Eye Health care: फोन का इस्तेमाल करते समय ना करें ये गलती, आंखों को उठाना पड़ सकता है नुकसान

Eye Health Care: वर्क फ्रॉम होम होने के बाद से लैपटॉप और मोबाइल का इस्तेमाल पहले से कहीं ज्यादा हो गया है। ऐसे में इसका असर आंखों पर ज्यादा देखने को मिल रहा है।

Written By :  Anupma Raj
Update:2022-09-15 12:22 IST

Eye Health care Tips (Image: Social Media)

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Eye Health Care Tips:  वर्क फ्रॉम होम होने के बाद से लैपटॉप और मोबाइल का इस्तेमाल पहले से कहीं ज्यादा हो गया है। ऐसे में इसका असर आंखों पर ज्यादा देखने को मिल रहा है। हालांकि आंखों की समस्या कई कारणों से हो सकती है। लेकिन फोन का लगातार इस्तेमाल और लंबे समय तक स्क्रीन पर समय बिताना भी मुख्य वजह बन चुका है। लेकिन क्या आपको पता हैं कि धूप में फोन का इस्तेमाल करने से आंशिक अंधापन हो सकता है। 

ऐसे में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। दरअसल जर्नल ऑफ मेडिकल केस रिपोर्ट्स ने एक ऐसी महिला के केस के बारे में जानकारी दी है जो दिन के उजाले में अपने मोबाइल डिवाइस को देखने से आंशिक रूप से अंधी हो गई थी। इसलिए, डॉक्टर्स की मानें तो धूप में फोन का इस्तेमाल ना करें, क्योंकि यह आंखों के लिए खतरनाक हो सकता है। दरअसल ऐसा माना जाता है कि फोन स्क्रीन पर सूर्य के शक्तिशाली रिफ्लेक्शन के संपर्क में आने के बाद रेटिना के डैमेज होने के कारण अंधापन हो सकता है। दरअसल यह शोध एक महिला और एक पुरुष दोनों पर किया गया था। इस शोध के दौरान स्क्रीन पर लगातार देखने से और सूर्य के प्रतिबिंब के बाद दोनों रोगियों को लंबे समय तक आंखों से जुड़ी समस्या का सामना करना पड़ा।

दरअसल मैक्यूलोपैथी, जिसे मैकुलर डिजनरेशन के रूप में भी जाना जाता है, एक ऐसी बीमारी है जो रेटिना के पिछले हिस्से को प्रभावित करती है, जिसे मैक्युला कहा जाता है। बता दे मैकुलोपैथी वाले लोग पूरी तरह से अंधे नहीं होते हैं, लेकिन अक्सर अपनी केंद्रीय दृष्टि खो बैठते हैं। इसमें सूर्य के सीधे संपर्क में आने से रेटिना और मैक्युला को नुकसान हो सकता है। दरअसल महिला रोगी के मामले में, सूर्य की खतरनाक किरण के कारण शुरू में दूर की आकृतियों को पहचानने में कठिनाई हुई। दरअसल, बाद में इसका इलाज "स्थायी केंद्रीय स्कोटोमा" के रूप में किया गया। हालांकि शोध में यह बात साफ नहीं हुई कि कम उम्र के लोगों को भी आंख की समस्या का खतरा नहीं हो सकता है।

शोध के दौरान दोनों रोगियों ने अपने मोबाइल का इस्तेमाल कम से कम तीन घंटे तक किया। इसलिए डॉक्टर्स का कहना है कि धूप में मोबाइल इस्तेमाल करते समय या पढ़ते समय धूप का चश्मा का उपयोग जरूर करें। ऐसा भी कहा जाता है कि सूर्य की किरणों में यूवीए और यूवीबी radiation मोतियाबिंद के विकास के जोखिम को बढ़ाते हैं। इसलिए यही कारण है कि विशेषज्ञ आंखों की बीमारियों से बचाने के लिए धूप का चश्मा पहनने की सलाह देते हैं।

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