Subah Chink Kyu Aati Hai: क्या आपको भी सुबह उठते ही आती है छींक, वजह कर देगी आपको हैरान

Subah Chink Kyu Aati Hai: अगर आपको भी सुबह सुबह उठते ही छींकें आना शुरू हो जातीं हैं तो आप भी यहाँ दी गईं टिप्स को फॉलो कर सकते हैं।

Update:2023-11-25 06:30 IST

Health Tips (Image Credit-Social Media)

Subah Chink Kyu Aati Hai: सर्दियाँ आते ही वायरल इन्फेक्शन और ज़ुखाम-खांसी आम बात हो जाती है। वहीँ कई लोग ऐसे भी हैं जिन्हे हर मौसम ज़ुखाम बना रहता है और सुबह सुबह सो के उठने पर उन्हें छींक आने लगती है। अगर आप भी इन लोगों में शामिल हैं तो ये आर्टिकल आपके लिए काफी उपयोगी हो सकता है। एक्सपर्ट की माने तो आप अपनी इस समस्या से कुछ आसान से उपायों द्वारा निजाद पा सकते हैं। आइये जानते हैं कैसे।

सुबह-सुबह छींक आने की परेशानी को करें दूर

अगर आपको उठते ही छींक आती है और आप इससे काफी ज़्यादा परेशान हैं तो आपको बता दें कि एक्सपर्ट कहते हैं कि आपको इसके लिए अपनी चादर को तुरंत बदलने की ज़रूरत है। अगर आप अपनी बेड शीट को हफ्ते में एक बार नहीं बदलते हैं तो आपको ज़रूर ही नाक-कान और गले की समस्‍याएं होंगीं। वैसे तो छींक आना और नाक बंद हो जाना एक सामान्य समस्या में शामिल है लेकिन अगर आप यहाँ बताई गयी बातों को अपना लेते हैं तो आपको कभी भी इसे लेकर दिक्कत नहीं आएगी।

एक्सपर्ट की माने तो ज़्यादातर लोग साफ़ दिखने वाली बेडशीट को देखकर उसे बदलने में कोताही करते हैं। उन्हें ऐसा लगता है कि उनकी बेडशीट तो अभी साफ़ है और इसे बदलने भी ज़रूरत नहीं है। लेकिन यकीन मानिये आपकी ये धारणा बिलकुल गलत है। आपकी साफ़ दिखने वाली बेडशीट दरअसल बेहद गन्दी हो चुकी है। ऐसे में आपके शरीर से निकली डेड स्किन और चादर से निकली धूल आपको काफी बीमार कर सकतीं हैं। जिसके बाद पहले तो आपकी नाक में जलन महसूस होगी फिर आपको छींक आना शुरू हो जाएगी। वहीँ अगर आप किसी तरह की एलर्जी की समस्‍या से जूझ रहे हैं तो आपको विशेष सावधानी की ज़रूरत है।

एक्सपर्ट्स की मानें तो चादर बदलना ही इस समस्या का एक मात्र सलूशन है। जिससे ये खतरनाक एलर्जी को कम किया जा सकता है। इसके अलावा आपको घर के बाकी हिस्सों में भी सफाई करनी चाहिए। क्योकि बाहर से धूल वगैरह आपके घर में आती है। इससे आपको सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। वहीँ अगर आपके घर में और भी एलर्जी पैदा करने वाले तत्‍व मौजूद हैं तो ये भी आपको परेशान कर सकते हैं।

इन सबके अलावा आपकी तकिया के कवर में भी काफी कीटाणु होते हैं। आपको जानकार हैरानी होगी कि एक तकिए के कवर में ज़्यादातर टॉयलेट सीट की तुलना में अधिक कीटाणु होते हैं। वैसे ये ज़्यादा खतरनाक नहीं होते हैं लेकिन आपको खांसी और छींक जैसे दिक्कत से दो चार ज़रूर करवा सकते हैं। वहीँ आपको बता दें की जो लोग अकेले रहते हैं वो चार महीने में एक बार अपनी बेडशीट बदलते हैं। वहीँ कपल्स महीने में एक बार अपनी बेडशीट बदलते हैं और महिलाएं भी चादर हफ्ते नहीं धोतीं।

याद रखिये कि अपनी आदतों में किया गया छोटा सा बदलाव आपको अपनी इस समस्या से छुटकारा दिला सकता है। 

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