Heart Valve Transplant Patients: हार्ट वॉल्व प्रत्यारोपण कराने वालों की सांसों की डोर कमजोर कर रहा गाढ़ा खून

Heart Valve Transplant Patients: सर्दी की दस्तक संग सेहत के प्रति सावधानी बरतने की जरूरत है। दिल के मरीज हैं तो सतर्कता और भी जरूरी है। हार्ट का वॉल्व प्रत्यारोपण करने वालों के लिए अगले कुछ महीने बेहद खतरनाक हैं।

Report :  Snigdha Singh
Update:2024-11-07 21:51 IST

Heart Valve Transplant Patients ( Pic-  Social- Media)

Heart Valve Transplant Patients: डॉक्टर बोले-सर्दी की शुरुआत बेहद खतरनाक, खून पतला करने की दवा जरूर लें। सर्दी की दस्तक संग सेहत के प्रति सावधानी बरतने की जरूरत है। दिल के मरीज हैं तो सतर्कता और भी जरूरी है। हार्ट का वॉल्व प्रत्यारोपण करने वालों के लिए अगले कुछ महीने बेहद खतरनाक हैं। ऐसे मरीजों में खून पतला करने की दवा की अनदेखी या जानकारी न होना सांसों की डोर को कमजोर कर रहा है। हृदय रोग संस्थान (कार्डियोलॉजी) में वॉल्व प्रत्यारोपण करा चुके 15 से 18 ऐसे रोगी रोज पहुंच रहे हैं, जिनके लिए गाढ़ा खून घातक बन रहा है। इनकी जान बचाने में डॉक्टरों को भी मशक्कत करनी पड़ रही है।


वॉल्व चिपकने से हार्ट में ही खून जमा

वरिष्ठ डॉक्टरों के मुताबिक सर्दी की शुरुआत में वॉल्व प्रत्यारोपण कराने वालों को खून पतला करने की दवा लेना बेहद जरूरी होता है। कई मरीज व यहां तक डॉक्टर भी इसे लेकर गंभीरता नहीं दिखाते हैं। ऐसे में वॉल्व आपस में ही चिपक जाता है। परिणामस्वरूप हार्ट में खून का अत्यधिक जमाव हो जाता है। कुछ ही पल में खून की दूसरे अंगों तक सप्लाई बंद होने लगती है और जीवन खतरे में पड़ जाता है।


पीटी-आईएनआर टेस्ट से पता लगाते हैं क्षमता

डॉक्टरों के मुताबिक खून पतला करने की क्षमता का पता लगाने के लिए पीटी-आईएनआर टेस्ट कराना अति आवश्यक होता है। प्रोथ्रोम्बिन टाइम (पीटी) परीक्षण रक्त के नमूने में थक्के बनने का समय निर्धारित करता है। इस परीक्षण की सामान्य सीमा 12-13 सेकेंड होती है। खून का पतलापन 2.5 से 3.0 के बीच होना चाहिए।


वॉल्व प्रत्यारोपण कराने वाले दें ध्यान

- शरीर में अचानक सूजन आना

- सीने में तेज दर्द का उठना

- हृदय की गति बेकाबू होना

- सांस तेज व फूलने की शिकायत

डॉ आरके वर्मा, कार्डियोलॉजी निदेशक के अनुसार वॉल्व प्रत्यारोपण कराने वालों के लिए सर्दी की शुरुआत बेहद सतर्कता वाला समय है। खून पतला करने की दवा जरूर लें। अनदेखी या जानकारी नहीं होना मौत की दहलीज तक ले जाता है। समय पर इलाज मिलने से बमुश्किल जान बचती है। एक-एक पल मरीज के लिए अहम होता है। कार्डियोलॉजी में ऐसे मरीजों को टेनेक्टेप्लेस इंजेक्शन फ्री सरकार की ओर से उपलब्ध है। यह बाजार में 30 से 35 हजार रुपये में आता है।

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