम कर रहे हैं।
मुंबई : बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद की बहन मालविका ने अपने भाई के लाइफ का सबसे बड़ा राज आज पूरी दुनिया के सामने खोलकर रख दिया है।
बहन ने बताया कि मेरे भाई किसी को मुसीबत में नहीं देख सकते हैं। लोगों का दर्द उनसे नहीं देखा जाता है। उनकी पहले से ही लोगों की हेल्प करने की आदत रही लेकिन जब से कोरोना का काल शुरू हुआ है तब से उन्होंने मदद करने का काम और ज्यादा तेज कर दिया है।
मानवता की सेवा करते सोनू खुद 10 करोड़ रुपये के कर्जदार हो गए हैं। उन्होंने अपनी संपत्तियां गिरवी रखकर बैंकों से कर्ज लिया है। हालांकि सोनू कर्ज लेने की बात से इन्कार नहीं कर रहे हैं, लेकिन इस बात को उजागर करने से भी बच रहे हैं।
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लाकडाउन में सोनू ने दिल खोलकर की थी मदद
बता दें कि कोरोना काल में एक्टर सोनू सूद ने जिस तरह से दिल खोलकर लोगों की मदद की है। वह बात किसी से भी छिपी हुई नहीं है।
कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए लगाए लाकडाउन में सोनू सूद ने दिल खोलकर लोगों की सेवा की। हजारों लोगों को उनके घर सुरक्षित पहुंचाया। आज भी बच्चों की पढ़ाई के लिए काम कर रहे हैं। सोनू की इस दरियादिली के लाखों लोग मुरीद हैं।
मुसीबत में फंसे जिन लोगों की सोनू सूद मदद की है उनके लिए वह रीयल लाइफ के हीरो हैं। बालीवुड स्टार की बहन मालविका सूद कहती हैं कि लोगों की सेवा के लिए बैंकों से कर्ज लेने की बात उजागर कर वे सहानुभूति हासिल नहीं करना चाहते। सोनू किसी को दुख, पीड़ा में नहीं देख सकते हैं। उसकी मदद के लिए उन्हें फिर कुछ भी करना पड़े।
कर्ज तो कुछ समय में चुका दिया जाएगा, लेकिन लोगों की मदद का मौका बार-बार नहीं मिलेगा। वह कहती हैं कि उनके भाई ने जो किया उससे वह बहुत खुश हैं।
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लोग कचरा फेंककर जाते तो सोनू उसे साफ करवाते
बहन ने बताया कि पिता शक्ति सूद के नाम पर सोनू सूद का छह मंजिल का होटल मुंबई के जूहू में है। जिस समय ये जगह खरीदी गई थी तो वहां लोग कचरा फेंका करते थे। कई बार आग्रह करने के बाद भी लोगों ने कचरा फेंकना बंद नहीं किया।
लोगों का कहना था वे 30 साल से यहां कचरा डालते हैं, वे कहां जाएंगे। उसके बाद से फिर कभी सोनू ने उन लोगों को कभी वहां कचरा फेंकने से मना नहीं किया, बल्कि खुद उस कचरे को साफ़ कराने लगे।
लोग कचरा फेंककर जाते और अगले दिन वे उसे उठवा देते। जिन इलाकों से कचरा आता था कुछ दिन बाद उस इलाके में बड़ा डस्टबिन रखवा दिया।
रोज गाड़ी भेजकर उस डस्टबिन को उठवाकर डंप में भिजवा देते। आज उस जगह आलीशान होटल है। सोनू के इस काम की चर्चा आज भी वहां के लोग करते हैं।
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