Feet Swelling: पैरों की सूजन कई गंभीर बीमारियों के हो सकते हैं लक्षण, बिल्कुल भी न करें इग्नोर

Feet Swelling: देखा गया है की कई बार लोग अपने पैरों की सूजन को इग्नोर कर देते हैं, लेकिन कई बार आपकी ये अनदेखी किसी बड़ी समस्या की वजह बन सकती है।

Written By :  Preeti Mishra
Published By :  Shreya
Update:2022-03-22 21:26 IST

पैरों की सूजन (कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Feet Swelling Reason: कई बार आप अपने पैरों में आने वाली सूजन (Feet Swelling) को गंभीरता से नहीं लेते हैं। आपको लगता है कि ये किसी हलकी चोट की वजह से होगी जो अपने-आप ठीक हो जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं है। कई बार आपकी ये अनदेखी किसी बड़ी समस्या की वजह बन सकती है। 

देखा गया है की कई बार कुछ घरेलू उपचार और जीवनशैली में बदलाव से सूजन को कम हो जाते हैं लेकिन फिर उभर जाते हैं। अगर पैरों में आई सूजन कम नहीं हो रही हो या बार -बार हो रही हो, या सांस की तकलीफ के साथ-साथ पैरों में सूजन हो या छाती में दर्द हो या छाती में दबाव हो तुरंत डॉक्टर से सलाह जरूर ले लेनी चाहिए। कई बार ऐसे सूजन किसी गंभीर रोग के लक्षण हो सकते हैं।

पैरों में सूजन के कारण

1- किडनी की समस्या की शुरूआती लक्षण में पैरों में सूजन आना भी शामिल है। जिन लोगों की किडनी में परेशानी शुरू हो जाती है या उनकी किडनी ठीक से काम नहीं करती हैं तो उनकी उपरी बॉडी में फ्लूइड यानि तरल पदार्थ इकठ्ठा होना शुरू हो जाता है। बता दें कि किडनी की बीमारियों के ज्यादा लक्षण शुरूआती दौर में पता नहीं चलते हैं। बल्कि किडनी बहुत गंभीर हालत में पहुंच जाने के बाद पता चलते हैं। कई बार ऐसी स्थिति में किडनी डैमेज भी हो सकती है। इसके प्रमुख लक्षणों मे सांस फूलना, बहुत कम बार यूरिन के लिए जाना, थक जाना व कोमा में जाना आदि शामिल हैं।

2- लिवर से जुड़ी बीमारियों में कई बार आप का लिवर एल्बुमिन नाम का प्रोटीन बनाना बंद कर देता है। जिससे आप के शरीर में इस प्रोटीन कि कमी हो जाती है यानि अब आप की ब्लड वेसल्स से ब्लड लीक हो सकता है। जिसके कारण आप के पैरों में (तरल पदार्थ) फ्लूइड इकठ्ठा होना शुरू हो जाता है और अंततः पैरों में सूजन आ जाती है। बता दें कि एल्बुमिन वह प्रोटीन होता है जो आप की रक्त वाहिकाओं (ब्लड वेसल्स) से ब्लड को लीक होने से बचाता है। शरीर में इसकी कमी से पीलिया, चोट लगना, भूख न लगना, यूरिन के रंग में बदलाव व शरीर में ऊर्जा की कमी आदि होने जैसे लक्षण दिखने लगते हैं। किडनी बीमारियों से बचाव या ठीक करने के लिए दवाइयां, लो प्रोटीन डाइट, विटामिन डी व कैल्शियम के सप्लीमेंट्स दिए जाते हैं। आखिरकार किडनी के फेल हो जाने पर डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट एक ही एकमात्र उपाय बच जाता है।

3- पैरों में सूजन आने की बड़ी वजह कभी- कभी हृदय रोग भी होते हैं। कई बार अच्छे से ब्लड को पंप नहीं कर पाना या हृदय में किसी प्रकार की कोई क्षति होना भी इसका एक मुख्य कारण बनता है। बता दें कि हृदय के ब्लड पंप नहीं कर पाने की स्थिति में शरीर में पानी व नमक रिटेंशन करने लगता है। जिसके कारण पैरों में सूजन की समस्या शुरू हो जाती है। धड़कन तेज होना, सांसे फूलना, कमजोरी होना, थकान, छिकना, भूख न लगना आदि इसके प्रारंभिक लक्षण हैं। ऐसे लक्षणों को कभी भी नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। कई बार हृदय के सही से काम नहीं करने पर हृदय ट्रांसप्लांट सर्जरी ही बचाव का रास्ता बच जाती है।

4- शरीर में वीनस इंसफिसिंसी होने पर भी पैरों में दर्द और सूजन की समस्या हो जाती है। बता दें कि शरीर में खून का बहाव साधारण रूप से नहीं हो पाने के कारण यह समस्या उत्पन्न होती है। वॉल्व्स़ (रक्त शिराओं की दीवारें) के डैमेज होने के कारण होता है जिसके कारण ब्लड वेसल्स से लीक होने लगता है। पैरो में दर्द होना, स्किन अल्सर, इंफेक्शन आदि इसके शुरूआती लक्षण हैं।

5- हमारे शरीर का लिम्फेटिक सिस्टम अगर अपना काम ठीक से नहीं करें तो शरीर में टॉक्सिंस व बैक्टेरिया का जमाव हो जाता है। जिसके वजह से पैरों में सूजन या इंफेक्शन की समस्या हो जाती है। दर्द होना, इंफेक्शन, स्किन टाइट होना इसके प्रारंभिक लक्षण हैं। लिम्फेडेमा के लिए बनी कुछ स्पेशल एक्सरसाइज करके इसका उपचार किया जा सकता है। ध्यान दें अगर किसी व्यक्ति का कैंसर का इलाज हुआ है और उसे सूजन का अनुभव हो, उसे तत्काल अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

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