7 भारतीयों का अपहरण: आतंकियों की बड़ी डिमांड, मदद करेगा ये देश
भारत के कुछ नागरिक लीबिया की एक कम्पनी में काम करते हैं, जिन्हे आतंकियों ने अगवा कर लिया और कम्पनी से उनको छुड़ाने की एवज में फिरौती की मांग की।
नई दिल्ली: आतंकियों के निशाने पर भारतीय बने हुए हैं, वो चाहे अपने देश में हो या अन्य किसी देश में। मामला लीबिया का है, जहां आतंकियों ने 7 भारतीयों का अपहरण कर लिया है। अगवा भारतीयों को छोड़ने के एवज में फिरौती की भी मांग की है। इसके लिए 20 हजार डॉलर की राशि की मांग हुई। बता दें कि ये सातों भारतीय यूपी के कुशीनगर- देवरिया और बिहार के रहने वाले हैं। भारत में उनके परिजनों को इस बात की सूचना मिलने पर उन्होंने सरकार से उनकी रिहाई को लेकर मदद मांगी है।
लीबिया में काम करने वाले 7 भारतीय अगवा
दरअसल, भारत के कुछ नागरिक लीबिया की एक कम्पनी में काम करते हैं, जिन्हे आतंकियों ने अगवा कर लिया और कम्पनी से उनको छुड़ाने की एवज में फिरौती की मांग की। बताया जा रहा है कि यूपी के कुशीनगर जिले के मुन्ना चौहान सहित सात भारतीयों का अपहरण किया गया है। लीबिया में उनकी कंपनी से 20 हजार डॉलर की फिरौती की मांग की गई।
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आतंकियों ने कंपनी से मांगी 20 हजार डॉलर की फिरौती
जानकारी के मुताबिक, कुशीनगर जिले के नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र के अंतर्गत गढ़िया बसंतपुर गांव का रहने वाला मुन्ना चौहान सितंबर 2019 में दिल्ली स्थित एनडी एंटरप्राइजेज ट्रेवल एजेंसी के जरिए आयरन वेल्डर के रूप में लीबिया गया था। उसका वीजा 13 सितंबर, 2020 को समाप्त हो गया था, उसे वापस लौटना था, लेकिन इससे पहले ही मुन्ना सहित सात भारतीयों को अगवा कर लिया गया।
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कंपनी आतंकियों को फिरौती की रकम देने के लिए तैयार
मुन्ना के परिजनों ने बताया कि बीतें 13 सितंबर को मुन्ना ने कुशीनगर कॉल कर अपने परिवार से फोन पर बात की थी और बताया था कि वह 17 सितंबर को लीबिया से दिल्ली के लिए उड़ान भरेगा। लेकिन बाद में परिवार का उससे सम्पर्क नहीं हो सका। इसके बाद 27 सितंबर को उनके परिवार ने दिल्ली स्थिति उसी ट्रेवल एजेंसी से मुलाक़ात की, जिससे ने मुन्ना को लीबीया भेजा था, तो पता चला कि मुन्ना और अन्य 6 का अपहरण हो गया है। ट्रेवल एजेंसी ने बताया कि कंपनी आतंकियों को फिरौती की रकम देने के लिए तैयार है।
सभी श्रमिकों की रिहाई के लिए विदेश मंत्रालय से गुहार
इसके बाद परिजनों ने दिल्ली के प्रसादपुर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करवाई और मुन्ना चौहान सहित सभी श्रमिकों की रिहाई के लिए विदेश मंत्रालय से गुहार लगाई है। हालाँकि विदेश मंत्रालय से भारतीयों के अगवा होने पर अब तक कोई बयान जारी नहीं हुआ है।
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