लाल चीटियों की चटनी: इससे होगा कोरोना का इलाज, उड़ीसा हाईकोर्ट का आदेश
देश के कई राज्यों में लाल चीटियों का इस्तेमाल बुखार, सर्दी- जुखाम, सांस लेने में दिक्कत जैसी कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है। उड़ीसा हाईकोर्ट ने आयुष मंत्रालय और काउंसिल ऑफ साइंटिफिक रिसर्च के महानिदेशकों को जल्द फैसला लेने के लिए कहा गया है।
नई दिल्ली : उड़ीसा और छत्तीसगढ़ के इन जनजातीय इलाकों के लोग लाल चींटियों की चटनी बनाई जाती है। आपको बता दें कि यह लाल चीटियों की चटनी कोविड 19 के इलाज में इस्तेमाल किया जा सकता है। उम्मीद की जा रही है कि आयुष मंत्रालय जल्द ही इस चटनी को कोरोना के इलाज में इस्तेमाल कर सकता है। गुरुवार को उड़ीसा हाईकोर्ट ने आयुष मंत्रालय ने इस बात पर फैसला लेने के लिए तीन महीनों का समय दिया गया है।
लाल चीटियों का इस्तेमाल इन बीमारी में करते हैं
देश के कई राज्यों में लाल चीटियों का इस्तेमाल बुखार, सर्दी- जुखाम, सांस लेने में दिक्कत जैसी कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है। उड़ीसा हाईकोर्ट ने आयुष मंत्रालय और काउंसिल ऑफ साइंटिफिक रिसर्च के महानिदेशकों को जल्द फैसला लेने के लिए कहा गया है। आपको बता दें कि उड़ीसा हाईकोर्ट ने मंत्रालय को तीन महीने का समय दिया है।
इन राज्यों में पाई जाती है यह चीटियां
लाल चीटियों की इस चटनी में फॉर्मिक एसिड,प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन बी 12 पाया जाता है। इसके साथ इन लाल चीटियों की चटनी में जिंक और आयरन भी होता है। ये सभी चीजें हमारी शरीर की इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है। आपको बता दें कि इन लाल चीटियों को उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, असम, नागालैंड, त्रिपुरा और मेघालय के लोग खाते हैं। और इसके साथ कई बीमारियों का इलाज करते हैं।
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इंजीनियर नयाधार पाढ़ियाल
उड़ीसा हाईकोर्ट ने यह आदेश एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया जाता है। इस याचिका में लाल चटनी के प्रभाव को लेकर कई बार कार्रवाई नहीं किए जाने पर कोर्ट से दखल की मांग की गई थी। आपको बता दें कि यह याचिका बारीपाड़ा के इंजीनियर नयाधार पाढ़ियाल ने जून में वायरस से लड़ने के लिए चटनी के इस्तेमाल की बात कही थी। इसके बाद इसके संबंध में याचिका दाखिल कर दी थी।
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