सिक्किम के नए मुख्यमंत्री प्रेम सिंह गोले समेत 11 मंत्रियों ने ली शपथ
स्टेडियम में मौजूद हजारों समर्थकों ने नेपाली भाषा में शपथ ले रहे 51 वर्षीय पार्टी प्रमुख का उत्साहवर्द्धन किया। पूर्व मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग और सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के वरिष्ठ नेताओं ने शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा नहीं लिया।
सिक्किम: सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) के अध्यक्ष प्रेम सिंह तमांग ने सिक्किम के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। पी एस गोले के नाम से लोकप्रिय तमांग को राज्यपाल गंगा प्रसाद ने पलजोर स्टेडियम में शपथ दिलाई। उनके साथ एसकेएम के 11 विधायकों ने भी शपथ ली। चुनाव नहीं लड़ने के कारण गोले इस समय राज्य विधानसभा के सदस्य नहीं हैं। शनिवार को उन्हें एसकेएम विधायक दल का नेता चुना गया था।
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स्टेडियम में मौजूद हजारों समर्थकों ने नेपाली भाषा में शपथ ले रहे 51 वर्षीय पार्टी प्रमुख का उत्साहवर्द्धन किया। पूर्व मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग और सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के वरिष्ठ नेताओं ने शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा नहीं लिया। 2013 में गठित एसकेएम ने 32 सदस्यीय सिक्किम विधानसभा में 17 सीटें जीत कर स्पष्ट बहुमत हासिल किया है। एसडीएफ को 15 सीटों पर जीत मिली है।
एसकेएम ने 24 साल से अधिक समय से सत्तासीन चामलिंग सरकार को बेदखल किया है। मंत्रियों के रूप में शपथ लेने वाले एसकेएम के 11 नेता क्रमश: कुंगा नीमा लेप्चा, सोनम लामा, बेदु सिंह पंथ, डॉ मणि कुमार शर्मा, अरुण कुमार उप्रेती, संदुप लेप्चा, लोक नाथ शर्मा, मिंगमा नोरबू शेरपा, कर्मा लोडय भूटिया, भीम हैंग लिम्बो और संजीत खरेल हैं।
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शपथ लेने के बाद अपना चुनावी वादा पूरा करते हुए राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए पांच दिवसीय कार्य सप्ताह की घोषणा की है। गोल ने का कार्यभार संभालने के बाद आला अफसरों के साथ बैठक की और सिक्किम में सरकारी कर्मचारियों के लिए पांच दिवसीय कार्य सप्ताह करने का फैसला लिया।
उन्होंने कहा कि सरकार कर्मचारियों के लिए हमारा यह चुनावी वादा था जिसे पूरा किया है। उन्होंने कहा कि एक दिन की छुट्टी का इस्तेमाल कर्मचारी अपने स्वास्थ्य, अपने माता-पिता और परिवार के सदस्यों की देखभाल के लिए कर सकेंगे।
गोले का असली नाम प्रेम सिंह तमांग है। चुनाव नहीं लड़ने के कारण गोले इस वक्त राज्य विधानसभा के सदस्य नहीं हैं। नेपाली मां-बाप कालू सिंह तमांग और धान माया तमांग के बेटे गोले का जन्म पांच फरवरी 1968 में हुआ था। गोले ने दार्जिलिंग के एक कॉलेज से बीए किया और एक सरकारी स्कूल में शिक्षक के रूप में काम करना शुरू किया था।
तीन साल की सेवा के बाद गोले ने सरकारी नौकरी छोड़ दी और बाद में एसडीएफ में शामिल हो गए। गोले की तीन दशक की राजनीतिक यात्रा उतार चढ़ाव वाली रही है। वह 1994 से लगातार पांच बार सिक्किम विधानसभा के लिए चुने गए और 2009 तक एसडीएफ सरकार में मंत्री के तौर पर काम किया था।