1550 विद्रोही 150 हथियारों के साथ इस दिन करेंगे आत्मसमर्पण
देश में NRC को लेकर बवाल असम में शुरू हुआ था, भारी मात्रा में यहां के लोगों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया था। अब असम को लेकर नई खबर आ रही है
नई दिल्ली: देश में NRC को लेकर बवाल असम में शुरू हुआ था, भारी मात्रा में यहां के लोगों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया था। अब असम को लेकर नई खबर आ रही है कि मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने उग्रवादी संगठन उल्फा-आई के लीडर परेश बरुआ को बातचीत के लिए निमंत्रण दिया है।
इस संगठन का हाथ उत्तर पूर्व भारत और असम में लंबे समय से हिंसक गतिविधियों में रहा है। कुछ समय पहले गणतंत्र दिवस के मौके पर डिब्रूगढ़ में उल्फा-आई ने चार जगह धमाके किए थे। लेकिन इनमें कोई परेशान नहीं हुआ था।
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हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि केंद्र सरकार भी यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (इंडिपेंडेंट) के साथ शांति वार्ता के लिए तैयार है। एक दिन पहले असम के बोडो इलाके में स्थायी शांति के लिए केंद्र सरकार ने असम सरकार व तीन मुख्य विद्रोही गुटों के साथ त्रिपक्षीय समझौता किया। इसके अंदर अब असम से अलग बोडोलैंड बनाने की मांग खत्म होगी।
उल्फा-आई संगठन के हेड परेश बरुआ ने कहा ये
बोडो उग्रवादियों के सरकार से समझौते के बाद उल्फा-आई संगठन के हेड परेश बरुआ ने कहा था कि इससे आने वाले समय में राज्य में शांति बहाल होगी। खासकर बोडोलैंड के क्षेत्र में। उन्होंने कहा कि राज्य में इसे लेकर कोई अलग विचार नहीं है। बोडो लोग अपने अधिकारों को लेकर दशकों से लड़ रहे हैं। हम अपनी जमीन पर एकता के साथ रहेंगे। बरुआ के इस बयान से माना जा रहा है कि वह केंद्र सरकार की इस पहल से शांति समझौते पर विचार कर सकते हैं।
आपको बता दें कि असम के बोडो इलाके में स्थायी शांति के लिए केंद्र ने असम सरकार व तीन हेड विद्रोही गुटों के साथ त्रिपक्षीय समझौता किया है। गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में सोमवार को गृह मंत्रालय में हुए समझौते के अंदर अब कोई गुट अलग बोडो राज्य की मांग नहीं करेगा।
असम के खतरनाक उग्रवादी संगठन नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (NDFB) के चार गुटों के 1550 विद्रोही 150 हथियारों के साथ 30 जनवरी को आत्मसमर्पण करेंगे। सरकार हथियार डालने वाले विद्रोहियों के पुनर्वास और क्षेत्र के विकास के लिए 1500 करोड़ का आर्थिक पैकेज देगी।
गृह मंत्री अमित शाह ने इसे ऐतिहासिक करार बताते हुए कहा
अमित शाह ने इसे ऐतिहासिक करार बताते हुए कहा, केंद्र असम समेत पूरे पूर्वोत्तर के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। समझौता उसी का अहम हिस्सा है। बोडो उग्रवाद की वजह से कुछ दशकों में 4000 से ज्यादा लोगों की जान गई है। ये समझौता बोडो लोगों के विकास का रास्ता खोलेगा।
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अमित शाह की मौजूदगी में NDFB, ऑल बोडो स्टूडेंट यूनियन (ABSU) और यूनाईटेड बोडो पीपुल्स ऑर्गनाईजेशन (YBPO) के शीर्ष नेताओं ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। केंद्र की ओर से गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव सत्येंद्र गर्ग और असम के हेड सचिव कुमार संजय कृष्ण ने हस्ताक्षर किए। असम के सीएम सर्बानंद सोनोवाल ने गवाह के तौर पर हस्ताक्षर किए। ABSU 1972 से अलग बोडोलैंड के लिए आंदोलन चला रही थी।