Depression Ke Lakshan: बहुत खतरनाक ये बीमारी, पूरी दुनिया में फैलती जा रही, हल्के में न लें इसे

Depression Ke Lakshan in Hindi: आलम यह है कि अमेरिका जैसे सम्पन्न और सभी सुविचाओं वाले देश में हर पांच में से एक व्यक्ति को डिप्रेशन से पीड़ित पाया गया है। और यह रफ्तार तेजी से बढ़ रही है।

Update:2023-06-17 19:26 IST
Depression Ke Lakshan in Hindi (Pic Credit - Social Media)

Depression Ke Lakshan in Hindi: अवसाद यानी डिप्रेशन एक बहुत बड़ी, गंभीर और व्यापक समस्या बनती जा रही है। आलम यह है कि अमेरिका जैसे सम्पन्न और सभी सुविचाओं वाले देश में हर पांच में से एक व्यक्ति को डिप्रेशन से पीड़ित पाया गया है। और यह रफ्तार तेजी से बढ़ रही है।

सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) द्वारा जारी एक अध्ययन में यह जानकारी दी गई है। यह अध्ययन अमेरिका के सभी 50 राज्यों और वाशिंगटन, डीसी में आयोजित किया गया था। इसमें 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वयस्कों पर ध्यान केंद्रित किया गया था। अध्ययन से यह भी खुलासा हुआ है कि कुछ राज्यों में अवसादग्रस्त वयस्कों की संख्या दूसरों की तुलना में अधिक है।

कम आय और कम शिक्षा

सीडीसी ने बताया कि कम आय वाले क्षेत्रों और उच्च गरीबी दर और निम्न शिक्षा स्तर वाले क्षेत्रों में रहने वाले वयस्कों में अवसाद के ऊंचे लेवल पाए गए। सीडीसी ने रिपोर्ट में कहा है कि डिप्रेशन के प्रसार में काफी भौगोलिक भिन्नता पाई गई थी।

सभी प्रतिभागियों में से लगभग 74,000 ने अवसाद की भावनाओं की सूचना दी। इसका अनुमान यह लगाया गया है कि 47 मिलियन अमेरिकी वयस्क (18.7 फीसदी) अवसाद से पीड़ित हैं। अवसाद के लक्षण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न हो सकते हैं, अत्यधिक अपराधबोध या कम सेल्फ वर्थ की भावनाओं से लेकर निराशा और आत्मघाती विचारों तक।

कोरोना का भी असर

अमेरिकन साइकियाट्रिक एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉ. रेबेका ब्रेंडल के अनुसार, कोरोना महामारी के दौरान इन भावनाओं में वृद्धि हुई है। ब्रेंडल ने बताया कि पिछले तीन वर्षों से हमारे स्वास्थ्य, विशेष रूप से हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ा है, जो हम जो कुछ भी जानते थे उसे बाधित कर दिया।

उम्मीद की किरण

अध्ययन में एक छोटी सी उम्मीद की किरण है। यह बताता है कि मानसिक स्वास्थ्य की चर्चा अधिक मुख्यधारा बन रही है, जिसका अर्थ है कि अधिक लोग उस मदद की तलाश कर सकते हैं जिससे वे पहले दूर भागते थे। हालांकि यह अवसाद से पीड़ित लोगों की दरों में वृद्धि करेगा। ब्रेंडल ने कहा, "हम मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बात करना आसान बना रहे हैं और इसे शारीरिक स्वास्थ्य की तरह ही अपने संपूर्ण स्वास्थ्य के हिस्से के रूप में देख रहे हैं।" लोगों को डिप्रेशन के बारे में पता है और लोग इसके लिए मदद मांग रहे हैं।”

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