नई दिल्ली: आजकल कम उम्र में भी घुटनों की समस्या देखने को मिलती है। कई लोगों को तो असहनीय दर्द की शिकायत रहती है और पीडि़त व्यक्ति का चलना-फिरना तक मुश्किल हो जाता है। बुजुर्गों में यह समस्या इतनी ज्यादा हो जाती है कि वे छोटे मोटे काम भी नहीं कर पाते हैं। आइए जानते है कि इसके बारे में पूरी जानकारी और आयुर्वेद में इसका इलाज।
फ्ल्यूड में कमी से दर्द
घुटनों के बीच साइनोवियल फ्ल्यूड होता है जो घुटनों में ग्रीसिंग का काम करता है और उनमें लोच बनाए रखता है। उम्र बढऩे के साथ यह फ्ल्यूड धीरे-धीरे कम होता जाता है और घुटनों के बीच गैप आना शुरू हो जाता है। इनके साथ ही बढ़ती उम्र में अक्सर शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है जिससे व्यक्ति में ऑस्टियोपोरोसिस या फिर घुटनों संबंधी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। इन समस्याओं के समाधान के लिए आयुर्वेद में कुछ उपाय दिए गए हैं जो काफी कारगर साबित हुए हैं।
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ये हैं आयुर्वेदिक उपाय
- देसी बबूल (कीकर) की फली के बीज निकालकर पीस लें। रोज सुबह नाश्ते के 30 मिनट बाद एक चम्मच चूर्ण गुनगुने पानी के साथ 4-6 महीने तक नियमित लें।
- सहजन के 10 ग्राम पत्ते रोजाना सुबह 2 गिलास पानी में उबालें। पानी आधा गिलास रह जाने पर छान लें। थोड़ा ठंडा करके पीएं।
- निर्गुडी का चूर्ण, गोखरू और अश्वगंधा तीनों चीजें समान मात्रा में लें। अच्छी तरह मिला लें। रोजाना सुबह खाली पेट 10 ग्राम चूर्ण दो गिलास पानी में तब तक उबालें, जब तक पानी आधा गिलास न बच जाए। थोड़ा ठंडा होने पर पीएं।
- सुबह-शाम नियमित रूप से एक-एक अखरोट खाने से घुटने की समस्या में आराम मिलता है।
- 50 ग्राम लहसुन, 25 ग्राम अजवायन और 10 ग्राम लौंग, 200 ग्राम सरसों के तेल में पकाकर जला दें। ठंडा होने पर कांच की बोतल में छान कर रख लें। इस तेल से घुटनों या जोड़ों की मालिश करें।