Fatty Liver Disease: आपकी नींद की ये आदतें बढ़ा सकती है फैटी लीवर रोग का खतरा

Fatty Liver Causes: नींद सेहत को हेल्दी बनाए रखने में बहुत मदद करती है। लेकिन क्या आपको पता है कि किसी के सोने से फैटी लीवर की बीमारी होने का खतरा कैसे प्रभावित हो सकता है।

Written By :  Anupma Raj
Update:2022-09-11 09:23 IST

Fatty Liver Disease (Image: Social Media)

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Fatty Liver Causes: नींद सेहत को हेल्दी बनाए रखने में बहुत मदद करती है। लेकिन क्या आपको पता है कि किसी के सोने से फैटी लीवर की बीमारी होने का खतरा कैसे प्रभावित हो सकता है। दरअसल एक अध्ययन के अनुसार सोने की कुछ आदतें हमारे शरीर और कुछ अंगों के काम करने के तरीके को प्रभावित कर सकती हैं।

बता दे कि नींद हमारे जीवन का एक जरूरी हिस्सा है जो हमें स्वस्थ और ऊर्जा से भरपूर रखने में मदद करता है। दरअसल नींद के बिना, हम हर समय थके रहेंगे और इसका हम पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी पड़ सकता है। फैटी लीवर रोग, लीवर में फैट का अधिक निर्माण होता है, जो अक्सर खराब आहार और खराब लाइफस्टाइल का परिणाम होता है। बता दे कि शोधकर्ताओं का कहना है कि सोने की आदतें जैसे झपकी लेना, खर्राटे लेना आदि भी इस बीमारी के खतरे को बढ़ाने में भूमिका निभा सकता है। इसके अलावा रात में खराब नींद और लंबे समय तक दिन में झपकी लेने वाले लोगों में फैटी लीवर की बीमारी होने का खतरा सबसे अधिक होता है। दरअसल अध्ययन में पाया गया कि नींद की गुणवत्ता में मामूली सुधार फैटी लीवर रोग के खतरे में 29 प्रतिशत की कमी से संबंधित था। शोध के अनुसार यह पाया गया कि झपकी लेना, देर से सोना और खर्राटे लेना इस बीमारी के बढ़ने के कारण थे। नींद की गुणवत्ता में मामूली सुधार फैटी लीवर की बीमारी के जोखिम को 29 प्रतिशत तक कम कर सकता है। हालांकि अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त होने, टाइप 2 मधुमेह या मेटाबोलिक सिंड्रोम होने या कुछ दवाएं लेने से भी फैटी लीवर रोग की संभावना बढ़ सकती है।

शोध के अनुसार जिनके ब्लड में फैट का हाई लेवल है, हाई ब्लड प्रेशर है, हेपेटाइटिस सी जैसे संक्रमण आदि भी इस जोखिम को बढ़ा सकते हैं। बता दे कि फैटी लीवर रोग के इलाज के लिए कोई विशेष दवा नहीं है। हालांकि, डॉक्टर कुछ लाइफस्टाइल में बदलाव करने की सलाह देते हैं जो आपके हेल्थ में सुधार कर सकते हैं, आपको किस प्रकार के फैटी लीवर की बीमारी है, इसके लिए आपको शराब और धूम्रपान छोड़ने के लिए कह सकते हैं। साथ ही वजन कम करना भी जरूरी है। अगर आप पहले से ही मधुमेह, कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को नियंत्रित करने के लिए कुछ दवाओं का सेवन कर रहें हैं तो डॉक्टर के निर्देश को जरूर माने। इस जोखिम को कम करने का सबसे अच्छा तरीका फैट युक्त खाद्य पदार्थ से दूरी बनाना, जो शरीर में आपके कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के लेबल को बढ़ा सकते हैं। वजन को कंट्रोल में रखना और नियमित रूप से व्यायाम करना जरूरी है। शराब का सेवन ना करें और अपनी दवाएं समय पर लें।





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