Health News: स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के बाद भी इलाज के लिए अपनी जेब से लाखों खर्च कर रहे कैंसर मरीज

Health News: हाल ही में हुई रिसर्च में सामने आया है कि हमारे देश के बड़े अस्पतालों में कैंसर के मरीज हर साल अपने इलाज के लिए अपनी जेब से 3.3 लाख रुपये खर्च कर रहे हैं। इस रिसर्च में 12,148 कैंसर रोगियों को शामिल किया गया था।

Update: 2023-07-12 07:15 GMT
Cancer patients spend Rs 3.3 lakh for treatment every year (Image- Social Media)

Health News: हमारे देश में कई स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के बाद भी कैंसर के मरीज हर साल इलाज के लिए अपनी जेब से 3.3 लाख रुपये खर्च कर रहे हैं। हाल ही में हुई एक रिसर्च में इसे लेकर खुलासा हुआ है। इस रिसर्च में दिल्ली, पीजीआई चंडीगढ़, टाटा मेमोरियल सेंटर मुंबई का डाटा और 12,148 कैंसर रोगियों को शामिल किया गया था।

औसत के हिसाब से होने वाला खर्च

इस रिसर्च को फ्रंटियर्स इन पब्लिक हेल्थ पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। जिसके अनुसार एक कैंसर रोगी के लिए इलाज के लिए हर साल 3.30 लाख रुपये खर्च किए जाते हैं। औसत के हिसाब से कैंसर रोगी परामर्श पर 8,053 रुपये खर्च करता है। अस्पताल में भर्ती होने के बाद का खर्च 39,085 रुपये तक आता है। लेकिन बार-बार अस्पताल जाने की वजह से 30% से 17% रोगी का स्वास्थ्य खर्च बढ़ जाता है। इस बेवजह होने वाले खर्च की वजह से 80 प्रतिशत से 67 प्रतिशत तक लोगों के गरीब होने की संभावना बढ़ जाती है।

बीमा योजनाओं का नहीं मिलता लाभ

रिसर्च के अनुसार जो लोग घर में रहकर ही इलाज कराते हैं, उनका कीमोथेरेपी के साथ-साथ नियमित निगरानी और सहायक देखभाल का खर्च अलग होता है। स्वास्थ्य बीमा योजनाओं का लाभ के केवल अस्पताल में भर्ती मरीजों को मिल पाता है। ऐसे में संभावित कैंसर के मामलों में शुरु का उपचार और स्टेजिंग का खर्च रोगियों को अपनी जेब से करना पड़ता है।

रिसर्च के अनुसार, कैेंसर के आउट पेशेंट के सभी ऑउट ऑफ पॉकेट एक्सपेंडीचर में डॉग्नोस्टिक टेस्ट का हिस्सा 36% था। वहीं, अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों का ओओपीई का अधिकतम 45% दवाएं खरीदने में जाता है।

डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल करना चाहिए

अपने सुपरविजन में रिसर्च कराने वालीं डॉ शंकर प्रिजा का कहना है कि, ''आयुष्मान भारत PM-JAY के स्वास्थ्य लाभ पैकेज में ज्यादा खर्च वाले उपचारों को शामिल किया जाना चाहिए। इसके साथ कैंसर पैकेजों के विस्तार को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। जिससे आउट पेशेंट को भी इलाज में लाभ मिल सके। दूसरा, कैंसर का इलाज शुरू से अंत तक डिजिटल पेमेंट से ही करना चाहिए।

Tags:    

Similar News