Coronavirus Effects: पैरों में जमा होने लगा खून, कोरोना के बाद से बुरा हाल, पढ़ें ये रिपोर्ट

Coronavirus Effects: कोरोना हो गया उनमें से बहुत से लोगों में लंबे समय तक तरह तरह के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। लॉन्ग कोविड के एक मरीज में 10 मिनट खड़े रहने के बाद पैर नीले पड़ने का एक असामान्य मामला सामने आया है।

Update:2023-08-12 18:18 IST
Effects of Coronavirus (Photo: Social Media)

Coronavirus Effects: कोरोना हो गया उनमें से बहुत से लोगों में लंबे समय तक तरह तरह के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। इस अवस्था को "लॉन्ग कोविड" नाम दिया गया है। अब एक ताजा जानकारी में लॉन्ग कोविड के एक मरीज में 10 मिनट खड़े रहने के बाद पैर नीले पड़ने का एक असामान्य मामला सामने आया है। द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में एक 33 वर्षीय व्यक्ति के मामले का वर्णन किया गया है, जिसमें "एक्रोसायनोसिस" नामक स्थिति डेवलप हुई, जो पैरों की नसों में खून जमा होने को बताती है।

खड़े होने पर जम जाता है खून

यूके के लीड्स विश्वविद्यालय के अध्ययन में कहा गया है कि खड़े होने के एक मिनट बाद, मरीज के पैर लाल होने लगे और समय के साथ और अधिक नीले होते गए, नसें ज्यादा फूलने लगीं। मरीज के खड़े होने के 10 मिनट बाद रंग अधिक स्पष्ट हो गया और पैरों में भारीपन आ गया और खुजली होने लगी। हालाँकि, मरीज के बैठने या लेटने की स्थिति में आने के दो मिनट बाद उसका मूल रंग वापस लौटता देखा गया।

कोरोना के बाद से हुआ ये हाल

शोधकर्ताओं ने अध्ययन में कहा है कि मरीज ने कहा कि उसे कोरोना संक्रमण के बाद से पैरों के रंग में बदलाव का अनुभव होने लगा था।
अध्ययन के लेखक और विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मेडिसिन में एसोसिएट क्लिनिकल प्रोफेसर मनोज सिवन ने कहा - "यह एक मरीज में एक्रोसायनोसिस का एक उल्लेखनीय मामला था, जिसने अपने कोरोना संक्रमण से पहले इसका अनुभव नहीं किया था।"
उस समय रोगी में पोस्टुरल ऑर्थोस्टैटिक टैचीकार्डिया सिंड्रोम (पीओटीएस) का निदान किया गया था। यह एक ऐसी स्थिति है जिसके कारण खड़े होने पर हृदय गति में असामान्य वृद्धि होती है।

लॉन्ग कोविड

लॉन्ग कोविड में शरीर की कई प्रणालियों को प्रभावित करते हुए पाया गया है, जिसमें स्वायत्त तंत्रिका तंत्र भी शामिल है, जो शरीर में हृदय गति, रक्तचाप, श्वसन, पाचन और यौन उत्तेजना जैसी प्रक्रियाओं को रेगुलेट करने के लिए जिम्मेदार है।।एक्रोसायनोसिस पहले स्वायत्त तंत्रिका तंत्र (डिसऑटोनोमिया) की शिथिलता वाले बच्चों में देखा गया है, जो पोस्ट-वायरल सिंड्रोम का एक सामान्य लक्षण है। इसका अनुभव करने वाले मरीजों को यह पता नहीं हो सकता है कि यह लंबे समय तक रहने वाले कोविड और डिसऑटोनोमिया का लक्षण हो सकता है। इसी तरह, चिकित्सकों को एक्रोसायनोसिस और लंबे समय तक रहने वाले कोरोना के बीच संबंध के बारे में जानकारी नहीं हो सकती है। सिवन की टीम के पिछले शोध से पता चला है कि डिसऑटोनोमिया और पीओटीएस दोनों अक्सर लॉन्ग कोविड वाले लोगों में विकसित होते हैं।

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