Sexually transmitted infection के लक्षण दिखते ही जांच है जरुरी-जाने कारण और बचाव

SIT: गौरतलब है कि STI पुरुषों से महिलाओं में, महिलाओं से पुरुषों में, महिलाओं से महिलाओं और पुरुषों से पुरुषों में भी फैल सकता है। बता दें कि बहुत सारे एसटीआई (STI) का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं द्वारा किया जा सकता है।

Written By :  Preeti Mishra
Update: 2022-06-15 14:48 GMT

Sexually transmitted infection(photo credit: social media)

STI यानी सेक्‍शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन या यौन संचारित संक्रमण असुरक्षित यौन संबंध के कारण महिलाओं व पुरुषों को होने वाली बीमारियों में से एक है। हालाँकि ये कई प्रकार की होती है जिसमें एचआईवी/एड्स, ह्यूमन पेपिलोमा वायरस संक्रमण, हर्पीज, हेपेटाइटिस, शैंकक्रॉइड, प्यूबिक लाइस, एचपीवी आदि भी शामिल हैं।

बता दें कि इनमें से कुछ बीमारियां ठीक हो सकती है जबकि कुछ का इलाज जिंदगीभर चलता रहता है। इतना ही नहीं अगर यह इंफेक्शन शरीर में बढ़ जाए तो व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। जिस कारण डॉक्टर हमेशा इन बिमारियों के इलाज से ज्यादा उसके बचाव के तरीकों पर जोर देते हैं ताकि शरीर संक्रमण की स्थिति पैदा ही न हो।

आमतौर इस समस्या से पीड़ित अधिकतर लोगों में इसके लक्षण दिखाई नहीं देते, इसलिए तबियत ठीक महसूस ना होने पर इससे जुड़े जरुरी परीक्षण कराना बेहद आवश्यक है । ताकि जल्द से जल्द इलाज़ शुरू किया जा सके। उल्लेखनीय है कि STI यौन संबंधों के द्वारा एक आदमी से दूसरे में आसानी से पहुंच सकता है। इसमें योनि, गुदा और मौखिक यौन संबंध भी शामिल हैं। ध्यान रहे कि आप जिनसे यौन संबंध बनाते हैं उनके द्वारा आप STI से संक्रमित हो सकते हैं या उन्हें संक्रमित कर सकते हैं।

गौरतलब है कि STI पुरुषों से महिलाओं में, महिलाओं से पुरुषों में, महिलाओं से महिलाओं और पुरुषों से पुरुषों में भी फैल सकता है। बता दें कि बहुत सारे एसटीआई (STI) का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं द्वारा किया जा सकता है। लेकिन कुछ रोग ऐसे भी हैं जैसे एचआईवी (HIV) जिसका अभी तक कोई सटीक इलाज़ नहीं है।। हाँ लेकिन इसे अधिक गंभीर होने से रोकने के लिए इसका इलाज किया भी जा सकता है।

STD/ STI पॉजिटिव निकले तो क्या करें :

अगर टेस्ट में आप एसटीआई या एसटीडी पॉजिटिव निकलते हैं तो आपको कुछ विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए :

जिनमें सेक्स से तब तक तौबा कर लें जब तक आप डॉक्टर को न दिखा लें और आपका इलाज शुरू न हो जाए, डॉक्टर के निर्देशों को गंभीरता के साथ फॉलो करें, सेक्स करते समय कॉन्डम का इस्तेमाल जरूर करें, जब तक डॉक्टर ना बोले तब तक सेक्शुअली ऐक्टिव बिलकुल ना हों, टाइम टू टाइम टेस्ट करवाते रहें ताकि इसका पता चल सके कि एसटीडी कितना कंट्रोल हुआ है या ठीक हुआ है और एसटीआई पॉजिटिव निकलने पर एहतियात के तौर पर अपने पार्टनर का टेस्ट भी जरूर करवाएं आदि बातें प्रमुख रूप से शामिल है।

ध्यान दें कि सिर्फ देख कर आप किसी के या खुद के संक्रमण का पता नहीं लगा सकते है। इसलिए अगर आपने कभी भी किसी के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाए हैं या आप को लगता है कि आप खतरे में हैं तो यह बेहद महत्वपूर्ण है कि आप अपना परीक्षण या टेस्ट जरूर करवाएं।

STI के लक्षण:

हालाँकि बहुत से लोगों को STI होता तो है लेकिन वे इसके लक्षणों पर ध्यान नहीं देते। ख़ास कर वह महिलाएं जिन्हें क्लैमाइडिया(chlamydia) है। बता दें कि अगर सही समय पर इसका इलाज ना किया जाए तो क्लैमाइडिया (chlamydia) आपकी गर्भधारण करने की क्षमता को भी बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है। उल्लेखनीय है कि गोनोरिया(Gonorrhoea) भी आपकी प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है। बता दें कि लगभग 50 प्रतिशत महिलाओं और 10 प्रतिशत पुरुषों मे गोनोरिया(Gonorrhoea) के कोई लक्षण दिखाई नहीं देते। लेकिन अगर सही समय पर इसका इलाज ना किया जाए तो एसटीआई (STI) आपके स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है।

अगर आपको नीचे दिए गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण महसूस कर रहे है तो आपको बिना देर किये इससे जुड़े टेस्ट करवा लेने चाहिए।

महिलाओं और पुरुषों दोनों में हो सकते हैं इसके लक्षण

आमतौर पर मूत्र विसर्जन के समय दर्द, जननांग के आसपास खुजली जलन और सिहरन, जननांग और गुदे के आसपास फुंसी, घाव, धब्बे और गांठ होना, आपके अंत:वस्त्रों में काला पाउडर और छोटे सफेद बिंदू-यह जननांगों में होने वाली जूं के अंडे हो सकते हैं आदि लक्षण शामिल होते हैं।

महिलाओं में:

आमतौर पर महिलाओं में पीले और हरे रंग का योनि स्राव, दुर्गंध वाला स्राव, माहवारी के बीच और यौन संबंध के बाद खून आना, यौन संबंध के दौरान दर्द और पेट के निचले हिस्से में दर्द होना आदि इसके लक्षण शामिल होते हैं।

पुरुषों में:

पुरुषों में इसके लक्षणों के रूप में लिंग से स्राव, मूत्र मार्ग में जलन (ट्यूब यूरीन का बाहर आना) आदि हो सकता है। गौरतलब है कि जरुरी नहीं है कि ये लक्षण सिर्फ एसटीआई (STI) होने की ही पुष्टि करते हो। लेकिन ये जानने के लिए चिकित्सक से जरूर सम्पर्क कर इलाज़ करवाएं। उदाहरण के लिए ये संभव है कि आपको बिना यौनसंबंध बनाए भी योनि संक्रमण हो। लेकिन फिर भी इसके STI जैसे लक्षण जैसे कि पीड़ा, खुजली और स्राव होना हो सकते हैं। बता दें कि लक्षणों को पहचानने के बाद योनि संक्रमण का इलाज आसान है।

गौरतलब है कि खुद को STI के संक्रमण से बचाने और फैलाने से बचने के लिए हमेशा कंडोम का प्रयोग करना चाहिए। 

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