Orthorexia Symptoms: क्या है ऑर्थोरेक्सिया, ऐसे करें पहचान, जानें बचाव के तरीके
Orthorexia Symptoms : सेहतमंद रहना हर व्यक्ति को पसंद होता है जिसके लिए वह हेल्दी डाइट लेना प्रेफर करता है। लेकिन कई बार हद से ज्यादा हेल्दी चीज हमें एक तरह के डिसऑर्डर से पीड़ित कर देती है।
Orthorexia Symptoms : सेहतमंद रहने के लिए अच्छा खाना पीना बहुत जरूरी होता है। आजकल की भाग दौड़ भरी जिंदगी में हम सेहत को भूलकर जो मन करता है वह खाते पीते हैं। आजकल तो वैसे भी फास्ट फूड का चलन काफी ज्यादा बढ़ गया है। लेकिन कई लोग ऐसे भी होते हैं जो फास्ट फूड से भरी इस टाइप में हेल्दी खाने पर जोर देते हैं। लेकिन अगर आपके दिमाग पर हमेशा दिखाने का बहुत सवार रहता है तो यह भी कोई बहुत अच्छी बात नहीं है। हम अपने आसपास बहुत से ऐसे लोगों को देखते हैं जो हर चीज ऐसी ही कहते हैं जो पूरी तरह से हेल्दी है। वह विटामिन और मिनरल्स के हिसाब से अपना खाना खाते हैं। यह एक तरह से बीमारी है और इसे मेडिकल की भाषा में और ऑर्थोरेक्सिया डिसऑर्डर कहा जाता है।
क्या है ऑर्थोरेक्सिया
यह एक ऐसी बीमारी है जो व्यक्ति का स्वस्थ भोजन के प्रति जुनून होता है। लोगों को यह बीमारी लग जाती है वह हमेशा सख्त डाइट फॉलो करते हैं और हेल्दी खाने के चक्कर में ऐसे कई चीजों को अपनी डाइट से बाहर कर देते हैं जो जरूरी होती है। भोजन की शुद्धता को लेकर हर वक्त उनके मन में चिंता बनी रहती है और यह हर चीज को देख परखकर खाना पसंद करते हैं। यह तरह का ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर है। अगर यह लंबे समय तक किसी व्यक्ति में बना रहे तो वह मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार हो सकता है।
कैसे हैं लक्षण
जो लोग इस तरह की बीमारी से ग्रसित होते हैं वह हमेशा खाद्य पदार्थों की न्यूट्रीशनल वैल्यू चेक करते हैं।
यह लोग कुछ भी खाने से पहले मेनू देखते हैं।
बाहर के खाने को अवॉइड करना उनकी आदत होती है और यह अक्सर लोगों को मना कर देते हैं।
यह घर का खाना पसंद करते हैं और अक्सर अपने साथ लंच बॉक्स लेकर चलते हैं।
किसी शादी पार्टी में शामिल होने के बावजूद भी है वहां मौजूद खाने को न खाकर उससे दूरी बनाकर रहना पसंद करते हैं।
अगर गलती से इन्होंने बाहर का खाना खा लिया है तो यह बीमार होने की चिंता में डूबे रहते हैं।
नमक, डेयरी और चीनी उत्पादों को खाने से यह घबराते हैं।
कैसे करें बचाव
यह कोई शारीरिक बीमारी नहीं है जिसका दवाओं से या फिर किसी अन्य तरह से इलाज किया जाए। यह व्यक्ति के मन में रहने वाले विचारों से पनपने वाली बीमारी है। अच्छा खान पान और हेल्दी खाना हम सभी के लिए जरूरी है लेकिन हर वक्त सिर्फ हल्दी के पीछे पड़े रहना और इसे हमेशा के लिए अपनी एक चिंता बनाकर छोड़ देना बिल्कुल भी सही नहीं है। यह जरूरी है कि वक्त के साथ हल्दी चीजों को अपनाया जाए और जहां जरूरत पड़ती है वहां पर एडजस्ट भी किया जाए तो इस तरह की बीमारी से बचा जा सकता है।