Lucknow KGMU: एंटीफंगल ससेप्टिबिलिटी टेस्टिंग से ब्लैक फंगस का इलाज संभव
कोविड़-19 (Covid-19) के बाद म्यूकोरमोसिस या ब्लैक फंगस (Mucormycosis या Black Fungus) का इन्फेक्शन तेज़ी से लोगों में उभरकर आया।
Lucknow KGMU: किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्विद्यालय (KGMU) के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एडीएमआरसी ने दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन प्रोफेसर प्रशांत गुप्ता एवं प्रोफेसर गोपा बैनर्जी के नेतृत्व में किया। जिसका एकमात्र उद्देश्य वर्तमान में माइक्रोबायोलॉजिस्ट को एंटीफंगल ससेप्टिबिलिटी टेस्टिंग (Antifungal Susceptibility testing) के करने की विधि को बताना और उपस्थित केन्द्रों के फैकल्टी व तकनीशियन को हैंड्स-ऑन कराना था। जिससे इस आयोजन में उपस्थित केंद्र अपने यहाँ यह जाँच शुरू कर पाएंगे।
इस जाँच की आवश्यकता क्यों?
कोविड़-19 (Covid-19) के बाद म्यूकोरमोसिस या ब्लैक फंगस (Mucormycosis या Black Fungus) का इन्फेक्शन तेज़ी से लोगों में उभरकर आया। जिसके बाद चिकित्सा क्षेत्र को बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उसे ठीक करने के लिए कारगर दवाइयों का परिक्षण जरूरी था। ऐसी स्थिति में हम एंटीफंगल ससेप्टिबिलिटी टेस्टिंग (Antifungal Susceptibility testing) से म्यूकोरमोसिस या ब्लैक फंगस का सफल इलाज कर सकते हैं। आयोजन में इसी जाँच की विधि को बताया एवं कराया गया।
10 सरकारी मेडिकल कॉलेज के फैकल्टी व टेक्नीशियन ने सीखी विधि
इस आयोजन में उत्तर प्रदेश के 10 सरकारी मेडिकल कॉलेज को सम्मिलित किया गया। हर केंद्र से एक फैकल्टी और एक तकनीशियन उपस्थित रहे। जिसमें बीएचयू वाराणसी, जीएमसी कानपुर, आरडीएमसी बांदा, एएसएमसी बस्ती, एमएलएनएमसी प्रयागराज, यूपीयूएमएस सैफई, जीएसवीएम कानपुर, बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर और एएसएमसी फतेहपुर व शाहजहांपुर का नाम शामिल है। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में AMDRC सदस्य डॉ निधि पांडेय, प्रियम्वदा सक्सेना, डॉ निष्ठा सिंह, डॉ शीतल अग्रवाल, डॉ दिक्षा शुक्ला, डॉ साकिब हसन, डॉ अम्बर अज़ीम एवं विवेक कुमार का महत्वपूर्ण योगदान रहा।