Health News: लम्बी उम्र के लिए वरदान है दाल, अनाज और मेवे, भोजन में करें शामिल

Health News : स्टडी के अनुसार रोजाना दाल और साबुत अनाज खाने से उम्र लंबी होती है।

Report :  Preeti Mishra
Published By :  Ragini Sinha
Update:2022-03-13 14:13 IST

वेजिटेबल (Social media)

Health News: हमारे देश में हमेशा से ही शाकाहारी भोजन पर ज्यादा जोर दिया गया है। बड़े बुजुर्ग पहले से ही बताते आ रहे हैं कि शाकाहारी भोजन से तन और मन दोनों प्रसन्न रहता है। अब यही बात एक अध्ययन ने भी साबित कर दिया है। 

एक स्टडी के अनुसार रोजाना दाल और साबुत अनाज खाने से उम्र लंबी होती है। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि यह बात एक अध्ययन में सामने आया है कि भोजन में दाल, अनाज और मेवे शामिल करने से व्यक्ति की उम्र लम्बी होती है। 

दैनिक आहार का हिस्सा

क्या आपने हाल ही में अनाज और दाल खाई है? यदि नहीं, तो अब इन सामग्रियों को अपने दैनिक आहार का हिस्सा बनाने का समय आ गया है। एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि रोजाना दाल और साबुत अनाज खाने से लंबे जीवन काल का संबंध है - जो नियमित रूप से नहीं खाने वालों की तुलना में 10 साल अधिक जीवन को दर्शाता है।

साबुत अनाज और नट्स शामिल

स्टडी में यह कहा गया है कि यदि आप अपने भोजन में रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट में कटौती करते हैं और अधिक फलियां, साबुत अनाज और नट्स शामिल करते हैं तो आप 10 अतिरिक्त वर्षों तक जीवित रह सकते हैं। अध्ययन के लेखकों ने इस शोध में निष्कर्ष पर पंहुचने के लिए 'विशिष्ट पश्चिमी आहार' की तुलना 'इष्टतम आहार' से की।

अध्ययन के लेखकों ने एक प्रकार का बेंचमार्क बनाया जिसमे "विशिष्ट पश्चिमी आहार" की तुलना "इष्टतम आहार" से की। उन्होंने पाया कि जो लोग पहले पश्चिमी आहार ज्यादा लेते थे और बाद में इष्टतम आहार पर स्विच कर गए उनके जीवन प्रत्याशा में बड़ी वृद्धि देखी गयी। स्टडी में यह सामने आया कि इष्टतम आहार लेने वाली महिलाओं की जीवन में 10.7 वर्ष और पुरुषों के जीवन में 13 वर्ष तक जुड़ सकते हैं।

स्टडी में यह पाया गया कि सामान्य तौर पर, अधिक फलियां खाने से पुरुषों और महिलाओं दोनों की जीवन प्रत्याशा में 2.3 साल जुड़ गए। इसके अलावा, अधिक साबुत अनाज जोड़ने से 2.2 वर्ष जुड़ गए जबकि नट्स से लगभग 2 वर्ष और जीवन प्रत्याशा में जुड़ गए। 

जीवन में 3.4 साल और जोड़ सकते हैं

पीएलओएस मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित, अध्ययन में कहा गया है कि अपने भोजन शैली में बुढ़ापे में भी बदलाव करने से लाभ मिल सकता है। स्टडी के अनुसार 60 साल के जिन पुरुषों और महिलाओं ने अपने भोजन शैली में बदलाव लाया तो संयुक्त रूप से उनकी जीवन प्रत्याशा 8.4 साल बढ़ गयी वहीँ 80 साल लोग भी भोजन शैली में बदलाव कर के अपने जीवन में 3.4 साल और जोड़ सकते हैं। 

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